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बेमेतरा: नवरात्र के आठवें दिन सूना रहा मां भद्रकाली का दरबार, श्रद्धालुओं ने बाहर से ही की पूजा-अर्चना

कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल मंदिरों में भक्तों की संख्या बेहद कम रही. शासन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार मां भद्रकाली बेमेतरा में शारदीय नवरात्र में ज्योति प्रज्जवलित नहीं की गई है और न ही प्रसाद का वितरण किया जा रहा है.

bhadrakali temple
मां भद्रकाली
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Published : Oct 24, 2020, 4:53 PM IST

बेमेतरा: नवरात्र का आज आठवां दिन है. नवरात्र के आठवें दिन देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की उपासना की जाती है. देशभर के मंदिरों में देवी दुर्गा के उपासक आज महाअष्टमी की पूजा कर रहे हैं. वहीं इस साल बेमेतरा के मां भद्रकाली दरबार में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए भक्तों की संख्या बेहद कम रही. लोग मंदिर के बाहर से ही मां दुर्गा के दर्शन कर रहे हैं.

श्रद्धालुओं ने बाहर से ही की पूजा-अर्चना

कोरोना काल में लोगों के जीवन शैली में परिवर्तन आया है, वहीं अब मंदिरों में भी दर्शन का तरीका बदल गया है. पहले जहां लोग मंदिरों में सीधे दर्शन करने पहुंचते थे, अब वे गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन कर रहे हैं. मास्क और सैनिटाइज के बाद ही अब भक्त मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं. नवरात्र के समय जहां मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता था, वहीं इस साल मंदिरों में भक्तों की संख्या बेहद कम नजर आ रही है. जो भक्त मंदिर में दर्शन करने पहुंचे है उन्हें भी प्रतिबंध से गुजरना पड़ रहा है.

मंदिर में नहीं बांटे गए प्रसाद

कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए इस साल मंदिरों में न तो ज्योत प्रज्वलित की गई है और न ही प्रसाद बांटे गए हैं. इसके अलावा जो भक्त मास्क पहनकर आए हैं सिर्फ उन्हें ही मंदिर के बाहर से देवी दर्शन करने की अनुमति मंदिर प्रबंधन ने दी है.

भक्तों को सैनिटाइज करता मंदिर प्रबंधन
भक्तों को सैनिटाइज करता मंदिर प्रबंधन
सैकड़ों साल पुराना है मंदिर का इतिहासबेमेतरा के हृदय स्थल बाजार पारा में मां भद्रकाली का दिव्य दरबार है जो कई साल पुराना है. कहा जाता है कि भद्रकाली मंदिर के स्थान पर पहले भैरव बाबा का मंदिर हुआ करता था, जिसे हटाकर भद्रकाली मंदिर बनवाया गया. गांव के लोग बताते हैं कि नगर के लेखराज शर्मा के सपने में आकर देवी भद्रकली ने अपने होने का जिक्र किया था, जिसके बाद श्रद्धालुओं ने वहां माता का मंदिर बनवाया और सपने में दिए गए स्थान से देवी की प्रतिमा लाकर मंदिर में स्थापित किया. यहीं कारण है कि बेमेतरा नगर को मां भद्रकाली की नगरी या भद्रकाली की धरा कहा जाता है.
मंदिर में कैलाश पर्वत का दिव्य स्वरूप
मंदिर में कैलाश पर्वत का दिव्य स्वरूप

हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक

बताया जाता है कि पहले ये मंदिर टापू पर था. 1980 में मंदिर को भव्य रूप दिया गया. मंदिर की भव्यता के चर्चे पूरे प्रदेश में है. देवी मंदिर के शीर्ष में कैलाश पर्वत का दिव्य स्वरूप है. जहां भगवान शिव और माता पार्वती पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं. वहीं मंदिर के नीचे गंगा तालाब है. मंदिर के बाजू में ही हनुमान जी का मंदिर भी है. इसके अलावा मंदिर के पास ही एक मस्जिद है जो हिन्दू-मुस्लिम की एकता, प्रेम और भाईचारे को दिखाता है.

Mosque near bhadrakali temple
मंदिर के पास स्थित मस्जिद

पढ़ें:शारदीय नवरात्र का आठवां दिन, मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की उपासना

पुलिस व्यवस्था दुरुस्त, लगातार जारी है पेट्रोलिंग
नवरात्र पर्व के मद्देनजर नगर में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है. पुलिस की पार्टी लगातार गश्त कर रही है. एसडीओपी राजीव शर्मा ने बताया कि नवरात्र पर्व के मद्देनजर कोविड-19 संक्रमण के नियंत्रण के गाइडलाइन के तहत मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही एसपी दिव्यांग पटेल के निर्देश पर लगातार नगर में पेट्रोलिंग की जा रही है

bhadrakali temple
भद्रकाली का दरबार

बाजार में पसरा सन्नाटा


नवरात्र पर्व शुरू होते ही जहां देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ होती थी. वहीं बाजारों की रौनक भी दुगनी हो जाती थी, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ. नवरात्र के अष्टमी को भी बाजार पूरी तरह खाली रहा, जिससे छोटे- बड़े सभी व्यापारी बेहद निराश नजर आए.

bhadrakali temple
बेमेतरा का भद्रकाली मंदिर

बेमेतरा: नवरात्र का आज आठवां दिन है. नवरात्र के आठवें दिन देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की उपासना की जाती है. देशभर के मंदिरों में देवी दुर्गा के उपासक आज महाअष्टमी की पूजा कर रहे हैं. वहीं इस साल बेमेतरा के मां भद्रकाली दरबार में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए भक्तों की संख्या बेहद कम रही. लोग मंदिर के बाहर से ही मां दुर्गा के दर्शन कर रहे हैं.

श्रद्धालुओं ने बाहर से ही की पूजा-अर्चना

कोरोना काल में लोगों के जीवन शैली में परिवर्तन आया है, वहीं अब मंदिरों में भी दर्शन का तरीका बदल गया है. पहले जहां लोग मंदिरों में सीधे दर्शन करने पहुंचते थे, अब वे गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन कर रहे हैं. मास्क और सैनिटाइज के बाद ही अब भक्त मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं. नवरात्र के समय जहां मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता था, वहीं इस साल मंदिरों में भक्तों की संख्या बेहद कम नजर आ रही है. जो भक्त मंदिर में दर्शन करने पहुंचे है उन्हें भी प्रतिबंध से गुजरना पड़ रहा है.

मंदिर में नहीं बांटे गए प्रसाद

कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए इस साल मंदिरों में न तो ज्योत प्रज्वलित की गई है और न ही प्रसाद बांटे गए हैं. इसके अलावा जो भक्त मास्क पहनकर आए हैं सिर्फ उन्हें ही मंदिर के बाहर से देवी दर्शन करने की अनुमति मंदिर प्रबंधन ने दी है.

भक्तों को सैनिटाइज करता मंदिर प्रबंधन
भक्तों को सैनिटाइज करता मंदिर प्रबंधन
सैकड़ों साल पुराना है मंदिर का इतिहासबेमेतरा के हृदय स्थल बाजार पारा में मां भद्रकाली का दिव्य दरबार है जो कई साल पुराना है. कहा जाता है कि भद्रकाली मंदिर के स्थान पर पहले भैरव बाबा का मंदिर हुआ करता था, जिसे हटाकर भद्रकाली मंदिर बनवाया गया. गांव के लोग बताते हैं कि नगर के लेखराज शर्मा के सपने में आकर देवी भद्रकली ने अपने होने का जिक्र किया था, जिसके बाद श्रद्धालुओं ने वहां माता का मंदिर बनवाया और सपने में दिए गए स्थान से देवी की प्रतिमा लाकर मंदिर में स्थापित किया. यहीं कारण है कि बेमेतरा नगर को मां भद्रकाली की नगरी या भद्रकाली की धरा कहा जाता है.
मंदिर में कैलाश पर्वत का दिव्य स्वरूप
मंदिर में कैलाश पर्वत का दिव्य स्वरूप

हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक

बताया जाता है कि पहले ये मंदिर टापू पर था. 1980 में मंदिर को भव्य रूप दिया गया. मंदिर की भव्यता के चर्चे पूरे प्रदेश में है. देवी मंदिर के शीर्ष में कैलाश पर्वत का दिव्य स्वरूप है. जहां भगवान शिव और माता पार्वती पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं. वहीं मंदिर के नीचे गंगा तालाब है. मंदिर के बाजू में ही हनुमान जी का मंदिर भी है. इसके अलावा मंदिर के पास ही एक मस्जिद है जो हिन्दू-मुस्लिम की एकता, प्रेम और भाईचारे को दिखाता है.

Mosque near bhadrakali temple
मंदिर के पास स्थित मस्जिद

पढ़ें:शारदीय नवरात्र का आठवां दिन, मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की उपासना

पुलिस व्यवस्था दुरुस्त, लगातार जारी है पेट्रोलिंग
नवरात्र पर्व के मद्देनजर नगर में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है. पुलिस की पार्टी लगातार गश्त कर रही है. एसडीओपी राजीव शर्मा ने बताया कि नवरात्र पर्व के मद्देनजर कोविड-19 संक्रमण के नियंत्रण के गाइडलाइन के तहत मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही एसपी दिव्यांग पटेल के निर्देश पर लगातार नगर में पेट्रोलिंग की जा रही है

bhadrakali temple
भद्रकाली का दरबार

बाजार में पसरा सन्नाटा


नवरात्र पर्व शुरू होते ही जहां देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ होती थी. वहीं बाजारों की रौनक भी दुगनी हो जाती थी, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ. नवरात्र के अष्टमी को भी बाजार पूरी तरह खाली रहा, जिससे छोटे- बड़े सभी व्यापारी बेहद निराश नजर आए.

bhadrakali temple
बेमेतरा का भद्रकाली मंदिर
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