बेमेतरा: शहर के मोहभट्टा वार्ड में 21 नवंबर 2019 को तेज रफ्तार कार बेकाबू होकर तालाब में डूब गई थी. हादसे में देवरी गांव के रहने वाले एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी. चार साल पहले हुए हादसे के पीड़ितों को आज तक मूल सहायता राशि नहीं मिल पाई है. परिजनों का कहना है कि वो मदद पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते काटते थक गए हैं. अफसर कभी उसके पास तो कभी इसके पास भेजकर लौटा देते हैं. पीड़ित परिवार में अब दो बुजुर्ग और एक बच्चा बचा है. परिवार में कमाने वाले की मौत के बाद से पूरा परिवार मुफलिसी की जिंदगी जी रहा है. परिवार को आज भी उम्मीद है कि एक दिन सरकारी कर्मचारियों को उनपर दया आएगी और वो उनको मुआवजे की रकम जरूर देंगे.
4 साल बाद भी नहीं मिला मुआवजा: पीड़ित परिवार के मुताबिक पूरा परिवार जन्मदिवस की पार्टी मनाकर घर लौट रहा था, तभी उनकी कार बेकाबू होकर तालाब में जा गिरी. हादसे में एक ही परिवार के सात लोगों की डूबने से मौत हो गई. परिवार ने मदद के लिए प्रशासन ने मुआवजा मांगा पर प्रशासन ने सिर्फ तात्कालिक मदद देकर परिवार के बुजुर्ग को चलता कर दिया. परिवार के बुजुर्ग सदस्य गणेश टंडन ने कहा कि, राहत राशि के लिए वो दर दर की ठोकरे खा रहे हैं. अफसर कभी इसके पास भेजते हैं तो कभी उसके पास. मुआवजा मिला नहीं उलटे भाग दौड़ से खर्च अलग बढ़ गया. कभी दस लोगों का लंबा परिवार हुआ करता था, हादसे के बाद सिर्फ तीन लोग बचे हैं.मदद के लिए अब परिवार ने कोर्ट की शरण ली है. वकील की कोशिश है कि कोर्ट के जरिए अब इनको न्याय मिले.
कलेक्टर ने दिया आश्वासन: पीड़ित परिवार चार साल से मदद के लिए भटकते भटकते परेशान हो चुका है. नवागढ़ विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे ने जरूर अपनी ओर से 50 हजार रुपये की मदद परिवार को दी है. बेमेतरा कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि फाइल मंगाकर जांच कर रहे हैं. फील्ड से अगर दस्तावेज मिले होंगे तो जरूर मदद की बाकी राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी.