कोटवार संघ के तहसील अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, माननीय न्यायालय और शासन के आदेश के बाद भी मालगुजारी शासन में मिले भूमि के मालिकाना हक तहसीलदार और पटवारी के बीच पेंच के कारण हमें नहीं दिया जा रहा है, जो हमारे साथ अन्याय है. मालिकाना हक नहीं मिलने से हम उस जमीन का सही उपयोग नहीं कर पा रहे हैं उसी प्रकार जून 2018 में हुए मानदेय संशोधन का अब तक लाभ नहीं मिल पाया है'.
ये हैं कोटवारों की मांगें
- मानदेय संशोधन
- विधानसभा चुनाव में किए कार्य का भत्ता
- गर्म कोट सिलाई का खर्चा
- मालगुजारी शासन काल में मिले जमीन का मालिकाना हक