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बेमौसम बारिश से किसानों की फसल को नुकसान, अफसर बोले- 'सब फायदे में हैं' - गेहूं

4 साल से अकाल की मार झेल रहे किसान इस साल अच्छी फसल की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन बेमौसम हुई बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

बेमौसम बारिश बनी आफत
बेमौसम बारिश बनी आफत
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Published : Jan 16, 2020, 10:51 AM IST

Updated : Jan 16, 2020, 11:46 AM IST

बेमेतरा: पिछले सप्ताह हुई बेमौसम बारिश किसानों के सामने आफत बनकर आई है. किसानों की फसल पूरी तरीके से चौपट हो गई है.

बेमौसम बारिश से किसानों के अरहर की फसल के फूल झड़ गए हैं. चना, मसूर और तीवरा के पत्ते मुरझा गए हैं, जिससे किसान परेशान नजर आ रहे हैं. वहीं कई खेतों में अत्यधिक जल भराव से फसलों को नुकसान हुआ है.

20 हजार हेक्टेयर में किसानों ने लगाया गेहूं

बता दें कि लगातार 4 सालों से अकाल की मार झेल रहे किसान इस साल अच्छी फसल की उम्मीद लगाए बैठे थे. इसलिए किसानों ने पिछले साल की तुलना में इस बार 14 हजार हेक्टेयर अधिक चना और गेंहू की फसलें लगाई हैं. जिले में इस साल कुल 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर चना की फसल ली जा रही है. वहीं 20 हजार हेक्टेयर में किसान गेंहू की फसल ले रहे हैं.

अधिकारी बारिश को किसानों के लिए बता रहे फायदेमंद

बेमौसम बारिश से किसानों की अरहर, चना, तिवरा, मसूर की फसलें प्रभावित हुई हैं, लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी दफ्तर में बैठे-बैठे बिना फील्ड में गए आकलन कर रहे हैं और बारिश को किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं.

बेमेतरा: पिछले सप्ताह हुई बेमौसम बारिश किसानों के सामने आफत बनकर आई है. किसानों की फसल पूरी तरीके से चौपट हो गई है.

बेमौसम बारिश से किसानों के अरहर की फसल के फूल झड़ गए हैं. चना, मसूर और तीवरा के पत्ते मुरझा गए हैं, जिससे किसान परेशान नजर आ रहे हैं. वहीं कई खेतों में अत्यधिक जल भराव से फसलों को नुकसान हुआ है.

20 हजार हेक्टेयर में किसानों ने लगाया गेहूं

बता दें कि लगातार 4 सालों से अकाल की मार झेल रहे किसान इस साल अच्छी फसल की उम्मीद लगाए बैठे थे. इसलिए किसानों ने पिछले साल की तुलना में इस बार 14 हजार हेक्टेयर अधिक चना और गेंहू की फसलें लगाई हैं. जिले में इस साल कुल 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर चना की फसल ली जा रही है. वहीं 20 हजार हेक्टेयर में किसान गेंहू की फसल ले रहे हैं.

अधिकारी बारिश को किसानों के लिए बता रहे फायदेमंद

बेमौसम बारिश से किसानों की अरहर, चना, तिवरा, मसूर की फसलें प्रभावित हुई हैं, लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी दफ्तर में बैठे-बैठे बिना फील्ड में गए आकलन कर रहे हैं और बारिश को किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं.

Intro:एंकर- जिले में विगत सप्ताह दिनों तक हुई बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बन कर आई है जिससे किसानों की फसल पूरी तरीके से चौपट हो गई है बता दें कि बेमौसम बारिश से किसानों की अरहर की फसल के फूल झड़ गए हैं तो चना मसूर और तीवरा के पत्ते मुरझा गए हैं जिससे किसान परेशान नजर आ रहे हैं वही कई खेतो में अत्यधिक जल भराव से फसलो को नुकसान हुआ है।Body:बता दें कि फसलों में फूल किस समय में अंचल में हुई बेमौसम बारिश से किसान परेशान हैं जिनको उनके फसलों को नुकसान हुआ है बता दें कि लगातार 4 वर्षों से अकाल की मार झेल रहे किसान इस वर्ष अच्छी फसल की उम्मीद लगाए बैठे थे इसलिए किसानों ने पिछली वर्ष की तुलना में 14हजार हेक्टेयर अधिक में चना और गेहूं की फसलें लगाई है बता दें कि जिले में इस वर्ष कुल 1लाख 10 हजार हेक्टेयर में चना की फसल ली जा रही है वहीं 20 हजार हेक्टेयर में किसान गेहूं ले रहे हैं।
(sum)
जिले में विगत 7 दिनों से हुई बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बन कर आई है जिससे किसानों की अरहर चना मसूर तिवरा की फसल प्रभावित हुई है जिससे किसान परेशान नजर आ रहे है।
Conclusion:बेमौसम बारिश से किसानों की अरहर चना तिवरा मसूर की फसलें प्रभावित हुई हैं परंतु जिले के जिम्मेदार अधिकारी दफ्तर में बैठे बैठे ही बिना फील्ड में गए आंकलन कर रहे हैं और बारिश को किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं।
बाईट-1 लेखा राम साहू किसान जेवरा एन (सफेद गमछा)
बाईट-2 रमेश साहू किसान अँधियारखोर(लाल शर्ट)
बाईट-3 एस एस राजपूत उपसंचालक कृषि बेमेतरा
Last Updated : Jan 16, 2020, 11:46 AM IST
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