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महिला सहकर्मियों से छेड़छाड़ करने वाले लेक्चरार को सजा

महिला सहकर्मियों से छेड़छाड़ के दोषी लेक्चरार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो अलग-अलग धाराओं में 1 साल का सश्रम कारावास और 15 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है.

Court sentenced lecturer
न्यायालय ने लेक्चरर को सुनाई सजा
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Published : Jan 18, 2020, 8:53 AM IST

Updated : Jan 18, 2020, 10:44 AM IST

बेमेतरा: महिला सहकर्मी से छेड़छाड़ के आरोपी व्याख्याता भुवनेश्वर प्रसाद घिरी को जज आनंद सिंघल ने धारा 506 (कार्यस्थल पर छेड़छाड़) के तहत एक साल का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. वहीं धारा 354 (लैंगिक उत्पीड़न) के मामले में 1 साल का कारावास की सजा सुनाई गई है. प्रशासन की ओर से मामले में लोक अभियोजक दिनेश तिवारी ने पैरवी की है.

न्यायालय ने लेक्चरार को सुनाई सजा

मामला 18 सितंबर 2017 का है. जब पीड़ित महिला कर्मियों ने नांदघाट थाने में छेड़छाड़ के मामले में लिखित में शिकायत की थी. जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया था. मामले में पूर्व में न्यायिक मजिस्ट्रेट बेमेतरा के समक्ष शिकायत हुई थी. जहां आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था.

जज ने आरोपी को सुनाया सजा
इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने इसकी शिकायत सत्र न्यायालय में की थी. जिस पर अपीली न्यायालय के पीठासीन अधिकारी आनंद कुमार सिंघल ने फैसला सुनाया. उन्होंने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए अलग-अलग धाराओं के तहत सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

पढ़े:कोरिया: बुजुर्ग महिला की हत्या, संदिग्ध हालत में मिली लाश

लैंगिक उत्पीड़न संरक्षण समिति गठित
लोक अभियोजक अधिकारी दिनेश तिवारी ने बताया कि 'कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत महिलाओं को कार्यस्थल पर नियम के प्रावधानों के अनुसार नियोक्ताओं ने महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के संरक्षण के लिए परिवाद समिति का गठन किया जाना है.

बेमेतरा: महिला सहकर्मी से छेड़छाड़ के आरोपी व्याख्याता भुवनेश्वर प्रसाद घिरी को जज आनंद सिंघल ने धारा 506 (कार्यस्थल पर छेड़छाड़) के तहत एक साल का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. वहीं धारा 354 (लैंगिक उत्पीड़न) के मामले में 1 साल का कारावास की सजा सुनाई गई है. प्रशासन की ओर से मामले में लोक अभियोजक दिनेश तिवारी ने पैरवी की है.

न्यायालय ने लेक्चरार को सुनाई सजा

मामला 18 सितंबर 2017 का है. जब पीड़ित महिला कर्मियों ने नांदघाट थाने में छेड़छाड़ के मामले में लिखित में शिकायत की थी. जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया था. मामले में पूर्व में न्यायिक मजिस्ट्रेट बेमेतरा के समक्ष शिकायत हुई थी. जहां आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था.

जज ने आरोपी को सुनाया सजा
इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने इसकी शिकायत सत्र न्यायालय में की थी. जिस पर अपीली न्यायालय के पीठासीन अधिकारी आनंद कुमार सिंघल ने फैसला सुनाया. उन्होंने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए अलग-अलग धाराओं के तहत सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

पढ़े:कोरिया: बुजुर्ग महिला की हत्या, संदिग्ध हालत में मिली लाश

लैंगिक उत्पीड़न संरक्षण समिति गठित
लोक अभियोजक अधिकारी दिनेश तिवारी ने बताया कि 'कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत महिलाओं को कार्यस्थल पर नियम के प्रावधानों के अनुसार नियोक्ताओं ने महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के संरक्षण के लिए परिवाद समिति का गठन किया जाना है.

Intro:एंकर- महिलासहकर्मी से छेड़छाड़ के आरोपी व्याख्याता भुवनेश्वर प्रसाद घिरी को जज आंनद सिंघल ने धारा 506 के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है वही धारा 354 के मामले 1 वर्ष का कारावास और 10 हजार का अर्थदंड लगाया गया है प्रशासन की ओर से मामले में लोल अभियोजक दिनेश तिवारी ने पैरवी की है।Body:दरअसल मामला 18 सितंबर 2017 का है जब पीड़ित महिला कर्मियों ने नाँदघाट थाने में छेड़छाड़ के मामले में लिखित में शिकायत की थी जिसके आधार पर अपराध पंजीबध्द किया गया था। मामले में पूर्व में न्यायिक मजिस्ट्रेट बेमेतरा के समक्ष शिकायत हुई थी जहां आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था जिसके बाद पीड़ित महिलाओं ने इसकी शिकायत सत्र न्यायालय में की थी जिस पर अपीली न्यायालय के पीठासीन अधिकारी आनंद कुमार सिंघल ने फैसला सुनाया उन्हें निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए अलग अलग धाराओं के तहत सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
(sum)
महिला सहकर्मियों के साथ छेड़छाड़ के मामले में व्याख्याता को जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो अलग अलग धारा में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है।
Conclusion:लोक अभियोजक दिनेश तिवारी ने बताया कि कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण एवम प्रतितोषण अधिनियम 2013 के तहत महिलाओं को कार्यस्थल पर नियम के प्रावधानों के अनुसार नियोक्ताओं ने महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के संरक्षण के लिये परिवाद समिति का गठन किया जाना है।
बाईट- दिनेश तिवारी लोक अभियोजक बेमेतरा
Last Updated : Jan 18, 2020, 10:44 AM IST
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