बेमेतरा: प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बारी योजना बेमेतरा के जवाबदार अधिकारी एवं कर्मचारियों के सुस्त रवैए से ढीली पड़ गई है. हालात ये है कि जिले में 50 फीसदी गौठानों का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
अधर में सरकार की महत्वकांक्षी योजना
प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा गरवा घुरवा बारी के तहत बेमेतरा जिला में गौठान का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें अभी 50 फीसदी गौठान का निर्माण अधूरा है. अधिकारियों की लापरवाही के कारण बेमेतरा जिले में पिछले 2 माह से गौठान निर्माण का काम ठप पड़ा हुआ है.
बेमेतरा जिले में कुल 362 गौठानों की स्वीकृति हुई है. जिसमें से 182 गौठान का निर्माण अब भी अधूरा है. 180 गौठान ही पूरे हो पाए हैं. गौठान का समय पर निर्माण कार्य नहीं होने से क्षेत्रवासियों को प्रदेश सरकार के महत्वकांक्षी योजना का कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है.
अर्थव्यवस्था पर पड़ रही कोरोना की मार, कैसे पूरे होंगे गौठान के काम
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का कहर इस कदर हावी है कि जिले में पिछले 2 महीनों से तालाबंदी है. सरकारी खजाने के रुपये भी पूरी तरीके से कोरोना नियंत्रण काम में लगा दिए गए है. जिससे अब ये सवाल खड़े हो रहे है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनने वाले गौठान आखिर कैसे पूरे होंगे.
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प्रदेश सरकार की योजना महज दिखावा : पूर्व मंत्री दयालदास बघेल
प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना के 50 फीसदी काम भी जिले में पूरा नहीं होने पर बेमेतरा जिला के कुंरा निवासी और पूर्व कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल ने इसे प्रदेश सरकार की दिखावा करार दे दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है. उन्होंने कहा कि जितने गौठानों को मंजूरी मिली थी उससे आधे ही जिले में बन पाए हैं. मवेशी गलियों सड़कों में घूम रहे हैं और सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा की गौठानों का काम पूरा नहीं होने से मवेशियों की तस्करी की जा रही है. प्रदेश में झूठ बोलकर सरकार बनी है. इनकी सभी घोषणा फ्लॉप है.
कोरोना ने लटकाए काम: CEO
इस संबंध में जिला पंचायत बेमेतरा की CEO रीता यादव ने कहा की जिले में टोटल 362 गौठान स्वीकृत किये जा चुके हैं. जिसमे 180 लगभग पूरे हो चुके हैं. 182 गौठान का काम प्रगति पर है. निर्माण कार्य मे देरी के सवाल पर उन्होंने कहा की गौठान तीन फेज में स्वीकृत हुए है. अधिकतर गौठान तीसरे फेज में स्वीकृत हुए है जो अधूरे हैं. CEO रीता यादव ने बताया कि कोरोना के कारण गौठानों के निर्माण कार्य की गति धीमी हुई हैं.
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गौठान योजना का उदेश्य
प्रदेश में गौठान योजना का सीधा उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है. जहां गाय सुरक्षित रहें, गोबर की खरीदी हो, कंपोस्ट खाद बनाई जाए. जिससे किसान, चरवाहे और महिलाएं सभी लाभांवित हो. लेकिन जिला प्रशासन के सुस्त रवैये के चलते जिले में गौठान निर्माण का काम धीमी गति से चल रहा है. जिसके कारण जिले के ग्रामीणों को इसका उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है.