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बेमेतरा: करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं मिला एक बूंद पानी, तरस रहे 56 गांव के ग्रामीण - पानी टंकी का निर्माण

खारा पानी से प्रभावित 56 गांव के लोगों के लिए शिवनाथ नदी के अमोरा घाट से मीठा पानी देने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए 2016 में बैहरसरी गांव में पानी टंकी का निर्माण भी कराया गया था, लेकिन यहां के लोगों को एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है.

पानी ले जाते ग्रामीण
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Published : Mar 7, 2019, 3:22 PM IST

बेमेतरा: ग्रामीण समूह पेयजल प्रदाय योजना के तहत जिले के खारा पानी से प्रभावित 56 गांव के लोगों के लिए शिवनाथ नदी के अमोरा घाट से मीठा पानी देने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए 2016 में बैहरसरी गांव में पानी टंकी का निर्माण भी कराया गया था, लेकिन यहां के लोगों को एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है.

water problem
पानी ले जाते ग्रामीण

ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन, पीएचई मंत्री और जिम्मेदारों से की, लेकिन आज तक किसी ने इसपर कोई सुध नहीं ली. अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के कारण यहां के लोग खारा पानी को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि, पानी टंकी बनने के बाद गांव में करीब 7 दिनों के लिए पानी की सप्लाई की गई थी. इसके बाद पाइप लाइन में कोई खराबी आ गई, तब से आज तक इसे नहीं बनाया गया. सड़क निर्माण के दौरान सड़क किनारे बिछाई गई पाइप लाइन को भी उखाड़ कर फेंक दिया गया है.

गांव के भवानी साहू बताते हैं कि, ये हालात सिर्फ बैहरसरी गांव का नहीं है, बल्कि पास के गांव चरघट, बिरसिंधी, चरगवां के लिए भी पाइप लाइन इसी गांव से होकर गया है. जो जगह-जगह से खराब हो गई है. कमलेश साहू ने बताया कि, पानी टंकी महज शो पीस बनकर रह गया है.

बेमेतरा: ग्रामीण समूह पेयजल प्रदाय योजना के तहत जिले के खारा पानी से प्रभावित 56 गांव के लोगों के लिए शिवनाथ नदी के अमोरा घाट से मीठा पानी देने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए 2016 में बैहरसरी गांव में पानी टंकी का निर्माण भी कराया गया था, लेकिन यहां के लोगों को एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है.

water problem
पानी ले जाते ग्रामीण

ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन, पीएचई मंत्री और जिम्मेदारों से की, लेकिन आज तक किसी ने इसपर कोई सुध नहीं ली. अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के कारण यहां के लोग खारा पानी को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि, पानी टंकी बनने के बाद गांव में करीब 7 दिनों के लिए पानी की सप्लाई की गई थी. इसके बाद पाइप लाइन में कोई खराबी आ गई, तब से आज तक इसे नहीं बनाया गया. सड़क निर्माण के दौरान सड़क किनारे बिछाई गई पाइप लाइन को भी उखाड़ कर फेंक दिया गया है.

गांव के भवानी साहू बताते हैं कि, ये हालात सिर्फ बैहरसरी गांव का नहीं है, बल्कि पास के गांव चरघट, बिरसिंधी, चरगवां के लिए भी पाइप लाइन इसी गांव से होकर गया है. जो जगह-जगह से खराब हो गई है. कमलेश साहू ने बताया कि, पानी टंकी महज शो पीस बनकर रह गया है.

Intro:खारा पानी पीने मजबूर बैहरसरी के ग्रामीण
साल भर पहले बनाई गई पानी टँकी से नही हो रही सप्लाई
टंकी बनी महज शो पीस

बेमेतरा 6 मार्च

ग्रामीण समूह पेयजल प्रदाय योजना के तहत ब्लॉक के खारा पानी प्रभावित 56 गांवों में शिवनाथ नदी के अमोरा घाट से मीठा पानी देने के लिए शुरू की गई योजना से ग्राम बैहरसरी के लोग पानी टंकी के बाद भी प्यासे है।गांवो में वर्ष भर पहले बनाई गई पानी टंकी से पानी नही मिल पा रहा है जिससे लोग खारा पानी पीने मजबूर है।

गांवो के लोग पानी टंकी होने के बाद भी शुद्ध पेयजल के लिहे तरस रहे है गांव के लोग पीएचई विभाग के कार्यप्रणाली से नाराज है और इसकी शिकायत कलेक्टर महादेव कावरे से की है

बैहरसरी के ग्रामीणों ने बताया कि साल भर पहले गांव में पानी टंकी बनी थी टेस्टिंग के बाद सप्लाई 1 हप्ते चालू हुई है उसके बाद पाइप लाइन में आई खराबी से साल भर तक पानी नही मिल पा रहा है गांव में टंकी होने का कोई फायदा नही दिख रहा है।
भवानी साहू ने बताया कि गांव के निकटतम गांव चरघट बिरसिंधी चरगवां में गांव से ही होकर पाइप लाइन गयी है वहा रास्ते भर पाईप फूटे पड़े है। पंच कमलेश साहू ने बताया कि टंकी महज शो पीस बनकर रह गया है साल भर से पानी सप्लाई चालू नही हुई है।

अंकुर तिवारी (बेमेतरा)
@desk -खबर में कलेक्टर की बाईट मेल से भेजी गई गई है।


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