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कोरोना काल में शिक्षा की ज्योत: युवाओं ने संभाली मोहल्ला क्लास की कमान - studying in dhamtari by applying mohalla class

कोरोना के कारण इन दिनों स्कूलों में जहां ताले लटके हुए हैं. वहीं बेमेतरा के गांव-गांव में पढ़े लिखे युवाओं ने पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के अंतर्गत संचालित मोहल्ला क्लास की कमान संभाली है. जो लगातार बच्चों को चौपाल लगाकर पढ़ा रहे हैं.

studying in bemetara by applying mohalla class under padhai tunhar duar
बेमेतरा में मोहल्ला क्लास की शुरुआत
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Published : Aug 26, 2020, 7:08 PM IST

बेमेतरा: कोरोना काल के कारण जहां प्रदेश भर के स्कूलों को बंद रखा गया है. वहीं जिले के गांव-गांव में पढ़े-लिखे युवाओं ने नन्हे बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. प्रदेश सरकार के पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के तहत गांवों में मोहल्ला क्लास शुरू किया गया है, जिसके तहत पढ़े-लिखे युवा बच्चों को चौपाल लगाकर पढ़ा रहे हैं. इसमें अभिभावकों और शिक्षकों का विशेष योगदान है.

बेमेतरा में पढ़े-लिखे युवाओं ने संभाली मोहल्ला क्लास की कमान

कोरोना के नियंत्रण के मद्देनजर प्रदेशभर के स्कूलों को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप की वजह से स्कूल 6 महीने बाद भी नहीं खुल पाई है. जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े इसलिए सरकार ने पढ़ई तुंहर दुआर अभियान शुरू किया. इसके अंतर्गत शिक्षकों की ओर अभिभावकों को जागरूक कर मोहल्ला क्लास की शुरूआत की गई है, जिससे बच्चों को लगातार शिक्षा मिलती रहे.

इन गांवों में संचालित हो रहा मोहल्ला क्लास

जिले में अब मोहल्ला क्लास का असर देखने को मिल रहा है और जिले के गांव-गांव में पढ़े लिखे युवा चौपाल लगाकर बच्चों को पढ़ा-लिखा रहे हैं. जिले में पडकीडीह, देवरी, मक्खनपुर, गोपालपुर, घोघरा, तोरा और गाड़ामोड़ गांव के बच्चे मोहल्ला क्लास के अंतर्गत पढ़ाई कर रहे हैं.

मोहल्ला क्लास में बच्चों को बताया जा रहा मास्क का महत्व

पडकीडीह में मोहल्ला क्लास में बतौर शिक्षिका उपस्थित रश्मि तिवारी ने बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है. इस मोहल्ला क्लास में करीब 27-28 बच्चे नियमित रूप से पढ़ने आ रहे हैं, जिन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर पढ़ाया जा रहा है. साथ ही बच्चों को कोविड-19 संक्रमण के बचाव के लिए मास्क के महत्व को बताया जा रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: संक्रमण काल में स्पीकर से एजुकेशन, लाउडस्पीकर के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षक

हर साल जून-जुलाई से शुरू हो जाता था स्कूल

शिक्षा सत्र हर साल जून-जुलाई से शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से स्कूल समय पर शुरू नहीं हो पाया है. वहीं राज्य शासन ने छात्रों की शिक्षा को सुचारू तरीके से जारी रखने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर योजनाओं के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई कराने का काम शुरू किया है, जिससे उनकी पढ़ाई में किसी तरह की कोई परेशानी न आए.

बेमेतरा: कोरोना काल के कारण जहां प्रदेश भर के स्कूलों को बंद रखा गया है. वहीं जिले के गांव-गांव में पढ़े-लिखे युवाओं ने नन्हे बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. प्रदेश सरकार के पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के तहत गांवों में मोहल्ला क्लास शुरू किया गया है, जिसके तहत पढ़े-लिखे युवा बच्चों को चौपाल लगाकर पढ़ा रहे हैं. इसमें अभिभावकों और शिक्षकों का विशेष योगदान है.

बेमेतरा में पढ़े-लिखे युवाओं ने संभाली मोहल्ला क्लास की कमान

कोरोना के नियंत्रण के मद्देनजर प्रदेशभर के स्कूलों को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप की वजह से स्कूल 6 महीने बाद भी नहीं खुल पाई है. जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े इसलिए सरकार ने पढ़ई तुंहर दुआर अभियान शुरू किया. इसके अंतर्गत शिक्षकों की ओर अभिभावकों को जागरूक कर मोहल्ला क्लास की शुरूआत की गई है, जिससे बच्चों को लगातार शिक्षा मिलती रहे.

इन गांवों में संचालित हो रहा मोहल्ला क्लास

जिले में अब मोहल्ला क्लास का असर देखने को मिल रहा है और जिले के गांव-गांव में पढ़े लिखे युवा चौपाल लगाकर बच्चों को पढ़ा-लिखा रहे हैं. जिले में पडकीडीह, देवरी, मक्खनपुर, गोपालपुर, घोघरा, तोरा और गाड़ामोड़ गांव के बच्चे मोहल्ला क्लास के अंतर्गत पढ़ाई कर रहे हैं.

मोहल्ला क्लास में बच्चों को बताया जा रहा मास्क का महत्व

पडकीडीह में मोहल्ला क्लास में बतौर शिक्षिका उपस्थित रश्मि तिवारी ने बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है. इस मोहल्ला क्लास में करीब 27-28 बच्चे नियमित रूप से पढ़ने आ रहे हैं, जिन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर पढ़ाया जा रहा है. साथ ही बच्चों को कोविड-19 संक्रमण के बचाव के लिए मास्क के महत्व को बताया जा रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: संक्रमण काल में स्पीकर से एजुकेशन, लाउडस्पीकर के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षक

हर साल जून-जुलाई से शुरू हो जाता था स्कूल

शिक्षा सत्र हर साल जून-जुलाई से शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से स्कूल समय पर शुरू नहीं हो पाया है. वहीं राज्य शासन ने छात्रों की शिक्षा को सुचारू तरीके से जारी रखने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर योजनाओं के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई कराने का काम शुरू किया है, जिससे उनकी पढ़ाई में किसी तरह की कोई परेशानी न आए.

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