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बेमेतरा के नगर पंचायत थानखम्हरिया में बीजेपी अध्यक्ष की कुर्सी गई - Councilors had brought no confidence motion

बेमेतरा के नगर पंचायत थानखम्हरिया में बीजेपी अध्यक्ष की कुर्सी चली गई है. पार्षदों ने अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाया था.

Councilors had brought no-confidence motion
बेमेतरा के थानखम्हरिया नगर पंचायत में बीजेपी अध्यक्ष की कुर्सी गई
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Published : Aug 24, 2022, 7:01 PM IST

बेमेतरा : जिला के नगर पंचायत थानखम्हरिया में अध्यक्ष पद के खिलाफ पार्षदों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. भाजपा समर्थित अध्यक्ष (bjp president removed) अंजना राजेश ठाकुर को 20 महीने में ही कुर्सी छोड़नी पड़ी है. आज अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में 4 मत पड़े है.

कब लाया था अविश्वास प्रस्ताव : आपको बता दें कि 10 मई को थानखम्हरिया नगर पंचायत के कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने अध्यक्ष पर अनेक आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाया (Councilors had brought no confidence motion) था. जिस पर तत्कालीन कलेक्टर ने 25 मई की तिथि अविश्वास प्रस्ताव के लिए चुनी थी.इसके लिए तत्कालीन एसडीएम दुर्गेश वर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था.लेकिन हाईकोर्ट स्थगन आदेश होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर रोक लगा दी गई थी.

रोक हटने पर बदल गई कुर्सी : रोक हटने के बाद जब अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मत पड़े तो बीजेपी समर्थित नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी डगमगा गई.15 पार्षदों वाली नगर पंचायत थानखम्हरिया में राजनीति गरमाई और पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर साजा एसडीएम धनराज मरकाम की उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ. जिसमें अविश्वास के पक्ष में 11 और प्रस्ताव के विरुद्ध 4 मत पड़े.

बेमेतरा : जिला के नगर पंचायत थानखम्हरिया में अध्यक्ष पद के खिलाफ पार्षदों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. भाजपा समर्थित अध्यक्ष (bjp president removed) अंजना राजेश ठाकुर को 20 महीने में ही कुर्सी छोड़नी पड़ी है. आज अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में 4 मत पड़े है.

कब लाया था अविश्वास प्रस्ताव : आपको बता दें कि 10 मई को थानखम्हरिया नगर पंचायत के कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने अध्यक्ष पर अनेक आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाया (Councilors had brought no confidence motion) था. जिस पर तत्कालीन कलेक्टर ने 25 मई की तिथि अविश्वास प्रस्ताव के लिए चुनी थी.इसके लिए तत्कालीन एसडीएम दुर्गेश वर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था.लेकिन हाईकोर्ट स्थगन आदेश होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर रोक लगा दी गई थी.

रोक हटने पर बदल गई कुर्सी : रोक हटने के बाद जब अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मत पड़े तो बीजेपी समर्थित नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी डगमगा गई.15 पार्षदों वाली नगर पंचायत थानखम्हरिया में राजनीति गरमाई और पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर साजा एसडीएम धनराज मरकाम की उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ. जिसमें अविश्वास के पक्ष में 11 और प्रस्ताव के विरुद्ध 4 मत पड़े.

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