ETV Bharat / state

बस्तर के नौनिहालों को कुपोषण ने जकड़ा, डरावने हैं आंकड़े

author img

By

Published : Jun 26, 2019, 5:31 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

बस्तर जिले में लगातार कुपोषित बच्चों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी कुपोषण ने बच्चों को जकड़ रखा है.

बस्तर के नौनिहालों को कुपोषण ने जकड़ा

जगदलपुर: बस्तर में कुपोषण एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. जिले में लगातार कुपोषित बच्चों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी कुपोषण ने बच्चों को जकड़ रखा है और जिला प्रशासन कुपोषण के बढ़ते आंकड़े को रोक पाने में नाकामयाब साबित हो रहा है.

बस्तर के नौनिहालों को कुपोषण ने जकड़ा

7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित
आंकड़ों की बात करें तो जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में 70 हजार बच्चे पंजीकृत हैं, जिनमें से 24 हजार बच्चे कुपोषित हैं. वहीं 7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित की श्रेणी में हैं, जिन्हें एनआरसी सेंटर में रखा गया है. इसे देखकर ऐसा लगता है कि बच्चों को पोषित करने के लिए शासन की ढेरों योजनाएं सिर्फ कागजों में ही पूरी हो रही हैं.

पढ़ें:- नदिया किनारे, किसके सहारे: इस उम्मीद के साथ बस्तर में बह रही है इंद्रावती

लगातार बढ़ रहा आंकड़ा
हर साल कुपोषण पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करने वाली सरकार के सारे दावे बस्तर में खोखले साबित हो रहे हैं. जिले में कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. इस वजह से हर साल कुपोषण का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.

पढ़ें:- सावधान! बस्तर पहुंचा जापानी बुखार, ये हैं लक्षण और रोकथाम के उपाय

आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित हो रही योजनाएं
जिले के महिला बाल विकास अधिकारी बताते हैं कि बस्तर में कुपोषण की समस्या को रोकने के लिए शासन द्वारा 14 से ज्यादा योजनाएं आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित हो रही हैं. साथ ही कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए जिले में 6 जगहों पर एनआरसी सेंटर संचालित हैं. यहां बच्चों के लिए खाने पीने और दवाई की व्यवस्था की गई है.

जगदलपुर: बस्तर में कुपोषण एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. जिले में लगातार कुपोषित बच्चों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी कुपोषण ने बच्चों को जकड़ रखा है और जिला प्रशासन कुपोषण के बढ़ते आंकड़े को रोक पाने में नाकामयाब साबित हो रहा है.

बस्तर के नौनिहालों को कुपोषण ने जकड़ा

7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित
आंकड़ों की बात करें तो जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में 70 हजार बच्चे पंजीकृत हैं, जिनमें से 24 हजार बच्चे कुपोषित हैं. वहीं 7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित की श्रेणी में हैं, जिन्हें एनआरसी सेंटर में रखा गया है. इसे देखकर ऐसा लगता है कि बच्चों को पोषित करने के लिए शासन की ढेरों योजनाएं सिर्फ कागजों में ही पूरी हो रही हैं.

पढ़ें:- नदिया किनारे, किसके सहारे: इस उम्मीद के साथ बस्तर में बह रही है इंद्रावती

लगातार बढ़ रहा आंकड़ा
हर साल कुपोषण पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करने वाली सरकार के सारे दावे बस्तर में खोखले साबित हो रहे हैं. जिले में कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. इस वजह से हर साल कुपोषण का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.

पढ़ें:- सावधान! बस्तर पहुंचा जापानी बुखार, ये हैं लक्षण और रोकथाम के उपाय

आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित हो रही योजनाएं
जिले के महिला बाल विकास अधिकारी बताते हैं कि बस्तर में कुपोषण की समस्या को रोकने के लिए शासन द्वारा 14 से ज्यादा योजनाएं आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित हो रही हैं. साथ ही कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए जिले में 6 जगहों पर एनआरसी सेंटर संचालित हैं. यहां बच्चों के लिए खाने पीने और दवाई की व्यवस्था की गई है.

Intro:
जगदलपुर। बस्तर मे कुपोषण एक बडी समस्या बनकर उभर रही है। जिले मे लगातार कुपोषित बच्चे के आंकडे बढते जा रहे है, शहर के साथ साथ ग्रामीण अंचलो मे भी कुपोषण ने बच्चो को जकड रखा है, और जिला प्रशासन कुपोषण के बढते आंकडे को रोक पाने मे नाकामयाब साबित हो रही है। आलम यह है कि जिले के आंगनबाडी केन्द्रो मे 70 हजार बच्चे पंजीकृत है जिनमे 24 हजार बच्चे कुपोषित है। वही 7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित की श्रेणी मे है, जिन्हे एनआरसी सेंटर मे रखा गया है। वही बच्चो को सुपोषित करने के लिए शासन की ढेरो योजनाएं सिर्फ कागजो मे ही पूरी हो रही है।

 






Body:बस्तर मे  कुपोषण की समस्या से निजात दिलाने हर साल करोडो रू. खर्च करने का दावा करने वाली सरकार के सारे दावे बस्तर मे खोखले साबित हो रहे है, जिले मे कुपोषित बच्चो को पोषित करने के लिए सिर्फ खानापुर्ति किया जा रहा है जिस वजह से हर साल कुपोषण का आंकडा बढता ही जा रहा है। यह समस्या इतनी गंभीर हो चली है कि जिले के आंगनबांडी केन्द्रो मे पंजीकृत 70 हजार बच्चो मे 24हजार बच्चे कुपोषण के शिकार हो गये है, जिनमे 7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित की श्रेणी मे है।


Conclusion:जिले के महिला बाल विकास अधिकारी बताते है कि बस्तर मे कुपोषण एक बडी समस्या है और इसे रोकने के लिए शासन 14 से अधिक योजनाएं आंगनबाडी केन्द्रो मे संचालित कर रही है। साथ ही कुपोषित  बच्चो को पोषित करने के लिए जिले मे 6 जगहो पर एनआरसी सेंटर संचालित है, जंहा बच्चो के लिए खाने पीने और दवाई की व्यवस्था की गई है। अधिकारी का कहना है कि जागरूकता की कमी की वजह से शहरी क्षेत्र की तुलना मे ग्रामीण क्षेत्रो मे कुपोषित बच्चो की संख्या मे ईजाफा हो रहा है। महिला बाल विकास अधिकारी का कहना है कि कुपोषण की समस्या को  लेकर शासन गंभीर है और आने वाले दिनो मे कुपोषण पर कुछ हद तक नियत्रंण कर लिया जायेगा।

गौरतलब है कि पिछले दो सालो मे जिले के एनआरसी सेंटरो मे 12 हजार कुपोषित बच्चो को भर्ती किया गया। इसमे सिर्फ 45प्रतिशत बच्चे ही पोषित हो पाए । यानि की 50 प्रतिशत भी बच्चो को कुपोषण से मुक्त नही किया जा सका । इधर कुपोषण को दूर करने के लिए शासन भले ही कई योजनांए संचालित कर करोडो रूपए खर्च कर रही हो लेकिन आंकडो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि योजनाओं का क्रियान्वयन कितने ठीक तरीके से हो रहा है। और दिन ब दिन बस्तर जिले मे कुपोषण की समस्या बढते ही जा रही है।  

बाईट1- एल.आर कच्छप, महिला बाल विकास अधिकारी    
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.