बेमेतरा: आवारा मवेशियों से परेशान अंधियारखोर, धनगांव, झालम सहित दर्जनों गांव के ग्रामीण जिला कार्यालय पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा एवं क्षेत्र में आवारा मवेशियों के द्वारा फसल चौपट करने की जानकारी दी. साथ ही आवारा मवेशियों के बंदोबस्त करने मांग भी की.
अवारा मवेशी कर रहे हैं फसल बर्बाद
बता दें कि बेमेतरा जिला के नवागढ़ विधासभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम अतरिया, धनगांव, झालम, घठोली, जेवरा, देवरी सहित दर्जन भर गांव में अवारा पशु फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है. इस समस्या को लेकर ग्रामीण ने कलेक्टर को बताया कि लावारिस मवेशियों का क्षेत्र में आतंक है.
आधुनिकता के दौर में आज भी धमतरी के कई किसान करते हैं हल से जुताई, कहा- 'इसकी बात ही कुछ और'
रोका छेका अभियान बेअसर
छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 जुलाई से रोका-छेका अभियान शुरु किया था. ताकि अवारा मवेशियों से किसानों के फसल को बचाया जा सके.इसके साथ ही सड़क हादसे को भी रोकने के लिए यह अभियान चलाया गया था. लेकिन इस योजना का कोई असर नहीं हो रहा है. मवेशी खुले में घूम रहे हैं. जबकि किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है. इसलिए आवारा मवेशियों पर लगाम के लिए किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई है. ताकि इस समस्या का स्थाई समाधान निकल सके. वहीं ग्रामीणों ने कलेक्टर से कहा कि निकट ही ग्राम झालम 80 एकड़ भूभाग में प्रदेश का पहला गौ-अभ्यारण्य स्थापित है. जहां इन मवेशियों की व्यवस्था की जा सकती है. परंतु इच्छाशक्ति के अभाव के कारण गौ-अभ्यारण्य पूर्ण विकसित नहीं हो पाया है. जिसके कारण मवेशी क्षेत्र के किसानों की फसल चौपट कर रहे हैं.