ETV Bharat / state

बेमेतरा: तनाछेदक कीट के प्रकोप से झुलसी धान की फसल, किसान परेशान

author img

By

Published : Sep 5, 2020, 12:40 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 12:46 PM IST

धान की फसल में तनाछेदक और ब्लास्ट रोग का प्रकोप शुरू हो गया है. ऐसे में पौधे सूखकर नष्ट हो रहे हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.

paddy crop spoiled
धान की फसल

बेमेतरा: किसानों की समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. पहले कोरोना फिर बारिश, उसके बाद टिड्डियों का हमला और अब तनाछेदक कीट से किसानों को नुकसान पहुंच रहा है. जिले में धान की फसल में तनाछेदक और ब्लास्ट रोग के प्रकोप से खराब हो रही है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.

नाछेदक कीट के प्रकोप से झुलसी धान की फसल

धान में सबसे ज्यादा नुकसान तनाछेदक कीट से होता है. यह कीट पौधा उगने से 5-6 दिन के बाद पकने तक नुकसान पहुंचाता है. तना छेदक पौधे के तने को काट देती है, जिससे धान की फसल सूख जाती है और बालियों का रंग सफेद पड़ने लगता है, जिसे “सफ़ेद सिरा” के नाम से जाना जाता है.

धान में कीट का प्रकोप

मौसम में आए बदलाव से फसलों पर कीट का आक्रमण बढ़ता जा रहा है. दिनोंदिन फसलों में रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. सरना धान में भूरा माहो और शीत ब्लास्ट का प्रकोप दिखाई दे रहा है. एचएमटी और हाईब्रिड किस्म के धान पर ब्लास्ट और तनाछेदक का प्रभाव है. मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण कीटनाशक दवाईयों का असर हो रहा है और किसानों को दोबारा दवाओं का छिड़काव करना पड़ रहा है.

paddy crop spoiled in bemetara
खेती करता किसान

पढ़ें: कांकेर: पानी ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, धान की फसल पर कीटों का हमला

फसलों पर किया जा रहा है दवाईयों का छिड़काव

किसानों का कहना है कि धान की सभी किस्मों में ब्लास्ट रोग का प्रकोप है. वहीं पहले बोई गई धान में माहों (रसचूसक) ने भी हमला बोल दिया है. किसानों का कहना है कि कृषि केंद्र के परामर्श से दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन लगातार बारिश और तेज धूप के कारण पौधों पर दवाओं का असर कम हो रहा है. किसानों ने बताया कि धान सूख रहे हैं, लाल हो रहे हैं और इल्लियों ने जड़ को नष्ट कर दिया है.

वैज्ञानिक ने सुझाया रोग के निदान का तरीका

कृषि विज्ञान केंद्र की कीट और रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एकता ताम्रकार ने किसानों को फफूंद जनित और कीटनाशक दवाई के छिड़काव करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि यदि धान में तनाछेदक और झुलसा ब्लास्ट दोनों हों, तो किसान hexaconazole, cartop hydrochloride का छिड़काव करें. वहीं यदि माहों का प्रकोप हो तो acephet imidacloprid का छिड़काव करें.

बेमेतरा: किसानों की समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. पहले कोरोना फिर बारिश, उसके बाद टिड्डियों का हमला और अब तनाछेदक कीट से किसानों को नुकसान पहुंच रहा है. जिले में धान की फसल में तनाछेदक और ब्लास्ट रोग के प्रकोप से खराब हो रही है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.

नाछेदक कीट के प्रकोप से झुलसी धान की फसल

धान में सबसे ज्यादा नुकसान तनाछेदक कीट से होता है. यह कीट पौधा उगने से 5-6 दिन के बाद पकने तक नुकसान पहुंचाता है. तना छेदक पौधे के तने को काट देती है, जिससे धान की फसल सूख जाती है और बालियों का रंग सफेद पड़ने लगता है, जिसे “सफ़ेद सिरा” के नाम से जाना जाता है.

धान में कीट का प्रकोप

मौसम में आए बदलाव से फसलों पर कीट का आक्रमण बढ़ता जा रहा है. दिनोंदिन फसलों में रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. सरना धान में भूरा माहो और शीत ब्लास्ट का प्रकोप दिखाई दे रहा है. एचएमटी और हाईब्रिड किस्म के धान पर ब्लास्ट और तनाछेदक का प्रभाव है. मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण कीटनाशक दवाईयों का असर हो रहा है और किसानों को दोबारा दवाओं का छिड़काव करना पड़ रहा है.

paddy crop spoiled in bemetara
खेती करता किसान

पढ़ें: कांकेर: पानी ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, धान की फसल पर कीटों का हमला

फसलों पर किया जा रहा है दवाईयों का छिड़काव

किसानों का कहना है कि धान की सभी किस्मों में ब्लास्ट रोग का प्रकोप है. वहीं पहले बोई गई धान में माहों (रसचूसक) ने भी हमला बोल दिया है. किसानों का कहना है कि कृषि केंद्र के परामर्श से दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन लगातार बारिश और तेज धूप के कारण पौधों पर दवाओं का असर कम हो रहा है. किसानों ने बताया कि धान सूख रहे हैं, लाल हो रहे हैं और इल्लियों ने जड़ को नष्ट कर दिया है.

वैज्ञानिक ने सुझाया रोग के निदान का तरीका

कृषि विज्ञान केंद्र की कीट और रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एकता ताम्रकार ने किसानों को फफूंद जनित और कीटनाशक दवाई के छिड़काव करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि यदि धान में तनाछेदक और झुलसा ब्लास्ट दोनों हों, तो किसान hexaconazole, cartop hydrochloride का छिड़काव करें. वहीं यदि माहों का प्रकोप हो तो acephet imidacloprid का छिड़काव करें.

Last Updated : Sep 5, 2020, 12:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.