बेमेतरा: शम्भूपूरी मरका मेला में शनिवार को माघ पूर्णिमा के अवसर पर मेला का आयोजन किया गया. हाफ नदी और तुरतुरिया नाले में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है. वहीं मेले में प्रदेश भर से लोग पहुंचे थे. मेले के भीड़ के मद्देनजर बाजार भी गुलजार रहा और जमकर खरीदी हुई. मरका बगीचा में विगत 65 सालों से श्रीमद् भागवत कथा और मेला का आयोजन किया जाता रहा है. परंपरा आज भी कायम है. मेला में प्रदेश भर के श्रद्धालु पहुंचे और हांफ-नदी और तुरतुरिया नाला के कुंड पर स्नान किया.
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मरका मेला को लेकर प्रदेश भर के श्रद्धालुओं को इस तारीख का इंतजार रहता है. प्रदेश भर से श्रद्धालु बड़ी संख्या में मरका धाम पहुंचते हैं. जहां किसानों को बैल के जोड़े, बुजुर्गों को लाठी, महिलाओं को गृहस्थी की वस्तुएं और बच्चों को बांसुरी ने मोह लिया. सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुएं, खिलौने कपड़े और मिष्ठान की जमकर बिक्री हुई. मेला में लाखों की खरीदी-बिक्री हुई है.
संगम में प्राकृतिक कुंड
हाफ नदी और तुरतुरिया नाला के संगम तट पर स्वयंभू शिवलिंग की सिद्धि है. इसके आकार में लगातार हो रही वृद्धि ने उपवासको को संबल प्रदान किया है. वहीं तुरतुरिया नाले में बना प्राकृतिक कुंड देवों के देव महादेव को प्रिय बेलपत्र का बगीचा शिवतीर्थ होने का जीता जागता प्रमाण है. इस तीर्थ में अब 1 दर्जन से अधिक मंदिर हो गए हैं. जहां प्रदेश भर के श्रद्धालु मनोवांछित फल पाने इस धाम में पहुंचते हैं. मरका धाम में बेलपत्रों से आच्छादित बगीचा प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली पर्यटकों का मन मोह लेती है.