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Bemetara: 4 साल बाद भी नहीं मिला जमीन का मुआवजा तो किसानों ने किया ये काम - अपर कलेक्टर से मुआवजा राशि देने की मांग

जिला मुख्यालय से होकर गुजरे एनएच पर बैजी से पथर्रा तक ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए बाईपास रोड बनाया जा रहा है. इसके लिए 4 साल पहले रोड के आसपास के किसानों की जमीन अधिग्रहित कर ली गई. 4 से 5 महीने में मुआवजा देने की बात तो कही गई थी, लेकिन अब तक इसके लिए पहल न होने से नाराज किसानों ने मंगलवार को अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

acquired land in Bemetara
अपर कलेक्टर से मुआवजा राशि देने की मांग
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Published : May 16, 2023, 7:48 PM IST

मुआवजे पर महाभारत !

बेमेतरा: चोरभट्ठी से लोलेसरा तक बाईपास और ग्राम किरीतपुर में बन रहे पुल के लिए 4 साल पहले कई किसानों की जमीनें सरकार ने ले ली. सड़क बनकर लगभग तैयार और पुल का निर्माण भी अंतिम दौर में है. बावजूद इसके किसानों तक जमीन की मुआवजा राशि नहीं पहुंच पाई है. अधिकारियों से लेकर नेताओं तक के चक्कर लगाकर, किसान परेशान हो चुके हैं. मंगलवार को एक बार फिर न्याय की उम्मीद लिए किसानों ने कलेक्ट्रेट का रुख किया. मुआवजे की मांग को लेकर अपर कलेक्टर डॉ अनिल वाजपेयी को ज्ञापन सौंपा है.

मुआवजे के लिए किसानों ने लगाई गुहार: सड़क और पुल की जद में आने वाली कई जमीन मालिकों, किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. इससे किसान परेशान नजर आ रहे हैं. किसानों ने जिला कार्यालय पहुंचकर एक बार फिर अपर कलेक्टर से मुआवजा राशि देने की मांग की.

जानिए, क्या है पूरा मामला: नेशनल हाईवे पर बैजी से लेकर पथर्रा तक सड़क के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से करोड़ों की लागत से लिंक रोड (बाईपास) का निर्माण कराया जा रहा है. सड़क का काम अंतिम चरण में है, लेकिन इसकी जद में आकर जमीन गंवा चुके किसानों को मुआवजा देने को लेकर कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं है.

ढोलिया और चारभाठा के किसानों ने दिया ज्ञापन: अपनी जमीन के मुआवजा के लिए कलेक्ट्रेट में ढोलिया और चारभाठा के प्रभावित किसानों ने मांगपत्र दिया. श्रीराम साहू, शरद कुमार साहू, मनोज कुमार, संतोष जांगड़े, कैलाश साहू, बसंत सहित अन्य किसानों का कहना है कि "लिंक रोड निर्माण में उनकी जमीन को 4 साल पहले अधिग्रहित किया गया, लेकिन उनको मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है."

यह भी पढ़ें-

  1. अधिग्रहित भूमि के मुआवजे का मामला, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया फैसला
  2. हाईकोर्ट ने दिए 4 हफ्ते में अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने के आदेश
  3. देबू की अधिग्रहित जमीन पर सियासत शुरू, रमन सिंह के आरोपों पर जयसिंह का पलटवार

5 महीने में मुआवजा देने का किया था वादा: सड़क निर्माण के पहले किसानों से सहमति पत्र लिया गया था. उस समय करीब 4 से 5 माह में मुआवजा देने का वादा किया गया था. चार साल बीत जाने के बाद भी मुआवजा राशि अब तक नहीं मिल पाई है.

मामले को लेकर बेमेतरा के अपर कलेक्टर डॉ अनिल वाजपेयी ने किसानों से आवेदन मिलने की बात स्वीकार की. साथ ही बेमेतरा की एसडीएम को मामले की जांच के लिए भेजने की भी बात कही.

मुआवजे पर महाभारत !

बेमेतरा: चोरभट्ठी से लोलेसरा तक बाईपास और ग्राम किरीतपुर में बन रहे पुल के लिए 4 साल पहले कई किसानों की जमीनें सरकार ने ले ली. सड़क बनकर लगभग तैयार और पुल का निर्माण भी अंतिम दौर में है. बावजूद इसके किसानों तक जमीन की मुआवजा राशि नहीं पहुंच पाई है. अधिकारियों से लेकर नेताओं तक के चक्कर लगाकर, किसान परेशान हो चुके हैं. मंगलवार को एक बार फिर न्याय की उम्मीद लिए किसानों ने कलेक्ट्रेट का रुख किया. मुआवजे की मांग को लेकर अपर कलेक्टर डॉ अनिल वाजपेयी को ज्ञापन सौंपा है.

मुआवजे के लिए किसानों ने लगाई गुहार: सड़क और पुल की जद में आने वाली कई जमीन मालिकों, किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. इससे किसान परेशान नजर आ रहे हैं. किसानों ने जिला कार्यालय पहुंचकर एक बार फिर अपर कलेक्टर से मुआवजा राशि देने की मांग की.

जानिए, क्या है पूरा मामला: नेशनल हाईवे पर बैजी से लेकर पथर्रा तक सड़क के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से करोड़ों की लागत से लिंक रोड (बाईपास) का निर्माण कराया जा रहा है. सड़क का काम अंतिम चरण में है, लेकिन इसकी जद में आकर जमीन गंवा चुके किसानों को मुआवजा देने को लेकर कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं है.

ढोलिया और चारभाठा के किसानों ने दिया ज्ञापन: अपनी जमीन के मुआवजा के लिए कलेक्ट्रेट में ढोलिया और चारभाठा के प्रभावित किसानों ने मांगपत्र दिया. श्रीराम साहू, शरद कुमार साहू, मनोज कुमार, संतोष जांगड़े, कैलाश साहू, बसंत सहित अन्य किसानों का कहना है कि "लिंक रोड निर्माण में उनकी जमीन को 4 साल पहले अधिग्रहित किया गया, लेकिन उनको मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है."

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  3. देबू की अधिग्रहित जमीन पर सियासत शुरू, रमन सिंह के आरोपों पर जयसिंह का पलटवार

5 महीने में मुआवजा देने का किया था वादा: सड़क निर्माण के पहले किसानों से सहमति पत्र लिया गया था. उस समय करीब 4 से 5 माह में मुआवजा देने का वादा किया गया था. चार साल बीत जाने के बाद भी मुआवजा राशि अब तक नहीं मिल पाई है.

मामले को लेकर बेमेतरा के अपर कलेक्टर डॉ अनिल वाजपेयी ने किसानों से आवेदन मिलने की बात स्वीकार की. साथ ही बेमेतरा की एसडीएम को मामले की जांच के लिए भेजने की भी बात कही.

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