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विश्व आदिवासी दिवस: वनांचल में अपनी संस्कृति और प्रकृति को बचाने के लिए ग्रामीणों ने ली शपथ - बस्तर आदिवासी समुदाय

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बस्तर के पंचायतों में आदिवासी समुदाय ने हल्बी बोली में अपनी संस्कृति को बचाए रखने के लिए शपथ ली है.

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विश्व आदिवासी दिवस
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Published : Aug 9, 2020, 10:33 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: विश्व आदिवासी दिवस बस्तर जिले में आदिवासी समुदाय ने धूमधाम से मनाया. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से इस बार आदिवासी दिवस के मौके पर जिले में कोई बड़े कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया और केवल बस्तर के पंचायतों में आदिवासी समुदाय ने इस विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर एक दूसरे को बधाई दी. कार्यक्रम के दौरान हल्बी बोली में अपने संस्कृति को बचाए रखने के लिए शपथ ली.

बस्तर में मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिले के सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीण और विद्यार्थियों ने स्थानीय हल्बी और गोंडी बोली में शपथ ली. शपथ में ग्रामीणों ने जिले के प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संजोने, आदिवासी भाषा बोली संस्कृति का संरक्षण करने, बच्चों को शिक्षा दिलाने सहित जिले के विकास में सहभागी बनने की शपथ ली गई. इसके साथ ही विद्यार्थियों ने पढ़ाई कर समाज के भले लिए काम करने का प्रण लिया.

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संस्कृति को बचाने की शपथ

इसके अलावा विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के सांसद, सभी विधायक, महापौर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा की. इस दौरान जगदलपुर नगर निगम ने नगरीय क्षेत्र में वन अधिकार मान्यता पत्र पट्टा वितरण कर देश का पहला नगर निगम बनने का गौरव हासिल किया. इसके अलावा चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम की मांग पर कोया-कुटुमा समाज के लिए 5 एकड़ जमीन और 6 करोड़ रुपये की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने दी.

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संस्कृति को बचाने की शपथ

पढ़ें-विश्व आदिवासी दिवस: छत्तीसगढ़ में शुरू होगी इंदिरा वन मितान योजना, सीएम ने की घोषणा

मुख्यमंत्री ने कोया-कुटुमा समाज के लिए सामाजिक सामुदायिक भवन निर्माण के साथ ही बस्तर की सांस्कृतिक रीति-रिवाजों, पारंपरिक नृत्य, शिल्प कलाओं ऐतिहासिक धरोहर और पुरातात्विक विरासत को सहेजने के लिए संग्रहालय की भी मांग को भी स्वीकृति दी.

जगदलपुर: विश्व आदिवासी दिवस बस्तर जिले में आदिवासी समुदाय ने धूमधाम से मनाया. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से इस बार आदिवासी दिवस के मौके पर जिले में कोई बड़े कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया और केवल बस्तर के पंचायतों में आदिवासी समुदाय ने इस विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर एक दूसरे को बधाई दी. कार्यक्रम के दौरान हल्बी बोली में अपने संस्कृति को बचाए रखने के लिए शपथ ली.

बस्तर में मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिले के सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीण और विद्यार्थियों ने स्थानीय हल्बी और गोंडी बोली में शपथ ली. शपथ में ग्रामीणों ने जिले के प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संजोने, आदिवासी भाषा बोली संस्कृति का संरक्षण करने, बच्चों को शिक्षा दिलाने सहित जिले के विकास में सहभागी बनने की शपथ ली गई. इसके साथ ही विद्यार्थियों ने पढ़ाई कर समाज के भले लिए काम करने का प्रण लिया.

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संस्कृति को बचाने की शपथ

इसके अलावा विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के सांसद, सभी विधायक, महापौर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा की. इस दौरान जगदलपुर नगर निगम ने नगरीय क्षेत्र में वन अधिकार मान्यता पत्र पट्टा वितरण कर देश का पहला नगर निगम बनने का गौरव हासिल किया. इसके अलावा चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम की मांग पर कोया-कुटुमा समाज के लिए 5 एकड़ जमीन और 6 करोड़ रुपये की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने दी.

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मुख्यमंत्री ने कोया-कुटुमा समाज के लिए सामाजिक सामुदायिक भवन निर्माण के साथ ही बस्तर की सांस्कृतिक रीति-रिवाजों, पारंपरिक नृत्य, शिल्प कलाओं ऐतिहासिक धरोहर और पुरातात्विक विरासत को सहेजने के लिए संग्रहालय की भी मांग को भी स्वीकृति दी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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