बेमेतरा : बेमेतरा के बाजारपारा में 60 साल से कौमी एकता की मिसाल कायम है...हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग भाईचारे और सौहार्द के साथ यहां रहते हैं. बाजरपारा में भद्रकाली मंदिर और मस्जिद पास-पास है. इस इलाके में भद्रकाली मंदिर के पास आज भी मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा सामाग्री बेचते हैं. हिंदू भाई,बहन इन्ही दुकानों से पूजा का सामान खरीदकर मां भद्रकाली को चढ़ाते हैं. बाजारपार के निवासी कई दशकों से साम्प्रदायिक सौहार्द और सद्भाव की इस अनूठी तस्वीर को पेश करते आए हैं. मुस्लिम दुकानदारों ने बताया कि वे किसी दूसरे समुदाय को गैर नहीं समझते. सभी एक साथ भाईचारे के साथ रहते हैं.
पूजा सामग्री बेचते हैं अब्दुर अली
वहीं अब्दुर अली की पूजा सामग्री की दुकान है जो पीढ़ियों से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज भी यहां दुकान लगाते थे . तब से आज तक लगातार यहां दुकान लगाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. यहां कभी धर्म की दीवार खड़ी नहीं हुई.
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नोहर अली करते हैं मां भद्रकाली की फोटो फ्रेमिंग
नोहर अली यहां फोटो फ्रेम की दुकान चलाते हैं. और मां भद्रकाली की फोटो को फ्रेम करके बेचते हैं . नोहर अली ने बताया कि बीते 60 साल से उनकी यह दुकान यहीं पर है. उनके परिवारवाले और वो पिछले 60 साल से मां भद्रकाली की फोटो को फ्रेम करके बेचते आए हैं. यहां दुकान लगाने वाले शरद धीवर भी आपसी भाईचारे और मोहब्बत को यहां के लोगों का गहना बताते हैं. भद्रकाली मंदिर के पुजारी ने भी इस भाईचारे को अटूट बताया.
दिन महीने साल और सदिया गुजर गई. वक्त के साथ-साथ यहां के लोगों का विश्वास और अटूट होता गया. जिसने अपसी प्यार और सौहार्द के बंधन का रूप ले लिया है. इसलिए तो कहा गया है एकता जिसे जोड़े भला वह बंधन कौन तोड़े.