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Rain will increase inflation: छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश से दलहन-तिलहन की फसल बर्बाद, तेल और दाल की कीमतों में फिर लगेगी आग - pulses oilseeds crops ruined due to unseasonal rain

Unseasonal rain in Bemetara: छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश से दलहन-तिलहन की फसल के साथ-साथ फल और सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई है (Crops of pulses and oilseeds ruined) आने वाले समय में बारिश से तेल की कीमतों में और भी इजाफा हो सकता है.

unseasonal rain in bemetara
बारिश से बढ़ेगी महंगाई
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Published : Jan 12, 2022, 9:22 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 10:03 PM IST

रायपुर/बेमेतरा: बीते 4 दिनों से बेमौसम बारिश (Unseasonal rain in Bemetara) और ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बनकर आई है. इस बारिश से छत्तीसगढ़ के किसानों की दलहन-तिलहन के साथ-साथ सब्जी की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद (Crops of pulses and oilseeds ruined) हो चुकी है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द मौसम साफ नहीं हुआ तो फसल पूरी तरह से चौपट हो जाएगी. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा. अगर फसल बर्बाद होती है, तो आगामी दिनों में दाल और तेल की कीमतें एक बार फिर बढ़ेगी. जिससे साफ है कि आम (Rain will increase inflation) आदमी का बजट भी बिगड़ेगा.

तेल और दाल की कीमतों में फिर लगेगी आग

यह भी पढ़ेंः Weather Change In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 3 दिनों से जारी है बारिश का दौर, हल्की बारिश और ओलावृष्टि की संभावना

बेमौसम बारिश ने दलहन-तिलहन की फसल को किया बर्बाद

बेमेतरा में इस वर्ष किसानों की उन्हारी की फसल पर बेमौसम बारिश ने पानी फेर दिया है. जिससे किसानों की दलहन-तिलहन के साथ ही केला-पपीता और सब्जियों की फसल भी प्रभावित हुई है. बेमौसम बारिश से चना, अरहर, तिवरा, मसूर की फसल के फूल झड़ गए हैं. बढ़ते ठंड के कारण फसल भी मुरझा गए हैं.

किसानों की सरकार से क्षतिपूर्ति राशि की मांग

फसल बर्बाद होने पर जिले के किसान ने ईटीवी को बताया कि 4 दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है, जिससे दलहन और तिलहन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. यदि मौसम ऐसा ही रहा तो हमें फसल की लुआई करने खेत नहीं जाना पड़ेगा. जिले के किसानों ने ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से फसल से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि देने की गुहार लगाई है.

70 हजार हेक्टेयर में हो रही चना की खेती

बेमेतरा में 70 हजार हेक्टेयर में चना की खेती की जा रही है. 5 हजार हेक्टेयर में तिवरा, 6 हजार हेक्टेयर में अरहर, 800 हेक्टेयर में मसूर की खेती की जा रही है. इसके अलावा 300 हेक्टेयर से अधिक में केला, पपीता और सब्जियों की खेती की जा रही है.

कृषि विभाग ने शुरू किया सर्वे का काम

इस संबंध में बेमेतरा कृषि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजकुमार सोलंकी ने बताया कि बेमेतरा कलेक्टर ने बारिश से हुए फसल नुकसान के आंकलन का निर्देश दिया है. सर्वे कर रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है. कृषि विभाग जिले में 68 हजार किसानों की रबी फसल का बीमा की है. जबकि उद्यानिकी विभाग ने 500 हेक्टेयर में साग-सब्जी और फलों का बीमा किया है. किसानों को 3 तरह की राहत राशि दी जा सकती है.

यह भी पढ़ेंः कोरबा में अपनी फसल की कीमत पाने में किसान हो रहे वसूली के शिकार

ओलावृष्टि से सामान्य खेती प्रभावित

इस विषय में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक गजेंद्र कुमार चंद्राकर ने बताया कि प्रदेश में बीते 4 दिनों से हो रही रुक-रुक कर बारिश और ओलावृष्टि के कारण सामान्य खेती का काम प्रभावित हुआ है. कहीं पर सामान्य बारिश हुई है तो कहीं पर सामान्य से अधिक और कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई है. जिसके कारण खरीफ की फसल में धान की कटाई और मिंजाई का काम भी पूरा नहीं हो पाया है. बेमौसम बारिश के कारण दलहन-तिलहन की फसलों में सरसो, गेहूं, चना, मसूर, मटर, अरहर, सूरजमुखी, अलसी जैसी फसलें प्रभावित हुई है.

रायपुर/बेमेतरा: बीते 4 दिनों से बेमौसम बारिश (Unseasonal rain in Bemetara) और ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बनकर आई है. इस बारिश से छत्तीसगढ़ के किसानों की दलहन-तिलहन के साथ-साथ सब्जी की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद (Crops of pulses and oilseeds ruined) हो चुकी है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द मौसम साफ नहीं हुआ तो फसल पूरी तरह से चौपट हो जाएगी. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा. अगर फसल बर्बाद होती है, तो आगामी दिनों में दाल और तेल की कीमतें एक बार फिर बढ़ेगी. जिससे साफ है कि आम (Rain will increase inflation) आदमी का बजट भी बिगड़ेगा.

तेल और दाल की कीमतों में फिर लगेगी आग

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बेमौसम बारिश ने दलहन-तिलहन की फसल को किया बर्बाद

बेमेतरा में इस वर्ष किसानों की उन्हारी की फसल पर बेमौसम बारिश ने पानी फेर दिया है. जिससे किसानों की दलहन-तिलहन के साथ ही केला-पपीता और सब्जियों की फसल भी प्रभावित हुई है. बेमौसम बारिश से चना, अरहर, तिवरा, मसूर की फसल के फूल झड़ गए हैं. बढ़ते ठंड के कारण फसल भी मुरझा गए हैं.

किसानों की सरकार से क्षतिपूर्ति राशि की मांग

फसल बर्बाद होने पर जिले के किसान ने ईटीवी को बताया कि 4 दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है, जिससे दलहन और तिलहन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. यदि मौसम ऐसा ही रहा तो हमें फसल की लुआई करने खेत नहीं जाना पड़ेगा. जिले के किसानों ने ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से फसल से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि देने की गुहार लगाई है.

70 हजार हेक्टेयर में हो रही चना की खेती

बेमेतरा में 70 हजार हेक्टेयर में चना की खेती की जा रही है. 5 हजार हेक्टेयर में तिवरा, 6 हजार हेक्टेयर में अरहर, 800 हेक्टेयर में मसूर की खेती की जा रही है. इसके अलावा 300 हेक्टेयर से अधिक में केला, पपीता और सब्जियों की खेती की जा रही है.

कृषि विभाग ने शुरू किया सर्वे का काम

इस संबंध में बेमेतरा कृषि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजकुमार सोलंकी ने बताया कि बेमेतरा कलेक्टर ने बारिश से हुए फसल नुकसान के आंकलन का निर्देश दिया है. सर्वे कर रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है. कृषि विभाग जिले में 68 हजार किसानों की रबी फसल का बीमा की है. जबकि उद्यानिकी विभाग ने 500 हेक्टेयर में साग-सब्जी और फलों का बीमा किया है. किसानों को 3 तरह की राहत राशि दी जा सकती है.

यह भी पढ़ेंः कोरबा में अपनी फसल की कीमत पाने में किसान हो रहे वसूली के शिकार

ओलावृष्टि से सामान्य खेती प्रभावित

इस विषय में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक गजेंद्र कुमार चंद्राकर ने बताया कि प्रदेश में बीते 4 दिनों से हो रही रुक-रुक कर बारिश और ओलावृष्टि के कारण सामान्य खेती का काम प्रभावित हुआ है. कहीं पर सामान्य बारिश हुई है तो कहीं पर सामान्य से अधिक और कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई है. जिसके कारण खरीफ की फसल में धान की कटाई और मिंजाई का काम भी पूरा नहीं हो पाया है. बेमौसम बारिश के कारण दलहन-तिलहन की फसलों में सरसो, गेहूं, चना, मसूर, मटर, अरहर, सूरजमुखी, अलसी जैसी फसलें प्रभावित हुई है.

Last Updated : Jan 12, 2022, 10:03 PM IST
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