जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले का नक्सल प्रभावित कोलेंग इन दिनों बढ़ और बारिश से बेहाल है. यहां ग्रामीण उफनती नदी के ऊपर लोहे की पतली पटरी रखकर एक ओर से दूसरी ओर आ-जा रहे हैं. अपनी जान जोखिम में डालकर मोटर साइकिल को पतले लोहे के एंगल से पार कराते नजर आ रहे हैं. वहीं कुछ अन्य ग्रामीणों ने बाइक को कंधे पर लादकर लकड़ी की मदद से उसे उठाकर उफनती नदी पार करते दिखे.
कोलेंग नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. बीते दिनों कोलेंग से ही नक्सली लीडरों के ट्रेनिंग का वीडियो भी सामने आया था और नक्सली इस क्षेत्र में विकास कार्यों में हमेशा से ही बाधा डालते आए हैं. इस मार्ग को बनाने के लिए बस्तर पुलिस और प्रशासन जुटा हुआ है. लगभग 40 किलोमीटर की सड़क पर आधा काम हो चुका है. पुल-पुलिए का निर्माण कार्य अधूरा होने की वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग पेड़ों की टूटी हुई डालियों के सहारे भी एक ओर से दूसरी ओर आते-जाते नजर आए.
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कई गांवों का जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
दरअसल बीते 1 सप्ताह से बस्तर में गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश हुई है. जिसकी वजह से बस्तर के सभी नदी-नाले उफान पर हैं और कई अंदरूनी गांव का संपर्क बारिश की वजह से जिला मुख्यालय से टूट चुका है. इन दिनों भी बस्तर के अलग-अलग क्षेत्रों में हल्की बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है.
कई इलाकों में रेड और ऑरेंज अलर्ट
बता दें कि छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी दी है. वहीं कुछ इलाकों में रेड और ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है. पुलिस जवानों को राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है. प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में राहत-बचाव कार्य में जुटा हुआ है.
कब खुलेगी प्रशासन की कुंभकर्णी नींद
इस मार्ग को बनाने के लिए बस्तर पुलिस और प्रशासन जुटा हुआ है. लगभग 40 किलोमीटर की सड़क पर आधा काम हो चुका है. हर साल बाढ़ आती है, नदी-नाले उफान पर होते हैं. हर साल लोगों को बरसात में बहुत मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं, लेकिन प्रशासन की कुंभकर्णी नींद नहीं खुलती. यही वजह है कि लोगों को प्रशासन की अनदेखी का सामना करना पड़ता है और उनकी जिंदगी बरसात में ठहर सी जाती है.