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फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षाकर्मी की नौकरी करने वाले पति-पत्नी गिरफ्तार

BEO नीलिमा गडकरी की शिकायत पर फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षाकर्मी दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आरोपी फर्जी नियुक्ति आदेश, फर्जी ट्रांसफर आदेश, फर्जी सर्विस बुक और फर्जी एलपीसी के सहारे बेखौफ नौकरी कर रहे थे.

sikshakarmi arrest
गिरफ्तार आरोपी
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Published : Jul 3, 2020, 9:15 PM IST

Updated : Jul 4, 2020, 2:34 PM IST

बेमेतरा: साजा विकासखंड में फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षाकर्मी की नौकरी करने वाले 2 लोगों के खिलाफ बीईओ नीलिमा गडकरी की शिकायत पर थाने में FIR दर्ज की गई थी, जिसके बाद दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है.

शिक्षाकर्मी पति-पत्नी गिरफ्तार

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार साजा ब्लॉक के दो शिक्षक भोला प्रसाद पांडे और उपासना पांडे पेंड्रावन साजा ब्लॉक में फर्जी नियुक्ति आदेश, फर्जी ट्रांसफर आदेश, फर्जी सर्विस बुक और फर्जी एलपीसी के सहारे बेखौफ नौकरी कर रहे थे. RTI से मामले का खुलासा होने के बाद शिक्षाकर्मी पति-पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी गिरफ्तार

केस का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों के सामने आने के बाद हुआ, जिसमें अवैध तरीके से शिक्षाकर्मियों को नौकरी कराए जाने की बात सामने आई, जिसके बाद मामले में जांच हुई तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया. जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने दोनों आरोपी शिक्षाकर्मी के खिलाफ साजा थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने विवेचना के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया.

पढ़ें: धान का शॉर्टेज या फर्जीवाड़ा! 3 सहकारी समितियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश

फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश

बता दें, कि दोनों आरोपी 10 साल तक शिक्षाकर्मी की नौकरी की है, जिसके बाद सूचना के अधिकार के तहत इनके फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश हुआ है. अब आगे जांच का विषय है कि किस अधिकारी-कर्मचारी ने उक्त शिक्षकों को बिना किसी परीक्षण के ज्वॉइन कराया, स्कूल में कार्यभार दिया, नियुक्ति आदेश सर्विसबुक फर्जी किसने बनाई और अभी और कितने शिक्षाकर्मी इस तरह के फर्जी दस्तावेजों से नौकरी कर रहे हैं.

पढ़ें: अंबिकापुर: मेडिकल कॉलेज अस्पताल का कारनामा, कौन खा गया 38 लाख का खाना

जांच के बाद होगा खुलासा

शासकीय कर्मचारी ट्रांसफर के आने के दौरान संबंधित कर्मचारी का सर्विस बुक और एलपीसी गोपनीय तरीके से डाक के माध्यम से संबंधित विभाग के पते पर आता है, लेकिन इस प्रकरण में इस तरीके की कार्रवाई की स्थिति स्पष्ट तौर पर होना नहीं पाया गया था, जिसके लिए शिक्षाकर्मियों को तत्कालीन CEO जनपद पंचायत साजा और तत्कालीन बीईओ भी संदेह के दायरे में हैं . अब इसका खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा.

बेमेतरा: साजा विकासखंड में फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षाकर्मी की नौकरी करने वाले 2 लोगों के खिलाफ बीईओ नीलिमा गडकरी की शिकायत पर थाने में FIR दर्ज की गई थी, जिसके बाद दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है.

शिक्षाकर्मी पति-पत्नी गिरफ्तार

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार साजा ब्लॉक के दो शिक्षक भोला प्रसाद पांडे और उपासना पांडे पेंड्रावन साजा ब्लॉक में फर्जी नियुक्ति आदेश, फर्जी ट्रांसफर आदेश, फर्जी सर्विस बुक और फर्जी एलपीसी के सहारे बेखौफ नौकरी कर रहे थे. RTI से मामले का खुलासा होने के बाद शिक्षाकर्मी पति-पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी गिरफ्तार

केस का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों के सामने आने के बाद हुआ, जिसमें अवैध तरीके से शिक्षाकर्मियों को नौकरी कराए जाने की बात सामने आई, जिसके बाद मामले में जांच हुई तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया. जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने दोनों आरोपी शिक्षाकर्मी के खिलाफ साजा थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने विवेचना के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया.

पढ़ें: धान का शॉर्टेज या फर्जीवाड़ा! 3 सहकारी समितियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश

फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश

बता दें, कि दोनों आरोपी 10 साल तक शिक्षाकर्मी की नौकरी की है, जिसके बाद सूचना के अधिकार के तहत इनके फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश हुआ है. अब आगे जांच का विषय है कि किस अधिकारी-कर्मचारी ने उक्त शिक्षकों को बिना किसी परीक्षण के ज्वॉइन कराया, स्कूल में कार्यभार दिया, नियुक्ति आदेश सर्विसबुक फर्जी किसने बनाई और अभी और कितने शिक्षाकर्मी इस तरह के फर्जी दस्तावेजों से नौकरी कर रहे हैं.

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जांच के बाद होगा खुलासा

शासकीय कर्मचारी ट्रांसफर के आने के दौरान संबंधित कर्मचारी का सर्विस बुक और एलपीसी गोपनीय तरीके से डाक के माध्यम से संबंधित विभाग के पते पर आता है, लेकिन इस प्रकरण में इस तरीके की कार्रवाई की स्थिति स्पष्ट तौर पर होना नहीं पाया गया था, जिसके लिए शिक्षाकर्मियों को तत्कालीन CEO जनपद पंचायत साजा और तत्कालीन बीईओ भी संदेह के दायरे में हैं . अब इसका खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा.

Last Updated : Jul 4, 2020, 2:34 PM IST
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