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बेमेतरा: नेत्रदान जागरूकता कैंप, 8 सिंतबर तक चलेगा कार्यक्रम

बेमेतरा जिले में नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम 8 सिंतबर तक चलेगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को नेत्रदान करने के लिए जागरूक किया जाएगा. इसके फायदे भी बताए जाएंगे.

Eye donation awareness program organized in Bemetara
नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम
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Published : Aug 30, 2020, 1:49 PM IST

Updated : Aug 30, 2020, 2:31 PM IST

बेमेतरा : राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में नेत्रदान पखवाड़ा जन जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. ये कार्यक्रम 8 सितंबर तक चलेगा. इसके तहत लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित कर उसके लाभ बताए जा रहे है.

नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम

नेत्रदान से 2 लोगों को मिल सकती है रोशनी
CMHO डॉ सतीश शर्मा ने बताया कि हमारी आंखें हमारे मरने के बाद भी किसी के काम आ सकती है. मनुष्य की मृत्यु के बाद उसके शरीर का एक ही अंग काम आ सकता है, वो है नेत्र. नेत्रदान मृत्यु के बाद ही किया जाता है. नेत्रदान कर हम 2 लोगों को रोशनी दे सकते हैं. इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि वह अपने जिंदा रहते हुए इसकी घोषणा करें, वे आखिरी समय में भी नेत्र दान की घोषणा कर सकते हैं. यदि कोई जीवित रहते नेत्रदान की घोषणा करता है तो वह सही भी है. नेत्रदान पुण्य का कार्य है इसे कोई भी व्यक्ति कर सकता है. यह ध्यान रहे कि रेबीज, एड्स, टिटेनेस, हेपेटाइटिस, सर्पदंश, लेप्रोसी, जहर, सिफलिस, डूबकर या जलकर, आंख का कैंसर, फाॅसी लगााकर, ब्लड कैंसर, सेप्टीसीमिया, तपेदिक एवं संक्रामक बीमारी व्यक्ति के नेत्रदान के लिए उपयुक्त नहीं है.

पढ़ें : गोधन न्याय योजना, चारा घोटाले की दिशा में जा रही: विष्णु देव साय

नेत्रदान के लिये परिजनों की सहमति हैं जरूरी
डॉ सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि व्यक्ति के इच्छा के अनुरूप मृत्यु के 8 घंटे बाद तक नेत्र को सुरक्षित निकाला जा सकता है. इसके लिए परिजनों की सहमति आवश्यक है. नेत्र दानकर आप दूसरे को रोशनी दे सकते हैं. बता दें नेत्रदान पखवाड़ा के संबंध में जिला स्वास्थ अधिकारी कार्यालय में बैठक हुई, जहां नेत्र पखवाड़ा मनाये जाने संबंधी चर्चा की गई. बैठक में सहायक अधिकारी विजय देवांगन, व्ही.के बघेल, विनोद कुमार साहू, राकेश कुमार साहू, ओंकार सिंह चद्रांकर, दीपा शर्मा, श सीमा मण्डावी, आशा बरवा, उपस्थित थे.

बेमेतरा : राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में नेत्रदान पखवाड़ा जन जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. ये कार्यक्रम 8 सितंबर तक चलेगा. इसके तहत लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित कर उसके लाभ बताए जा रहे है.

नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम

नेत्रदान से 2 लोगों को मिल सकती है रोशनी
CMHO डॉ सतीश शर्मा ने बताया कि हमारी आंखें हमारे मरने के बाद भी किसी के काम आ सकती है. मनुष्य की मृत्यु के बाद उसके शरीर का एक ही अंग काम आ सकता है, वो है नेत्र. नेत्रदान मृत्यु के बाद ही किया जाता है. नेत्रदान कर हम 2 लोगों को रोशनी दे सकते हैं. इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि वह अपने जिंदा रहते हुए इसकी घोषणा करें, वे आखिरी समय में भी नेत्र दान की घोषणा कर सकते हैं. यदि कोई जीवित रहते नेत्रदान की घोषणा करता है तो वह सही भी है. नेत्रदान पुण्य का कार्य है इसे कोई भी व्यक्ति कर सकता है. यह ध्यान रहे कि रेबीज, एड्स, टिटेनेस, हेपेटाइटिस, सर्पदंश, लेप्रोसी, जहर, सिफलिस, डूबकर या जलकर, आंख का कैंसर, फाॅसी लगााकर, ब्लड कैंसर, सेप्टीसीमिया, तपेदिक एवं संक्रामक बीमारी व्यक्ति के नेत्रदान के लिए उपयुक्त नहीं है.

पढ़ें : गोधन न्याय योजना, चारा घोटाले की दिशा में जा रही: विष्णु देव साय

नेत्रदान के लिये परिजनों की सहमति हैं जरूरी
डॉ सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि व्यक्ति के इच्छा के अनुरूप मृत्यु के 8 घंटे बाद तक नेत्र को सुरक्षित निकाला जा सकता है. इसके लिए परिजनों की सहमति आवश्यक है. नेत्र दानकर आप दूसरे को रोशनी दे सकते हैं. बता दें नेत्रदान पखवाड़ा के संबंध में जिला स्वास्थ अधिकारी कार्यालय में बैठक हुई, जहां नेत्र पखवाड़ा मनाये जाने संबंधी चर्चा की गई. बैठक में सहायक अधिकारी विजय देवांगन, व्ही.के बघेल, विनोद कुमार साहू, राकेश कुमार साहू, ओंकार सिंह चद्रांकर, दीपा शर्मा, श सीमा मण्डावी, आशा बरवा, उपस्थित थे.

Last Updated : Aug 30, 2020, 2:31 PM IST
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