बेमेतरा: नवागढ़ तहसीलदार पर 10 जुलाई को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्टे आर्डर की अवहेलना कर मनमानी करते हुए आदिवासी की दुकान तोड़ने का आरोप लगा है. इस मुद्दे पर बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने बीजेपी जिला महामंत्री विकास दीवान के नेतृत्व में कलेक्टर शिव अनंत तायल को ज्ञापन सौंपा है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बताया कि, केस के हाईकोर्ट में लंबित होने की जानकारी होने के बाद भी 10 जुलाई को नवागढ़ तहसीलदार रेणुका रात्रे ने जनपद के पास मौजूद आदिवासी कृष्णा ध्रुव के मकान को तोड़ दिया है. पीड़ित का आरोप है कि मकान तोड़ने से पहले उन्हें कोई कोई भी नोटिस नहीं दिया था. आरोप है कि आवेदक ने केस के हाईकोर्ट में होने की जानकारी दी, जिसके बाद तहसीलदार ने उसे अनदेखा करते हुए प्रार्थी से बदसलूकी की और उसे 3 घंटे तक थाने में बैठा लिया.
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तहसीलदार को लगाई फटकार
दूसरी ओर कलेक्टर को हाईकोर्ट ने कागजी कार्रवाई और सुनवाई में देरी का हवाला देकर सुनवाई तक कार्रवाई को रोकने के निर्देश दिए थे, लेकिन मामले को कलेक्टर ने लिखित आदेश नहीं आने की बात कहकर बात को टाल दिया और तोड़फोड कर दी. इधर हाईकोर्ट ने कलेक्टर और तहसीलदार को सोमवार को जवाब तलब किया और अवमानना के तहत दोषी ठहराते हुए फटकार लगाई और और मामले के पूरे रिकॉर्ड लेकर 31 जुलाई को पेश होने का फरमान सुनाया है.
तहसीलदार पर गरीबों का घर तोड़ने के आरोप
वहीं इस केस में जिला भाजपा के महामंत्री विकासधर दीवान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और तहसीलदार रेणुका रात्रे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बीजेपी महामंत्री विकास दीवान ने कहा कि तहसीलदार के क्रूरता पूर्वक गरीब के आशियाने को तोड़ा है. जिससे प्रसाशन के खिलाफ लोगों का विश्वास उठता जा रहा है.