बेमेतरा: प्रदेश सरकार ने 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने के आदेश जारी किए हैं. इसके बाद से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच सुगबुगाहट शुरू हो गई है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार से कोरोनाकाल में काम करने से पहले 50 लाख रुपये के बीमा की मांग की है. इस विषय में छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की अध्यक्ष विद्या चैन ने डिप्टी कलेक्टर संदीप ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है.
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छत्तीसगढ़ सरकार ने 7 सितंबर से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को खोले जाने का फैसला लिया है. इसके बाद से ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार के सामने अपनी कुछ मांगें लेकर पहुंच रहे हैं. बेमेतरा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कुछ मांगें रखी है. उन्होंने कहा कि इस समय महामारी तेजी से फैल रही है. WHO का कहना है कि 10 साल के कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का खतरा अधिक है. इस स्थिति में आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं का बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना कठिन है. अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित होते हैं इतनी जगह नहीं होती की वहां सभी को दूर-दूर बैठाया जा सके.
सूखा राशन किया जाए वितरित
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है की जिस तरह रेडी-टू-इट का वितरण किया जा रहा है उसी तरह गर्म भोजन की जगह पर सूखा राशन वितरित किया जाए. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के आंगनबाड़ी केंद्र आने में संक्रमण का खतरा है. इस स्थिति में यदि कोई बच्चा या महिला संक्रमित होती है तो इसकी जिम्मेदारी किसी भी कार्यकर्ता और सहायिका की नहीं होगी. ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार के आदेश का पालन करते हुए संगठन चाहता है कि कोविड 19 के समय सभी सहायिका कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों को 50 लाख रुपये की बीमा की सुविधा दी जाये.