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कंटेनमेंट जोन में दिखी प्रशासनिक लापरवाही,लोगों की तेज हुई चहल कदमी

बेमेतरा जिले में लगातार कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो रही है. बावजूद इसके प्रशासनिक लापरवाही सामने आ रही है. वहीं लोगों द्वारा भी कंटेनमेंट जोन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.

Administrative negligence seen in Containment Zone
कंटेनमेंट जोन में प्रशासनिक लापरवाही
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Published : Jul 5, 2020, 10:17 PM IST

बेमेतरा : साजा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले बोरतरा और कोंगियाकला गांव में शनिवार को 5 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले, जिसके बाद जिला प्रशासन ने दोनों गांव को कंटेनमेन जोन घोषित कर दिया है. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था यहां न के बराबर है. इलाके को सील करने के नाम पर सिर्फ दिखाया किया गया है.

कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोई भी पुलिस जवानों की ड्यूटी नहीं लगाई गई है. वहीं जो बेरिकेड्स लगाए गए हैं वह भी मजबूत नहीं है जिस तरीके से प्रशासनिक लापरवाही सामने आ रही है जो बाद में खतरा बन सकता है.

कंटेनमेंट जोन का पालन नहीं
कंटेनमेन जोन घोषित होने के बाद पूरी तरह गांव लॉकडाउन हो जाता है और गांव के लोगों को बाहर आने जाने की परमिशन नहीं होती है. वहीं बाहर से किसी व्यक्ति को गांव के अंदर आने की मनाही हो जाती है, लेकिन दोनों गांव में ठीक इसके विपरीत देखने को मिल रहा है. लोग घूमते और एक साथ समूह में बैठे नजर आ रहे हैं.

पढ़ें:-बिलासपुर युवती की मौत मामला: जिनको देना था जांच का आदेश, वही कह रहे जांच की बात

जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों में हड़कंप की स्थिति है. दरअसल जिले में कोरोना मरीजों की पुष्टि रोजाना हो रही है.कोरोना संक्रमण अब क्वॉरेंटाइन सेंटरों तक सीमित नहीं है बल्कि गांव तक पहुंच चुका है और लगातार आ रहे प्रवासी मजदूर संक्रमित पाए जा रहे हैं जो जिले के लिए अच्छा संकेत नहीं है.

लगातार बढ़ रहा कोरोना का खतरा
कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बावजूद लोग बाहर निकलकर लोगों से मिल रहे हैं. पुलिस बल तैनात नहीं होने के कारण लोग मनमर्जी से काम रहे हैं. इससे गांव में और ज्यादा बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है. जिस पर पुलिस प्रशासन सख्त नजर नहीं आ रहा है.

बेमेतरा : साजा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले बोरतरा और कोंगियाकला गांव में शनिवार को 5 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले, जिसके बाद जिला प्रशासन ने दोनों गांव को कंटेनमेन जोन घोषित कर दिया है. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था यहां न के बराबर है. इलाके को सील करने के नाम पर सिर्फ दिखाया किया गया है.

कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोई भी पुलिस जवानों की ड्यूटी नहीं लगाई गई है. वहीं जो बेरिकेड्स लगाए गए हैं वह भी मजबूत नहीं है जिस तरीके से प्रशासनिक लापरवाही सामने आ रही है जो बाद में खतरा बन सकता है.

कंटेनमेंट जोन का पालन नहीं
कंटेनमेन जोन घोषित होने के बाद पूरी तरह गांव लॉकडाउन हो जाता है और गांव के लोगों को बाहर आने जाने की परमिशन नहीं होती है. वहीं बाहर से किसी व्यक्ति को गांव के अंदर आने की मनाही हो जाती है, लेकिन दोनों गांव में ठीक इसके विपरीत देखने को मिल रहा है. लोग घूमते और एक साथ समूह में बैठे नजर आ रहे हैं.

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जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों में हड़कंप की स्थिति है. दरअसल जिले में कोरोना मरीजों की पुष्टि रोजाना हो रही है.कोरोना संक्रमण अब क्वॉरेंटाइन सेंटरों तक सीमित नहीं है बल्कि गांव तक पहुंच चुका है और लगातार आ रहे प्रवासी मजदूर संक्रमित पाए जा रहे हैं जो जिले के लिए अच्छा संकेत नहीं है.

लगातार बढ़ रहा कोरोना का खतरा
कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बावजूद लोग बाहर निकलकर लोगों से मिल रहे हैं. पुलिस बल तैनात नहीं होने के कारण लोग मनमर्जी से काम रहे हैं. इससे गांव में और ज्यादा बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है. जिस पर पुलिस प्रशासन सख्त नजर नहीं आ रहा है.

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