बेमेतरा: छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार में से एक छेरछेरा पुन्नी के अवसर पर शुक्रवार को नगर में नन्हे बच्चों की टोली घर-घर जाकर शगुन लेते नजर आए. जहां लोगों ने उन्हें चावल, दाल, गेंहू और रुपए दिए.
छेरछेरा पूर्णिमा में अन्न दान की रही है परंपरा
बता दें कि छेरछेरा पुन्नी को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार के रूप में मनाया जाता है. इस दिन दान का विशेष महत्व माना जाता है. आज के दिन नन्हे बच्चों को ब्राह्मणों के स्वरूप मानकर खाद्यान्न और रुपए दान करने की परंपरा रही है. छत्तीसगढ़ में व्याप्त संस्कृति के अनुसार इस दिन दान करने से सालभर खाद्यान्न की समस्या नहीं होती है.
छेर छेरा माई कोठी के धान ल हेर हेरा
छेरछेरा पूर्णिमा के दिन मांगने आए बच्चों की टोली छेरछेरा माई कोठी के धान ल हेर हेरा, अरन बरन कोदो दरन जबे देबे तभे टरन बोल कर दान लेते है.