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डॉक्टरों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, मरीज निजी अस्पतालों में ले रहे शरण

जिला अस्पताल सहित जिले के कुल 17 डॉक्टरों के विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाने के बाद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है. वहीं इमरजेंसी सेवाओं का भी लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है और मरीज निजी अस्पताल की शरण लेने मजबूर है.

17 डॉक्टर्स की हड़ताल
17 डॉक्टर्स की हड़ताल
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Published : Jan 19, 2020, 12:51 PM IST

बेमेतरा: जिला अस्पताल में पदस्थ संविदा डाक्टरों सहित जिले के कुल 17 डॉक्टर्स ने विगत 5 दिनों से ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार शुरू कर दिया है, जिससे जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है और दूरदराज से आए मरीजों को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ रही है.

17 डॉक्टर्स की हड़ताल
17 डॉक्टर्स की हड़ताल

छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन के डॉक्टर्स ने ओपीडी का 5 दिनों से बहिष्कार जारी रखा है. साथ ही डॉक्टरों ने अन्य सेवा भी देनी बंद कर दी है. इससे मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है. बता दें कि डॉक्टर्स के हड़ताल के कारण मरीज अब जिला अस्पताल का रुख नहीं कर रहे हैं बल्कि निजी अस्पतालों में शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं. इससे जिला अस्पताल में सन्नाटा पसरा हुआ है.

पोस्टमार्टम के केस को रायपुर रिफर
एमएलसी या पोस्टमार्टम के केस को रायपुर रिफर किया जा रहा है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक सिविल सर्जन एसके पाल ने हड़ताली डॉक्टरों को जल्द से जल्द काम पर लौटने के लिए नोटिस जारी किया है, लेकिन अब तक इसका असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है.

डॉक्टर्स की संगठन सीडा ने शासन के समक्ष रखी 6 मांग

  • डबल शिफ्ट ओपीडी की व्यवस्था निरस्त करने की मांग.
  • अधिकतम ड्यूटी सीमा को निर्धारण करने की मांग.
  • अवकाश की पात्रता देने 24 घंटे संपूर्ण स्वास्थ्य की सेवा की उपलब्धता.
  • मरीजों के अनुसार डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग.
  • चिकित्सा अधिकारियों के विलोपित किए गए 794 पदों को बहाल करने की मांग शामिल है.

इस संबंध में मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि, जिले के 17 डॉक्टरों ने हड़ताल किया है. सुचारू रूप से स्वास्थ्य संचालन के लिए हमने आयुर्वेद अधिकारी से बात करके पीएससी लेवल के डॉक्टरों को इमरजेंसी सेवा में लगाया गया है.

बेमेतरा: जिला अस्पताल में पदस्थ संविदा डाक्टरों सहित जिले के कुल 17 डॉक्टर्स ने विगत 5 दिनों से ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार शुरू कर दिया है, जिससे जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है और दूरदराज से आए मरीजों को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ रही है.

17 डॉक्टर्स की हड़ताल
17 डॉक्टर्स की हड़ताल

छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन के डॉक्टर्स ने ओपीडी का 5 दिनों से बहिष्कार जारी रखा है. साथ ही डॉक्टरों ने अन्य सेवा भी देनी बंद कर दी है. इससे मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है. बता दें कि डॉक्टर्स के हड़ताल के कारण मरीज अब जिला अस्पताल का रुख नहीं कर रहे हैं बल्कि निजी अस्पतालों में शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं. इससे जिला अस्पताल में सन्नाटा पसरा हुआ है.

पोस्टमार्टम के केस को रायपुर रिफर
एमएलसी या पोस्टमार्टम के केस को रायपुर रिफर किया जा रहा है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक सिविल सर्जन एसके पाल ने हड़ताली डॉक्टरों को जल्द से जल्द काम पर लौटने के लिए नोटिस जारी किया है, लेकिन अब तक इसका असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है.

डॉक्टर्स की संगठन सीडा ने शासन के समक्ष रखी 6 मांग

  • डबल शिफ्ट ओपीडी की व्यवस्था निरस्त करने की मांग.
  • अधिकतम ड्यूटी सीमा को निर्धारण करने की मांग.
  • अवकाश की पात्रता देने 24 घंटे संपूर्ण स्वास्थ्य की सेवा की उपलब्धता.
  • मरीजों के अनुसार डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग.
  • चिकित्सा अधिकारियों के विलोपित किए गए 794 पदों को बहाल करने की मांग शामिल है.

इस संबंध में मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि, जिले के 17 डॉक्टरों ने हड़ताल किया है. सुचारू रूप से स्वास्थ्य संचालन के लिए हमने आयुर्वेद अधिकारी से बात करके पीएससी लेवल के डॉक्टरों को इमरजेंसी सेवा में लगाया गया है.

Intro:एंकर- जिला अस्पताल में पदस्थ संविदा डाक्टरों सहित जिले के कुल 17 डॉक्टरो ने विगत 5 दिनों से ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार शुरू कर दिया है जिसे जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गया है और दूरदराज से आए मरीजों को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ रही है।Body:प्रदेश में डबल शिफ्ट ओपीडी की नई व्यवस्था को निरस्त करने छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन डॉक्टर ने ओपीडी का 5 दिनों से बहिष्कार जारी रखा है वहीं इसके साथ ही डॉक्टरों ने अन्य सेवा भी देनी बंद कर दी है जिसे जिला अस्पताल में स्वास्थ संबंधी सेवा पूरी तरीके से चौपट हो गई है और मरीजों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है बता दें कि एक-दो दिन भटकने के बाद मरीज अब जिला अस्पताल ही नहीं आ रहे हैं और निजी अस्पतालों की शरण लेने मजबूर हैं जिसे जिला अस्पताल में सन्नाटा पसरा हुआ है।
(इमरजेंसी सेवा भी बंद)
सड़क हादसे की इमरजेंसी केस हो पुलिस
एमएलसी कराने आई हो या पोस्टमार्टम के केस हो सभी केस रायपुर रिफर कर दिए जा रहे हैं जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जानकारी के मुताबिक सिविल सर्जन एस के पालने हड़ताली डॉक्टरों को जल्द से जल्द काम पर लौटने नोटिस जारी किया है जिसका उन पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है।
(sum)
जिला अस्पताल सहित जिले के कुल 17 डॉक्टरों के अपने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाने के बाद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है वहीं इमरजेंसी सेवाओं का भी लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है और मरीज निजी अस्पताल की शरण लेने मजबूर है।Conclusion:(हड़ताली डॉक्टरो की ये है मांग)
डॉक्टरों की संगठन सीडा ने शासन के समक्ष 6 मांगों को रखा है जिसमें डबल शिफ्ट ओपीडी की व्यवस्था निरस्त करने, अधिकतम ड्यूटी सीमा को निर्धारण करने, अवकाश की पात्रता देने 24 घंटे संपूर्ण स्वास्थ्य की सेवा की उपलब्धता, मरीजों के अनुसार डॉक्टरों की नियुक्ति, चिकित्सा अधिकारियों के विलोपित किए गए 794 पदों को बहाल करने की मांग, शामिल है। इसमें सबसे हम दो पाली ओपीडी का डॉक्टर पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
इस संबंध में मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि जिले की 17 डॉक्टरों ने हड़ताल किया है सुचारू रूप से स्वास्थ्य संचालन के लिए हमने आयुर्वेद अधिकारी से समन्वय करके सेवा चला रहे हैं एवं पीएससी लेवल के डॉक्टरों को भी इमरजेंसी सेवा में लगाया है।
बाईट-डॉ सतीश कुमार शर्मा मुख्य स्वास्थ्य एवम चिकित्सा अधिकारी बेमेतरा
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