बेमेतरा: प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट साजा से भाजपा ने बिरनपुर में हुए सांप्रदायिक हमले में मारे गए भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को अपना प्रत्याशी बनाया है. और जब से भाजपा ने ईश्वर साहू के नाम की घोषणा की है तब से यह सीट पूरे प्रदेश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है कांग्रेस पार्टी यहां परंपरागत रूप से चौबे परिवार को टिकट देते आ रही है वर्तमान में यहां से प्रदेश के शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे विधायक है.
साजा विधानसभा के ओड़िया में जनसंपर्क करने पहुंचे भाजपा प्रत्याशी ईश्वर साहू ने ETV भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि खुद को न्याय दिलाने, हिंदू धर्म को लेकर वे जनता के पास जा रहे हैं. जनता का उन्हें समर्थन भी मिल रहा है.
सनातन और हिन्दू धर्म को दबाना चाहती है सरकार: साजा के भाजपा प्रत्याशी ईश्वर साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हिन्दू धर्म को दबाना चाहती है. सनातन धर्म को कुचलना चाह रही है. मेरे और मेरे परिवार को अब तक न्याय नहीं मिला है. इसी न्याय के लिए हम जनता के पास जा रहे हैं.
मंत्री को मैं नहीं जनता देगी जवाब: ईश्वर साहू ने कहा कि साजा से कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र चौबे से कड़ी चुनौती को लेकर ईश्वर साहू ने कहा कि उनके साथ मैं नहीं लड़ रहा हूं. हमारे क्षेत्र की जनता उनके साथ चुनाव लड़ रही हूं. यहां की जनता उन्हें चुनाव में सबक सिखाएगी.
शेर को पकड़ने बांधा जाता है बकरा : भाजपा प्रत्याशी ने कहा की, कहां राजा भोज कहां गंगू तेली की एक कहावत भी है, वही हालात साजा में है. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेसी बोलते हैं कि हम तो सोए-सोए चुनाव जीत रहे हैं, बैठे बैठे चुनाव जीत रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा पूरा देश चला रही हैं. भाजपा ने कुछ सोच समझकर ही उन्हें टिकट दिया होगा.
बकरा को बांध के शेर को फंसाया जाता है. शेर को पता हीं नहीं होता कि बकरा के पास जाने से उन्हें पकड़ लिया जाएगा.- ईश्वर साहू, भाजपा प्रत्याशी
साजा के सियासी समीकरण: साजा विधानसभा क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के सबसे ज्यादा मतदाता है. जिसमें लोधी और साहू मतदाताओं की अधिकता है. अब तक ऐसा देखा गया है कि यह दोनों समाज कांग्रेस को सबसे ज्यादा मतदान करते आए हैं. इस बार बिरनपुर में हुए हिन्दू मुस्लिम के सांप्रदायिक हिंसा के बाद से हालातों में परिवर्तन देखने को मिल रहा है. जहां भाजपा ने सहानुभूति और OBC कार्ड खेलते हुए ईश्वर साहू को टिकट दिया है. बिरनपुर हिंसा के बाद एक ओर जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता हिंसा में मारे गए भुवनेश्वर साहू के घर पहुंचे वही कांग्रेस के स्थानीय नेता वहां नहीं गए जिसे लेकर मामला गर्म है. ईश्वर साहू ने जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है. अब देखना होगा कि बिरनपुर की सुलगती आग विधानसभा चुनाव के दौरान कहां तक पहुंचती है.