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SPECIAL: खेतों पर पड़ी दरारें और सूख रही फसलें, बारिश की आस में हैं अन्नदाता

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Published : Aug 3, 2020, 1:10 PM IST

बेमेतरा के किसान बारिश नहीं होने से परेशान हैं. धान की फसलों को पानी नहीं मिलने फसल को नुकसान पहुंच रहा है. जमीन में दरारें पड़ रही हैं. क्षेत्र में बिजली की सही सुविधा नहीं होने की वजह से किसान पंप का भी इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर इस सप्ताह बारिश नहीं हुई तो उन्हे बड़ा नुकसान होगा.

bemetara farmers news
बारिश नहीं होने से परेशान हैं किसान

बेमेतरा: छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून समय से पहुंच तो गया, लेकिन बेमेतरा के किसान कहते हैं जब पानी की जरूरत नहीं थी तो बारिश ने फसल खराब कर दिए और अब जब जरूरत है, तो जमीन बंजर हो रही है. पानी की कमी से धान के पैदावार प्रभावित हो रहे हैं. बेमेतरा में धान के खेतों की हालात खराब है. बारिश नहीं होने की वजह से यहां जमीन पर दरारें पड़ गई हैं. इसके साथ ही धान की फसलों को पानी नहीं मिलने से पत्तियों में पिलापन आ गया है और ब्लास्ट पनप रहा है.

बारिश नहीं होने से परेशान हैं किसान

सावन का महीना किसानों के लिए खेती-किसानी का महीना होता है. उन्हें इंद्रदेव से उम्मीद होती है कि बारिश अच्छी होगी और फसल लहलहाएगी. लेकिन इस बार बारिश नहीं होने से किसान निराश हैं. सावन महीने में घुटने तक पानी भरे होने के बजाय खेत में बूंदभर भी पानी नहीं है. इस वजह से धान की रोपाई बियासी का काम पिछड़ गया. वहीं जिले में औसत से कम बारिश हुई है.

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बारिश नहीं होने से परेशान हैं किसान

पानी होकर भी नहीं मिल रहा पानी

किसानों की परेशिनियों की फेहरिस्त यहीं खत्म नहीं होती. वे बताते हैं कि पानी सप्लाई के लिए पंप भी कैसे चलाएंगे, जब 24 घंटे में सिर्फ 4 घंटे के लिए ही बिजली मिले. किसानों ने निराश होकर बताया कि बिजली कंपनी अटल ज्योति कनेक्शन की शुरुआत नहीं कर रही है. जिससे पानी रहकर भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है, धान सुख रहे हैं और फसल बर्बाद होने की कगार पर है.

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बारिश के बिना बंजर पड़ी जमीन

बीते 15 दिनों से नहीं बरसे बादल

प्रदेश सरकार धान की फसल में बोनस बीमा दे रही है. जिसके मद्देनजर जिले में धान का रकबा बढ़ गया है. वहीं सोयाबीन की खेती से किसानों का मोहभंग होता नजर आ रहा है. किसानों का कहना है कि इस बार धान की फसल से उन्हें मुनाफा नहीं होने वाला है. अच्छी फसल नहीं होने से लागत राशि भी निकालने में मुश्किल होगी.

बिजली कटौती ने बढाई किसानों की परेशानी

मानसून के शुरुआती दिनों में हुई अच्छी बारिश से किसान खुश थे. अच्छी फसल की उम्मीद के साथ वे खेती के काम में जी-जान से जुट गए, लेकिन अब जिले के किसानों की फसल बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरस रही है. इधर क्षेत्र में लगातार हो रही बिजली कटौती ने भी किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. जिससे किसान पंप के माध्यम से भी पानी की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. अन्नदाता अपने फसलों को यूंही छोड़ भी नहीं सकते, वे रोज खेत में बैठकर बारिश का इंतजार करते हैं.

धान पर ब्लास्ट और तनाछेदक का प्रकोप

किसानों ने बताया कि बीते दिनों से धान की फसल पर कीड़े लग रहे हैं. तेज उमस और गर्मी की वजह से फसमों में तनाछेदक और ब्लास्ट रोग तेजी से बढ़ रहा है. इस रोग के रोकथाम के लिए किसानों ने दवाई का छिड़काव किया है, लेकिन ज्यादा गर्मी और पानी की कमी से दवाई का असर नहीं दिख रहा है. इसे लेकर किसान परेशान हैं.

खेतो में पड़ी दरार, सूख रही फसलें

किसान रमेश, बाबा साहू और प्रीतम ने बताया कि खेतों में जलभराव की कमी के कारण धान के पौधे ग्रोथ नहीं कर पा रहे हैं. खेत सूखे होने से जमीन पर दरारें पड़ गई हैं और धान के पौधे सूख रहे हैं, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. फसलों को पानी की जरूरत है. पानी नहीं मिलने से खरपतवार भी उगने लगे हैं. खेतों में किसान न तो कीटनाशक डाल पा रहे हैं और ही खाद का छिड़काव कर पा रहे हैं. कुछ किसान रोपा लगाने के लिए खेत की जुताई भी कर चुके थे, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से खेत सूख गए और रोपाई का काम भी नहीं हो पा रहा है.

1 लाख 72 हजार हेक्टेयर में हो रही धान की खेती

कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक बेमेतरा में 1 लाख 72 हजार 680 हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है. जिसमें 1 लाख 1 हजार 363 हेक्टेयर में छीटाई बोनी, 51 हजार 754 में कतार बोनी, 2858 हैक्टेयर में लेहि पध्दति और 16 हजार 705 हेक्टेयर में रोपा लगाया गया है. वहीं सोयाबीन 21 हजार 830 हेक्टेयर तक ही लगाया गया है. जिले में 1 जून से अब तक 465 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है.

पढ़ें- कोरबा: बारिश नहीं होने से किसान परेशान, फसलों को नुकसान

किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं. बेमेतरा में बादल मंडराते हैं, लेकिन बिना बरसे निकल जाते हैं. हर दिन किसान बादलों की ओर निहार रहे हैं. मौसम की बेरुखी से जिले के किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि अगर इस सप्ताह बारिश नहीं हुई तो उन्हे बड़ा नुकसान होगा.

बेमेतरा: छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून समय से पहुंच तो गया, लेकिन बेमेतरा के किसान कहते हैं जब पानी की जरूरत नहीं थी तो बारिश ने फसल खराब कर दिए और अब जब जरूरत है, तो जमीन बंजर हो रही है. पानी की कमी से धान के पैदावार प्रभावित हो रहे हैं. बेमेतरा में धान के खेतों की हालात खराब है. बारिश नहीं होने की वजह से यहां जमीन पर दरारें पड़ गई हैं. इसके साथ ही धान की फसलों को पानी नहीं मिलने से पत्तियों में पिलापन आ गया है और ब्लास्ट पनप रहा है.

बारिश नहीं होने से परेशान हैं किसान

सावन का महीना किसानों के लिए खेती-किसानी का महीना होता है. उन्हें इंद्रदेव से उम्मीद होती है कि बारिश अच्छी होगी और फसल लहलहाएगी. लेकिन इस बार बारिश नहीं होने से किसान निराश हैं. सावन महीने में घुटने तक पानी भरे होने के बजाय खेत में बूंदभर भी पानी नहीं है. इस वजह से धान की रोपाई बियासी का काम पिछड़ गया. वहीं जिले में औसत से कम बारिश हुई है.

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बारिश नहीं होने से परेशान हैं किसान

पानी होकर भी नहीं मिल रहा पानी

किसानों की परेशिनियों की फेहरिस्त यहीं खत्म नहीं होती. वे बताते हैं कि पानी सप्लाई के लिए पंप भी कैसे चलाएंगे, जब 24 घंटे में सिर्फ 4 घंटे के लिए ही बिजली मिले. किसानों ने निराश होकर बताया कि बिजली कंपनी अटल ज्योति कनेक्शन की शुरुआत नहीं कर रही है. जिससे पानी रहकर भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है, धान सुख रहे हैं और फसल बर्बाद होने की कगार पर है.

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बारिश के बिना बंजर पड़ी जमीन

बीते 15 दिनों से नहीं बरसे बादल

प्रदेश सरकार धान की फसल में बोनस बीमा दे रही है. जिसके मद्देनजर जिले में धान का रकबा बढ़ गया है. वहीं सोयाबीन की खेती से किसानों का मोहभंग होता नजर आ रहा है. किसानों का कहना है कि इस बार धान की फसल से उन्हें मुनाफा नहीं होने वाला है. अच्छी फसल नहीं होने से लागत राशि भी निकालने में मुश्किल होगी.

बिजली कटौती ने बढाई किसानों की परेशानी

मानसून के शुरुआती दिनों में हुई अच्छी बारिश से किसान खुश थे. अच्छी फसल की उम्मीद के साथ वे खेती के काम में जी-जान से जुट गए, लेकिन अब जिले के किसानों की फसल बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरस रही है. इधर क्षेत्र में लगातार हो रही बिजली कटौती ने भी किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. जिससे किसान पंप के माध्यम से भी पानी की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. अन्नदाता अपने फसलों को यूंही छोड़ भी नहीं सकते, वे रोज खेत में बैठकर बारिश का इंतजार करते हैं.

धान पर ब्लास्ट और तनाछेदक का प्रकोप

किसानों ने बताया कि बीते दिनों से धान की फसल पर कीड़े लग रहे हैं. तेज उमस और गर्मी की वजह से फसमों में तनाछेदक और ब्लास्ट रोग तेजी से बढ़ रहा है. इस रोग के रोकथाम के लिए किसानों ने दवाई का छिड़काव किया है, लेकिन ज्यादा गर्मी और पानी की कमी से दवाई का असर नहीं दिख रहा है. इसे लेकर किसान परेशान हैं.

खेतो में पड़ी दरार, सूख रही फसलें

किसान रमेश, बाबा साहू और प्रीतम ने बताया कि खेतों में जलभराव की कमी के कारण धान के पौधे ग्रोथ नहीं कर पा रहे हैं. खेत सूखे होने से जमीन पर दरारें पड़ गई हैं और धान के पौधे सूख रहे हैं, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. फसलों को पानी की जरूरत है. पानी नहीं मिलने से खरपतवार भी उगने लगे हैं. खेतों में किसान न तो कीटनाशक डाल पा रहे हैं और ही खाद का छिड़काव कर पा रहे हैं. कुछ किसान रोपा लगाने के लिए खेत की जुताई भी कर चुके थे, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से खेत सूख गए और रोपाई का काम भी नहीं हो पा रहा है.

1 लाख 72 हजार हेक्टेयर में हो रही धान की खेती

कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक बेमेतरा में 1 लाख 72 हजार 680 हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है. जिसमें 1 लाख 1 हजार 363 हेक्टेयर में छीटाई बोनी, 51 हजार 754 में कतार बोनी, 2858 हैक्टेयर में लेहि पध्दति और 16 हजार 705 हेक्टेयर में रोपा लगाया गया है. वहीं सोयाबीन 21 हजार 830 हेक्टेयर तक ही लगाया गया है. जिले में 1 जून से अब तक 465 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है.

पढ़ें- कोरबा: बारिश नहीं होने से किसान परेशान, फसलों को नुकसान

किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं. बेमेतरा में बादल मंडराते हैं, लेकिन बिना बरसे निकल जाते हैं. हर दिन किसान बादलों की ओर निहार रहे हैं. मौसम की बेरुखी से जिले के किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि अगर इस सप्ताह बारिश नहीं हुई तो उन्हे बड़ा नुकसान होगा.

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