बेमेतरा: राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में व्यापक रूप से टिड्डियां किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं बेमेतरा में टिड्डी दल की निगरानी और नियंत्रण के उपाय के क्रियान्यवन के लिए कृषि विभाग और अन्य विभागों के अधिकारियों में नियंत्रण दल का गठन किया गया है.
जिला स्तरीय नियंत्रण दल गठित
- आरके शर्मा, सहायक संचालक कृषि
- आर के सोलंकी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी
- डॉ. एकता ताम्रकार, कीटनाशक विशेषज्ञ
- एके शर्मा, कृषि विस्तार अधिकारी
- आर के बंजारे, कृषि विस्तार अधिकारी
- आरएन साहू, कृषि विस्तार अधिकारी
- एमके नेताम, कृषि विस्तार अधिकारी
- आरके वर्मा, कृषि विस्तार अधिकारी
- मनहरण माली, वाहन चालक
- रामेश्वर पटेल, भृत्य
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र पहुंच चुका है टिड्डी दल
फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले टिड्डी दल (लोकस्ट) का प्रकोप राजस्थान होते हुए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य तक पहुंच गया है. सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यह छत्तीसगढ़ के कई जिलों में प्रवेश कर सकता है. केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र के सहायक निर्देशक ने सीमावर्ती जिले के कृषि अधिकारियों, कर्मचारियों और किसानों को सचेत रहने कहा है. टिड्डी दल शाम के 6 बजे से रात 9 बजे सुबह तक खेतों में झुंड में रहते हैं, इनकी गति 80-150 किलोमीटर प्रतिदिन होती है. वहीं किसानों, ग्रामीणों और कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से तत्काल जानकारी प्राप्त करके नियंत्रण के लिए कृषि विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है.
पढ़ें- छत्तीसगढ़ में टिड्डी दल का खतरा, कृषि वैज्ञानिक ने बताए फसल को बचाने के उपाय
कृषि विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक इसके रोकथाम के लिए जिले के प्राइवेट डीलर्स के पास प्रभावशील दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. किसान डेजर्ट एरिया के लिए कीटनाशक मैलाथियोन, फेनवलरेट, क्विनालफोस और फसलों-पेड़ों के लिए क्लोरोपायरीफोस, डेल्टामेथ्रिन, डिफ्लूबेनजुरान, फिप्रोनिल, लेमडासाइहेलोथ्रिन कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं.