बेमेतरा: जिला मुख्यालय से महज 17 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत धनगांव के आश्रित ग्राम झिलगाकांपा में आजादी के 73 वर्ष बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. हालात ये है कि धनगांव को झिलगाकांपा से जोड़ने वाले झाझा नाला में जब जिम्मेदार पुल या रास्ता नहीं बनवा पाए, तब एक किसान ने निजी खर्च से रपटा बनवाया है जिससे लोगों का आवागमन शुरू हो पाया है.
बच्चों को स्कूल जाने में होती थी परेशनी
ग्राम धनगांव और झिलगाकांपा के बीच में ढाई लाख रुपये की लागत से रपटा (पुल) और सड़क पर मुरम डलवाने वाले किसान जयकरण जाट है, जो मूलतः हरियाणा के निवासी है और छतीसगढ़ में गन्ना की खेती कर रहे हैं. किसान जयकरण जाट ने बताया कि '6 सालों से ग्राम झिलगाकांपा में किसानी कर रहा हूं. जहां कच्ची सड़क है और बरसात में चलना दूभर है. छोटे बच्चों की स्कूली बस बरसात में नहीं आ पाती. नाले में बाढ़ से आवागमन बंद हो जाता है'.
पढ़ें: बेमेतरा: जिले में नहीं थम रहा कोरोना का कहर,32 नए पॉजिटिव मरीज
जनप्रतिनिधियों से कई किया गया था आग्रह
किसान ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को कई बार बोलने के बाद भी जब किसी ने सुध नहीं ली तो, उन्होंने खुद ही निजी खर्च से नाले रपटा बनवाने की ठानी और 2 लाख 50 हजार खर्च कर रपटा बनवाया है. जिसका लाभ आज उनके साथ दोनों गांवों के लोगों को मिल रहा है. यहां आवागमन शुरू हो गया है.
मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहा गांव
ग्राम धनगांव के आश्रित ग्राम झिलगाकांपा में 12 परिवार रहते हैं, जिनमें कुल 49 सदस्य हैं. हायर सेकेंडरी स्कूल स्तर के 3, हाईस्कूल के 2, मिडिल स्कूल के 3 प्राथमिक स्कूल के आठ और पूर्व प्राथमिक स्तर के चार बच्चे हैं. बारिश के मौसम में छात्र अक्सर स्कूल जाने से वंचित रह जाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को कड़ी मशक्कत कर नदी-नाला पार कराते है. गांव तक पहुंचने अब तक सड़क नहीं बनाई गई है और न ही पंचायत के जिम्मेदारों ने प्रस्ताव किया है. गांव की जनसंख्या कम होने की बात कहकर जिम्मेदार पल्ला झाड़ देते हैं. ग्राम धनगांव निवासी कौशल साहू ने बताया कि किसान जयकरण जाट ने झाझा नाले पर रपटा का निर्माण कराया है, जिससे आवागमन सुलभ हो पाया है.