बेमेतरा: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी की शुरुआत हो रही है. वहीं देर से घान खरीदी होने से किसानों में नाराजगी है. त्योहारी सीजन होने के बाद भी बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. किसान जोरों से धान कटाई में जुड़े हुए हैं. किसानों के मुताबिक, धान कटाई का काम लगभग पूरा होने जा रहा है. किसानों को अभी 1 महीने का इंतजार करना पड़ेगा, जिससे किसानो में साफ नाराजगी दिखाई दे रही है. किसानों का कहना है कि धान कटाई का काम पूरा होने पर एक महीने धान को सुरक्षित रखना होगा, जो चिंता की विषय है.
किसानों के अर्ली वेरायटी की धान की कटाई और मिसाई पूरी हो चुकी है और सरना, महामाया जैसे धान की कटाई का कार्य किया जा रहा है. पहले जहां धान की कटाई के लिए मजदूर की आवश्यकता होती थी. खेत से खलिहान तक धान आने में करीब 3 से 4 दिनों का समय लगता था. वहीं अब मजदूर की जगह अत्याधुनिक मशीनों ने ले ली है. हार्वेस्टर थ्रेसर की मदद से कटाई और मिसाई का काम काफी सुलभ हो गया है, जिसमें किसानों के पैसे और समय दोनों की बचत हो रही है. अब एक ही दिन में धान की फसल की कटाई और मिसाई दोनों हो जाती है, जिससे किसानों को राहत मिली है.
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धान पैरावट से खलिहान हुए गुलजार
धान की कटाई-मिसाई के बाद अब धान का पैरा और करपा किसान खेत में ला रहे हैं, जहां धान फुनाई का कार्य किया जा रहा है. इससे खलिहान गुलजार दिखाई दे रहे हैं. जहां पहले काफी दिनों की मशक्कत करने के बाद धान की फुनाई होती थी, वही इलेक्ट्रॉनिक उड़ान पंखा की मदद से मजदूर की बचत के साथ ही कार्य कम समय में पूरा हो जा रहा है.
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दीगर राज्यों से आए सैकड़ों हार्वेस्टर
धान कटाई शुरू होते ही हरियाणा और पंजाब के राज्यों से हार्वेस्टर चालक धान मिसाई के कार्य के लिए जिले में पहुंच चुके हैं और जिले के विभिन्न गांव के चौक-चौराहे पर अपना डेरा जमाए हुए हैं. किसान करीब 1800 से 2000 में 1 एकड़ के फसल के धान की कटाई कर रहे हैं.