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हर गांव में होगा लघु कृषि उद्योग, इस मशीन से अब किसानों की आय होगी दुगुनी - रविन्द्र चौबे

बेमेतरा: सामान्य सी दिखने वाली ये मशीन 'मिनी राइस मिल' है. ये मशीन 3 in 1 है, जिसमें धान, चना, गेंहू, मक्का, चावल, चना दाल, हल्दी, मसाले, लाल मिर्च, धनिया की पिसाई की जा सकती है. नगर में आयोजित राज्यस्तरीय कृषि कल्याण मेला प्रदर्शनी में इसका प्रदर्शन किया गया. इस मशीन का कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने शुभारंभ किया.

मिनी राइस मिल का आविष्कार
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Published : Feb 24, 2019, 8:32 PM IST

इस मशीन को मिनी राइस मिल का नाम दिया गया है. बेरोजगारों के लिए सस्ते दाम पर रोजगार का अच्छा साधन विकसित हो, इसलिए इस मशीन का आविष्कार किया गया है. इस मशीन की विशेषता है कि ये साइज और दाम में छोटी है और काम में बहुत बड़ी है. इस मशीन को रायपुर के अमन पोद्दार (बी टेक एमबीए ऑस्ट्रेलिया) ने बनाया है. जो पहले इसी काम से जुड़ी कंपनी में दुबई में काम करते थे. इनकी कंपनी बड़ी संख्या में बांग्लादेश में मशीन का सप्लाई करती थी.


अमन पोद्दार नौकरी छोड़ भारत में इस मशीन को लेकर आये. इस मशीन में पूरी तरह से भारतीय समाग्री का उपयोग किया गया है. अमन ने बताया देसी सामग्री हमारे देश में विकसित करना हमारा लक्ष्य था. ये मशीन नो मेन्टेनेंस मशीन है, जिसकी लागत 1 लाख 11 हजार रुपए है. जिसमें शासन द्वारा 70 हजार का अनुदान दिया गया है, जिसके बाद ये मशीन किसानों को लगभग 41 हजार रुपए की पड़ रही है.

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पवन पोद्दार ने बताया कि लोगों को इस मशीन से सस्ता व्यवसाय मिला है. मुंगेली जिले के जितेंद्र साहू ने बताया कि यह मशीन उन्होंने ली है, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा और सभी को रोजगार के साधन मिलेंगे.

इस मशीन को मिनी राइस मिल का नाम दिया गया है. बेरोजगारों के लिए सस्ते दाम पर रोजगार का अच्छा साधन विकसित हो, इसलिए इस मशीन का आविष्कार किया गया है. इस मशीन की विशेषता है कि ये साइज और दाम में छोटी है और काम में बहुत बड़ी है. इस मशीन को रायपुर के अमन पोद्दार (बी टेक एमबीए ऑस्ट्रेलिया) ने बनाया है. जो पहले इसी काम से जुड़ी कंपनी में दुबई में काम करते थे. इनकी कंपनी बड़ी संख्या में बांग्लादेश में मशीन का सप्लाई करती थी.


अमन पोद्दार नौकरी छोड़ भारत में इस मशीन को लेकर आये. इस मशीन में पूरी तरह से भारतीय समाग्री का उपयोग किया गया है. अमन ने बताया देसी सामग्री हमारे देश में विकसित करना हमारा लक्ष्य था. ये मशीन नो मेन्टेनेंस मशीन है, जिसकी लागत 1 लाख 11 हजार रुपए है. जिसमें शासन द्वारा 70 हजार का अनुदान दिया गया है, जिसके बाद ये मशीन किसानों को लगभग 41 हजार रुपए की पड़ रही है.

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पवन पोद्दार ने बताया कि लोगों को इस मशीन से सस्ता व्यवसाय मिला है. मुंगेली जिले के जितेंद्र साहू ने बताया कि यह मशीन उन्होंने ली है, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा और सभी को रोजगार के साधन मिलेंगे.

Intro:हर गांव में होगा लघु कृषि उद्योग
अब किसानों की आय होगी दुगुनी
कृषि मंत्री ने किया लघु कृषि उद्योग का उद्धघाटन
मिनी राइस मिल से बेरोजगारो को मिलेगा रोजगार

बेमेतरा23 फ़रवरी

नगर में अयोजित राज्यस्तरीय कृषि कल्याण मेला प्रदर्शनी में प्रदेश में निर्मित "ग्रीन स्वदेश" द्वारा एक ऐसी मशीन बनाई गई है जो "मिनी राइस मिल" है जो 3 in 1 है जिसमे धान चना गेंहू मक्का चावल एवम चना दाल हल्दी मशाले लाल मिर्च धनिया की पिसाई की जा सकती है। इस मशीन का कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने सुभारंभ किया।

इस मशीन को मिनी राइस मिल का नाम दिया गया है । बेरोजगारों के लिए सस्ते दाम पर रोजगार का अच्छा साधन विकसित कर सके। इस मशीन की विशेषता है कि यह साइज और दाम में छोटी है और काम मे बहुत बड़ी है । इस मशीन को रायपुर के अमन पोद्दार (बी टेक एमबीए ऑस्ट्रेलिया) ने बनाया है। जो पहले इसी से जुड़ी कंपनी दुबई में काम करते थे जो बड़ी संख्या में बांग्लादेश मशीन का सप्लाई करती थी। अमन पोद्दार ने नौकरी छोड़ कर भारत मे इस मशीन को लेकर आया और सरकार ने इस मशीन की अहमियत देखकर सरकार ने 70 हज़ार की छूट दे दी है। इस मशीन में पूर्णतः भारतीय समाग्री का उपयोग किया गया है।

अमन पोद्दार ने बताया देशी समाग्री हमारे देश मे विकसित करना हमारा लक्ष्य था यह मशीन नो मेन्टेनेश मशीन है जिसकी लागत 1 लाख 11 हज़ार रुपये है ने शासन 70 हज़ार अनुदान दिया है जिसके बाद यह मशीन लगभग 41हज़ार रु किसानों को पड़ रहा है ।

पवन पोद्दार ने बताया लोगो को इस मशीन सस्ता व्यसाय मिल है ।मुंगेली जिले के जितेंद्र साहू ने बताया कि यह मशीन उन्होंने लिया है जिसका लाभ लोगो को मिलेगा और लोगो को रोजगार के साधन मिल पायेगा।


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