बेमेतरा: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कलेक्टर ने 26 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है. जिसमें जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है. बाहरी प्रवेश को रोकने के लिए 18 चेक पोस्ट बनाये गए हैं. अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाएं बंद है. शहर से लेकर गांव तक सारी गलियां सुनी हैं. मुख्य सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है. फिलहाल वर्तमान में बेमेतरा जिले में 4,038 एक्टिव कोरोना पॉजिटिव केस है. जिनका उपचार किया जा रहा है.
जिले में कोरोना संबंधित आंकड़े
बेमेतरा जिले में अबतक 12 हजार 565 कोरोना पॉजिटिव लोगों की पहचान हो चुकी है. जिसमें 8,415 कोरोना पॉजिटिव उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. 4,041 कोरोना पॉजिटिव सक्रिय हैं. जिनका उपचार किया जा रहा है. 109 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है. जिले में बीते दिनों जहां 296 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. 251 पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं.
छत्तीसगढ़ में बुधवार को मिले 14,519 नए कोरोना मरीज, 183 लोगों की मौत
अति आवश्यक सामान परिवहन में छूट
बेमेतरा जिले में लॉकडाउन की अवधि में पेट्रोल पंप, अस्पताल और मेडिकल को खोलने की अनुमति दी गई है. दूध विक्रेता, पेपर हॉकर और पशु चारा के लिए सुबह 6 बजे से 8 बजे तक और शाम 5 बजे से 6:30 बजे तक की छूट दी गई है. शासन की गाड़ी और अति आवश्यक वाहनों का आवागमन जारी है. नए आदेश के तहत दूध सप्लाई, चारा मछली दाना के परिवहन को भी छूट दी गई है. कलेक्टर ने जिले में कुल 384 घंटे का लॉकडाउन लगाया है.
कवर्धा: जिला अस्पताल में धूल खा रहे 7 वेंटिलेटर
कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन बिस्तर बढ़ाने की तैयारी
बेमेतरा जिले में सभी सरकारी अस्पतालों को मिलाकर कोरोना इलाज के लिए 280 बेड हैं. सभी में ऑक्सीजन की व्यवस्था है. इनमें से 10 आईसीयू बेड हैं. जिले के सभी सायुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड इलाज 20 ऑक्सीजन बिस्तर के साथ शुरू किया गया है. जिसे बढ़ाकर 50 बिस्तर करने की तैयारी चल रही है. जिले में एंटीजन किट की कमी है. निरंतर किट राजधानी से मिल रही है. कोविड जांच दीगर किट से भी जारी है. बेमेतरा में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पहले 74 वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया था. जिसे बढ़ाकर 108 कर दिया गया है.
एक लाख से अधिक लोगों को लगा टीका
बेमेतरा में अबतक 1 लाख 3 हजार 946 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. जिले में जीवनरक्षक रेमिडिसिवर वैक्सीन की कमी है. जिसके कारण मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं और मेडिकल दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं. आलम यह है कि रेमिडिसिवर वैक्सीन की प्राईवेट सप्लाई बंद कर दी गई है. यह वैक्सीन केवल शासन के कोविड अस्पतालों के लिए दी जा रही है. जिसे लेकर लोग परेशान हैं. वही जिले में बुधवार को जिंक की गोली का सरकारी स्टॉक समाप्त था. लोगों को मेडिकल दुकानों से जिंक की गोली लेनी पड़ी.