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कौमी एकता की मिसाल, यहां मंदिर के बाहर मुस्लिम बेचते हैं पूजा सामग्री

बाजारपारा सदियों से कौमी एकता की तस्वीर पेश करता आया है. यहां भद्रकाली मंदिर के बाहर आज भी मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा सामग्री बेचते हैं और मुस्लिम परिवार मां भद्रकाली की फोटो फ्रेमिंग का काम करता है.

मंदिर के बाहर मुस्लिम बेचते हैं पूजा सामग्री
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Published : Nov 9, 2019, 5:45 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 10:48 PM IST

बेमेतरा : बेमेतरा के बाजारपारा में 60 साल से कौमी एकता की मिसाल कायम है...हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग भाईचारे और सौहार्द के साथ यहां रहते हैं. बाजरपारा में भद्रकाली मंदिर और मस्जिद पास-पास है. इस इलाके में भद्रकाली मंदिर के पास आज भी मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा सामाग्री बेचते हैं. हिंदू भाई,बहन इन्ही दुकानों से पूजा का सामान खरीदकर मां भद्रकाली को चढ़ाते हैं. बाजारपार के निवासी कई दशकों से साम्प्रदायिक सौहार्द और सद्भाव की इस अनूठी तस्वीर को पेश करते आए हैं. मुस्लिम दुकानदारों ने बताया कि वे किसी दूसरे समुदाय को गैर नहीं समझते. सभी एक साथ भाईचारे के साथ रहते हैं.

भद्रकाली मंदिर के बाहर आज भी मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा सामग्री बेचते हैं

पूजा सामग्री बेचते हैं अब्दुर अली

वहीं अब्दुर अली की पूजा सामग्री की दुकान है जो पीढ़ियों से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज भी यहां दुकान लगाते थे . तब से आज तक लगातार यहां दुकान लगाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. यहां कभी धर्म की दीवार खड़ी नहीं हुई.

पढ़ें :अयोध्या : फैसले से पहले पक्षकारों ने पेश की सौहार्द की मिसाल

नोहर अली करते हैं मां भद्रकाली की फोटो फ्रेमिंग

नोहर अली यहां फोटो फ्रेम की दुकान चलाते हैं. और मां भद्रकाली की फोटो को फ्रेम करके बेचते हैं . नोहर अली ने बताया कि बीते 60 साल से उनकी यह दुकान यहीं पर है. उनके परिवारवाले और वो पिछले 60 साल से मां भद्रकाली की फोटो को फ्रेम करके बेचते आए हैं. यहां दुकान लगाने वाले शरद धीवर भी आपसी भाईचारे और मोहब्बत को यहां के लोगों का गहना बताते हैं. भद्रकाली मंदिर के पुजारी ने भी इस भाईचारे को अटूट बताया.

दिन महीने साल और सदिया गुजर गई. वक्त के साथ-साथ यहां के लोगों का विश्वास और अटूट होता गया. जिसने अपसी प्यार और सौहार्द के बंधन का रूप ले लिया है. इसलिए तो कहा गया है एकता जिसे जोड़े भला वह बंधन कौन तोड़े.

बेमेतरा : बेमेतरा के बाजारपारा में 60 साल से कौमी एकता की मिसाल कायम है...हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग भाईचारे और सौहार्द के साथ यहां रहते हैं. बाजरपारा में भद्रकाली मंदिर और मस्जिद पास-पास है. इस इलाके में भद्रकाली मंदिर के पास आज भी मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा सामाग्री बेचते हैं. हिंदू भाई,बहन इन्ही दुकानों से पूजा का सामान खरीदकर मां भद्रकाली को चढ़ाते हैं. बाजारपार के निवासी कई दशकों से साम्प्रदायिक सौहार्द और सद्भाव की इस अनूठी तस्वीर को पेश करते आए हैं. मुस्लिम दुकानदारों ने बताया कि वे किसी दूसरे समुदाय को गैर नहीं समझते. सभी एक साथ भाईचारे के साथ रहते हैं.

भद्रकाली मंदिर के बाहर आज भी मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा सामग्री बेचते हैं

पूजा सामग्री बेचते हैं अब्दुर अली

वहीं अब्दुर अली की पूजा सामग्री की दुकान है जो पीढ़ियों से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज भी यहां दुकान लगाते थे . तब से आज तक लगातार यहां दुकान लगाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. यहां कभी धर्म की दीवार खड़ी नहीं हुई.

पढ़ें :अयोध्या : फैसले से पहले पक्षकारों ने पेश की सौहार्द की मिसाल

नोहर अली करते हैं मां भद्रकाली की फोटो फ्रेमिंग

नोहर अली यहां फोटो फ्रेम की दुकान चलाते हैं. और मां भद्रकाली की फोटो को फ्रेम करके बेचते हैं . नोहर अली ने बताया कि बीते 60 साल से उनकी यह दुकान यहीं पर है. उनके परिवारवाले और वो पिछले 60 साल से मां भद्रकाली की फोटो को फ्रेम करके बेचते आए हैं. यहां दुकान लगाने वाले शरद धीवर भी आपसी भाईचारे और मोहब्बत को यहां के लोगों का गहना बताते हैं. भद्रकाली मंदिर के पुजारी ने भी इस भाईचारे को अटूट बताया.

दिन महीने साल और सदिया गुजर गई. वक्त के साथ-साथ यहां के लोगों का विश्वास और अटूट होता गया. जिसने अपसी प्यार और सौहार्द के बंधन का रूप ले लिया है. इसलिए तो कहा गया है एकता जिसे जोड़े भला वह बंधन कौन तोड़े.

Intro:एंकर- बेमेतरा में सैकड़ों वर्षों से हिंदू मुस्लिम परिवार एक साथ प्रेम सौहार्द की भावना से रहते हैं जो पूरे देश के लिये एकता की मिशाल है आपसी भाईचारे से यहाँ सभी त्यौहार मनाया जाता है मां भद्रकाली मंदिर प्रांगण में मुस्लिम समाज के लोग फूल माला फोटो नारियल अगरबत्ती की दुकान लगाते हैं और वे आज अयोध्या के फैसले में कोर्ट के आदेश का सम्मान करने की बात कही है।Body:बता दे कि सैकड़ों वर्षों से नगर में मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं नगर के बाजार पारा में माता भद्रकाली शीतला मस्जिद आस पास ही है और नगर में सामाजिक सद्भावना आपसी प्रेम की भावना से यहां हिंदू मुस्लिम रहते हैं मंदिर के निकट ही मुस्लिम समुदाय के लोगों का फूल माला अगरबत्ती नारियल की दुकानें हैं इसे बेचकर वे जीवन यापन करते हैं दुकानदारों ने बताया कि हम किसी दूसरे समुदाय को परे नहीं समझते सभी एक साथ भाईचारे एवम प्रेम से रहते हैं
बता दें कि नोहर अली की फोटो फ्रेम की दुकान है और वे विगत 60 वर्षों से माता भद्रकाली की फोटो फ्रेम करके भेजते हैं वही अब्दुरम अली की फूल माला नारियल की दुकान है जो पीढ़ियों से चली आ रही है।Conclusion:मंदिर के निकट फूल माला बेचने वाले नोहर अली और अब्दुररम अली ने बताया कि हमारे अब्बा भी यही दुकान किया करते थे हम भी यहां दुकान कर रहे हैं हमारे यहां हिंदू मुस्लिम सब सद्भावना भाईचारे की भावना से रहते हैं एवं दोनों में कोई विवाद नहीं है आज अयोध्या मामले में फैसला आ रहा है जिसमें हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।
बाईट 1-नोहर अली दुकानदार
बाईट2-अब्दुरम अली दुकानदार
बाईट3-शरद धीवर दुकानदार
बाइट4 प्रलय तिवारी पुजारी माता भद्रकाली मंदिर
Last Updated : Nov 9, 2019, 10:48 PM IST
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