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LOCK DOWN में कमाई: परंपरागत खेती को छोड़ अपनाया हॉर्टिकल्चर, अब मालामाल - अतरिया के महशूर किसान सोनू मौर्य

अतरिया के महशूर किसान सोनू मौर्य इन दिनों बेमेतरा में खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. सोनू मौर्य बताते हैं लॉकडाउन होने की वजह से उनको पहले थोड़ी दिक्कत आई, लेकिन सरकार के राहत के वजह से किसान और मजदूर दोनों खुश नजर आ रहे हैं.

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अतरिया के महशूर किसान सोनू मौर्य
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Published : Apr 14, 2020, 7:35 PM IST

Updated : Apr 14, 2020, 9:13 PM IST

बेमेतरा: कोरोना वायरस देशभर में दिन-प्रतिदिन अपने पांव पसारते जा रहा है, जिसे देखते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गई है. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से किसानों की तकलीफें बढ़ गई है. किसानों की फसलें खेतों पर ही बर्बाद हो रही हैं, लेकिन बेमेतरा जिला के एक ऐसे किसान हैं, जो हाईटेक तरीके से खेती करते हैं. उनके फसल को लॉकडाउन ने डाउन नहीं कर पाया बल्कि किसान और उनके मजदूर काफी खुश नजर आ रहे हैं.

किसान की कमाई

हम बात कर रहे हैं अतरिया के महशूर किसान सोनू मौर की, जिन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर हॉर्टिकल्चर खेती को अपनाया और आज लाखों रुपए कमा रहे हैं. सोनू मौर्य इस बार नवागढ़ के अतरिया गांव में 70 एकड़ में खेती कर रहे हैं, जिसमें से 20 एकड़ में पपीता, 20 एकड़ में टमाटर, 15 एकड़ में शिमला मिर्च, 10 एकड़ में गन्ना और 5 एकड़ में गोभी की खेती कर रहे हैं, जो हार्टिकल्चर खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं.

अब लाखों रुपये का हो रहा मुनाफा

सोनू मौर बताते हैं पहले वह गन्ना की खेती करते थे, लेकिन अब सब्जी और फल की खेती भी खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी मेहनत रंग ला रही है. सोनू मौर बताते हैं प्रदेश का वातावरण पपीता शिमला की खेती के लिए उपयुक्त है, हमें पपीते की खेती से 2 लाख प्रति एकड़ की आमदनी होती है. वहीं शिमला मिर्च में 5 लाख प्रति एकड़, तो टमाटर में 2 लाख और गोभी में 2 लाख रुपए प्रति एकड़ का मुनाफा होता है. पपीता थोक के भाव में 12 रुपए किलो, शिमला मिर्च 40 रूपए किलो, गोभी 20 रुपए किलो तक बिकता है.

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परंपरागत खेती को छोड़ अपनाया हॉर्टिकल्चर

सरकार ने किसानों को दी राहत

किसान ने बताया कि खेतों पर पर्याप्त पानी है, जिससे खेती करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती. साथ ही यहां मजदूर भी मिल जाते हैं, जिन्हें 12 महीने रोजगार मिलता है. अभी लॉक डाउन की वजह से थोड़े मजदूरों में कमी आई है. लेकिन सरकार ने किसानों को राहत दी है, जिसकी वजह से मजदूर खेतों पर आने लगे हैं, जिससे काम भी बढ़ गया है.

मजदूरों को भी मिल रहा 12 महीने रोजगार

वहीं खेतों पर काम करने वाले मजदूरों से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्हें 12 महीने रोजगार मिलता है. वह 15-16 लोग हैं, जो खेतों पर काम करने आ रहे हैं. सभी को 130 से 140 रुपए रोजाना मिलता है, जिससे उनकी रोजी रोटी चलती है. इससे वह खुश हैं.

हॉर्टिकल्चर खेती करने की अपील

गौरतलब है कि हॉर्टिकल्चर खेती से किसान सोनू मौर्य लाखों रुपए कमा रहा है. वहीं मजदूरों को भी बारह महीने रोजगार दे रहा है. इससे मजदूरों की भी गुजर बसर हो रही है. वहीं किसान दूसरे किसानों को भी हॉर्टिकल्चर खेती करने की अपील कर रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान के बजाए मुनाफा हो.

बेमेतरा: कोरोना वायरस देशभर में दिन-प्रतिदिन अपने पांव पसारते जा रहा है, जिसे देखते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गई है. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से किसानों की तकलीफें बढ़ गई है. किसानों की फसलें खेतों पर ही बर्बाद हो रही हैं, लेकिन बेमेतरा जिला के एक ऐसे किसान हैं, जो हाईटेक तरीके से खेती करते हैं. उनके फसल को लॉकडाउन ने डाउन नहीं कर पाया बल्कि किसान और उनके मजदूर काफी खुश नजर आ रहे हैं.

किसान की कमाई

हम बात कर रहे हैं अतरिया के महशूर किसान सोनू मौर की, जिन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर हॉर्टिकल्चर खेती को अपनाया और आज लाखों रुपए कमा रहे हैं. सोनू मौर्य इस बार नवागढ़ के अतरिया गांव में 70 एकड़ में खेती कर रहे हैं, जिसमें से 20 एकड़ में पपीता, 20 एकड़ में टमाटर, 15 एकड़ में शिमला मिर्च, 10 एकड़ में गन्ना और 5 एकड़ में गोभी की खेती कर रहे हैं, जो हार्टिकल्चर खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं.

अब लाखों रुपये का हो रहा मुनाफा

सोनू मौर बताते हैं पहले वह गन्ना की खेती करते थे, लेकिन अब सब्जी और फल की खेती भी खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी मेहनत रंग ला रही है. सोनू मौर बताते हैं प्रदेश का वातावरण पपीता शिमला की खेती के लिए उपयुक्त है, हमें पपीते की खेती से 2 लाख प्रति एकड़ की आमदनी होती है. वहीं शिमला मिर्च में 5 लाख प्रति एकड़, तो टमाटर में 2 लाख और गोभी में 2 लाख रुपए प्रति एकड़ का मुनाफा होता है. पपीता थोक के भाव में 12 रुपए किलो, शिमला मिर्च 40 रूपए किलो, गोभी 20 रुपए किलो तक बिकता है.

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परंपरागत खेती को छोड़ अपनाया हॉर्टिकल्चर

सरकार ने किसानों को दी राहत

किसान ने बताया कि खेतों पर पर्याप्त पानी है, जिससे खेती करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती. साथ ही यहां मजदूर भी मिल जाते हैं, जिन्हें 12 महीने रोजगार मिलता है. अभी लॉक डाउन की वजह से थोड़े मजदूरों में कमी आई है. लेकिन सरकार ने किसानों को राहत दी है, जिसकी वजह से मजदूर खेतों पर आने लगे हैं, जिससे काम भी बढ़ गया है.

मजदूरों को भी मिल रहा 12 महीने रोजगार

वहीं खेतों पर काम करने वाले मजदूरों से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्हें 12 महीने रोजगार मिलता है. वह 15-16 लोग हैं, जो खेतों पर काम करने आ रहे हैं. सभी को 130 से 140 रुपए रोजाना मिलता है, जिससे उनकी रोजी रोटी चलती है. इससे वह खुश हैं.

हॉर्टिकल्चर खेती करने की अपील

गौरतलब है कि हॉर्टिकल्चर खेती से किसान सोनू मौर्य लाखों रुपए कमा रहा है. वहीं मजदूरों को भी बारह महीने रोजगार दे रहा है. इससे मजदूरों की भी गुजर बसर हो रही है. वहीं किसान दूसरे किसानों को भी हॉर्टिकल्चर खेती करने की अपील कर रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान के बजाए मुनाफा हो.

Last Updated : Apr 14, 2020, 9:13 PM IST
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