बेमेतरा: जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज को लेकर अव्यवस्था का आलम है और घंटों इंतजार के बावजूद मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. जिला अस्पताल से एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जहां दर्द से कराह रहे 14 वर्षीय दिव्यांग बच्चे का इलाज कराने आए परिजन को डॉक्टर नदारद होने के कारण बैरंग लौटना पड़ा.
जिले के ग्राम पंडरभट्ठा के दिव्यांग अकाश यादव के पेड़ से गिरने से दाएं हाथ की हड्डी टूट गई और परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टर मौजूद नहीं होने पर स्टाफ नर्स ने डॉक्टर से फोन पर संपर्क किया, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद साहू ने कॉल रिसीव नहीं किया. करीब 2 घंटे इंतजार के बाद नर्स ने बच्चे को दर्द का इंजेक्शन लगा कर इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल ले जाने कहा जहां मजबूर परिजन बच्चे को लेकर बैरंग ही लौट गए.
ड्यूटी से नदारद मिले डॉक्टर ने नहीं उठाया फोन
जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज को लेकर अव्यवस्था का आलम है. घंटों इंतजार के बावजूद मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. जिला अस्पताल से एक ऐसी ही घटना सामने आई है जहां दर्द से कराह रहे 14 वर्षीय दिव्यांग बच्चे का इलाज कराने आए परिजन को डॉक्टर नदारद होने के कारण मायूस लौटना पड़ा. कई बार फोन लगाने के बावजूद भी डॉक्टर ने फोन नहीं उठाया.
जिला अस्पताल में 2 घंटे तक दर्द से कराहता रहा दिव्यांग
जिला अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं मिलना आम बात हो गई है. दिव्यांग आकाश हाथ टूटने के दर्द से कराता रहा लेकिन अस्पताल प्रबंधन लापरवाह रवैया अपनााए रहा. करीब 2 घंटे तक इलाज नहीं मिलने पर परिजनों ने खासी नाराजगी जाहिर की. परिजनों ने कहा कि डॉक्टरों में मानवता खत्म होती जा रही है. इधर ड्यूटी से नदारद डॉक्टर अरविंद साहू अपने निजी क्लीनिक में इलाज करते मिले. ऐसी हालत में लोगों का जिला अस्पताल से भरोसा उठता जा रहा है और डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ पा रहे हैं.
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इधर अपने निजी क्लीनिक में इलाज कर रहे हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद साहू ने रायपुर जाने का बहाना बनाया और कार चलाने की वजह से फोन नहीं उठाने की बात कही. इधर मामले में CMHO सतीश शर्मा ने बताया कि सिविल सर्जन से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी.