ETV Bharat / state

ऐसे दूर होगा छत्तीसगढ़ से कुपोषण का कलंक

छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी योजना को लेकर बीजेपी बघेल सरकार पर हमलावर रहती है. इसी बीच नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी योजना के तहत अच्छी खबर आई है. पोषण बाड़ी योजना के तहत लोग कुपोषण से जंग जीत रहे हैं. झालम गांव के 105 घरों के लोगों को पोषण बाड़ी से भरपूर लाभ मिल रहा है.

vegetables-are-being-given-under-poshan-bari-scheme-for-freedom-from-malnutrition-in-bemetara
पोषण बाड़ी योजना की मुहिम से लोगों को मिली हरी सब्जियां
author img

By

Published : Jan 3, 2021, 10:41 PM IST

बेमेतरा: छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी योजना रंग ला रही है. कुपोषण को हराने में पोषण बाड़ी योजना कारगर साबित हो रही है. बेमेतरा के झालम गांव में 105 घरों को रोज हरी सब्जियां मिल रही है. रोजाना हरी सब्जी खाने से लोगों के स्वास्थ्य में सुधार नजर आया है. कृषि विज्ञान एंव अनुसंधान केंद्र मे 105 घरों को गोद लिया है. लोगों को स्वस्थ करने के लिए पोषण बाड़ी विकसित की गई है. पोषण बाड़ी से लोगों को भरपूर लाभ मिल रहा है.

लोगों को मिल रहा पोषण बाड़ी योजना का लाभ

पढ़ें: जांजगीर-चांपा: कोरोना काल में धीमी पड़ी सुपोषण अभियान की रफ्तार, 1 साल में 4 हजार बच्चे हुए सुपोषित

बेमेतरा में कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र के मार्गदर्शन में झालम गांव में पोषण बाड़ी योजना के तहत बाड़ी विकसित की गई है. बाड़ी में गोभी, मटर, मूली, टमाटर, धनिया, मिर्च, बैगन, सेमी, मेथी और कई किस्म की सब्जियां लगाई गई है. झालम गांव के लोग बाड़ी से सब्जी तोड़कर खा रहे हैं. झालम गांव के लोग स्वस्थ दिख रहे हैं. गांव में बाड़ी लगाने वाले रामप्रसाद ध्रुव ने बताया कि उन्हें बाड़ी योजना के तहत लाभ हो रहा है. हम रोज अपनी बाड़ी की सब्जी खा रहे हैं.

Green vegetables are being given under poshan Bari Scheme for freedom from malnutrition in bemetara
पोषण बाड़ी योजना के तहत लोगों को मिला लाभ

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना संकट से सुपोषण अभियान को झटका, 20 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित

गांव के 105 घरों में चल रही बाड़ी योजना
बेमेतरा कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र 105 घरों मे निःशुल्क फलदार सब्जी के बीज का वितरण किया था. इसका अब असर दिख रहा है. योजना का उद्देश्य 'गांवों से कुपोषण भगाना है, और लोगों तक पोषण आहार पहुंचाना है. झालम गांव में योजना का लाभ देखने को मिल रहा है. गांव में जिनके घर पानी नहीं है, वे भी बाहर से पानी लाकर सब्जी उगा रहे हैं.

vegetables are being given under poshan Bari Scheme for freedom from malnutrition in bemetara
झालम गांव में पोषण बाड़ी योजना के तहत बाड़ी विकसित

गांव में योजना का हो रहा बेहतर क्रियान्वयन
कृषि विज्ञान एंव अनुसंधान केंद्र के डीन डॉ. केपी वर्मा ने बताया कि झालम गांव में पोषण बाड़ी योजना का असर देखने को मिला. योजना का लोगों को लाभ मिल रहा है. ग्रामीणों ने भाजी और गोभी का लाभ लिया है. उन्हें रोजमर्रा की सब्जियां मिल रही है. ग्रामीणों को देशी किस्म की बीज दी गई है. फलों के बीजों को पकाकर किसान दोबारा सब्जी लगा रहे हैं.

Green vegetables are being given under poshan Bari Scheme for freedom from malnutrition in bemetara
105 घरों के लोगों को पोषण बाड़ी से मिल रही सब्जी

दूर से पानी की व्यवस्था कर लगा रहे सब्जी

अनुसंधान केंद्र के डीन डॉ. केपी वर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा इस बात की खुशी है. जिनके घरों में पानी नहीं है. वे भी दूर से पानी की व्यवस्था करके सब्जी लगा लिए हैं. गांव में योजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो रही है. जो हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है.

योजना के पीछे क्या है उद्देश्य ?
पोषण बाड़ी योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों से कुपोषण भगाना है. ग्रामीणों के घरों में बाड़ी विकसित करना. ताकि ग्रामीणों को हरी सब्जियां और पोषण आहार मिल सके. इसी के तहत पोषण बाड़ी योजना विकसित की गई है. झालम के लोगों से अब प्रदेश के ग्रामीणों इलाकों को सीखने की जरूरत है, ताकि कुपोषण से छुटकारा मिल सके. हमेशा लोग स्वस्थ रहें.

बेमेतरा: छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी योजना रंग ला रही है. कुपोषण को हराने में पोषण बाड़ी योजना कारगर साबित हो रही है. बेमेतरा के झालम गांव में 105 घरों को रोज हरी सब्जियां मिल रही है. रोजाना हरी सब्जी खाने से लोगों के स्वास्थ्य में सुधार नजर आया है. कृषि विज्ञान एंव अनुसंधान केंद्र मे 105 घरों को गोद लिया है. लोगों को स्वस्थ करने के लिए पोषण बाड़ी विकसित की गई है. पोषण बाड़ी से लोगों को भरपूर लाभ मिल रहा है.

लोगों को मिल रहा पोषण बाड़ी योजना का लाभ

पढ़ें: जांजगीर-चांपा: कोरोना काल में धीमी पड़ी सुपोषण अभियान की रफ्तार, 1 साल में 4 हजार बच्चे हुए सुपोषित

बेमेतरा में कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र के मार्गदर्शन में झालम गांव में पोषण बाड़ी योजना के तहत बाड़ी विकसित की गई है. बाड़ी में गोभी, मटर, मूली, टमाटर, धनिया, मिर्च, बैगन, सेमी, मेथी और कई किस्म की सब्जियां लगाई गई है. झालम गांव के लोग बाड़ी से सब्जी तोड़कर खा रहे हैं. झालम गांव के लोग स्वस्थ दिख रहे हैं. गांव में बाड़ी लगाने वाले रामप्रसाद ध्रुव ने बताया कि उन्हें बाड़ी योजना के तहत लाभ हो रहा है. हम रोज अपनी बाड़ी की सब्जी खा रहे हैं.

Green vegetables are being given under poshan Bari Scheme for freedom from malnutrition in bemetara
पोषण बाड़ी योजना के तहत लोगों को मिला लाभ

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना संकट से सुपोषण अभियान को झटका, 20 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित

गांव के 105 घरों में चल रही बाड़ी योजना
बेमेतरा कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र 105 घरों मे निःशुल्क फलदार सब्जी के बीज का वितरण किया था. इसका अब असर दिख रहा है. योजना का उद्देश्य 'गांवों से कुपोषण भगाना है, और लोगों तक पोषण आहार पहुंचाना है. झालम गांव में योजना का लाभ देखने को मिल रहा है. गांव में जिनके घर पानी नहीं है, वे भी बाहर से पानी लाकर सब्जी उगा रहे हैं.

vegetables are being given under poshan Bari Scheme for freedom from malnutrition in bemetara
झालम गांव में पोषण बाड़ी योजना के तहत बाड़ी विकसित

गांव में योजना का हो रहा बेहतर क्रियान्वयन
कृषि विज्ञान एंव अनुसंधान केंद्र के डीन डॉ. केपी वर्मा ने बताया कि झालम गांव में पोषण बाड़ी योजना का असर देखने को मिला. योजना का लोगों को लाभ मिल रहा है. ग्रामीणों ने भाजी और गोभी का लाभ लिया है. उन्हें रोजमर्रा की सब्जियां मिल रही है. ग्रामीणों को देशी किस्म की बीज दी गई है. फलों के बीजों को पकाकर किसान दोबारा सब्जी लगा रहे हैं.

Green vegetables are being given under poshan Bari Scheme for freedom from malnutrition in bemetara
105 घरों के लोगों को पोषण बाड़ी से मिल रही सब्जी

दूर से पानी की व्यवस्था कर लगा रहे सब्जी

अनुसंधान केंद्र के डीन डॉ. केपी वर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा इस बात की खुशी है. जिनके घरों में पानी नहीं है. वे भी दूर से पानी की व्यवस्था करके सब्जी लगा लिए हैं. गांव में योजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो रही है. जो हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है.

योजना के पीछे क्या है उद्देश्य ?
पोषण बाड़ी योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों से कुपोषण भगाना है. ग्रामीणों के घरों में बाड़ी विकसित करना. ताकि ग्रामीणों को हरी सब्जियां और पोषण आहार मिल सके. इसी के तहत पोषण बाड़ी योजना विकसित की गई है. झालम के लोगों से अब प्रदेश के ग्रामीणों इलाकों को सीखने की जरूरत है, ताकि कुपोषण से छुटकारा मिल सके. हमेशा लोग स्वस्थ रहें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.