जगदलपुर: नक्सली संगठन में फूट की वजह से नक्सलियों की बौखलाहट सामने आने लगी है.आपसी जंग में ही नक्सली एक-दूसरे की जान लेने को उतारू हैं. संगठन के गुस्से और खीझ का शिकार एक लाख के इनामी समेत 6 नक्सली हो चुके हैं. जिनकी जान उनके ही साथियों ने ले ली है. इतना ही नहीं नक्सलियों का निशाना निर्दोष ग्रामीण और सरकारी मुलाजिम भी हो रहे हैं. पिछले एक महीने के आंकड़े चौंका रहे हैं. 30 दिन के अंदर नक्सलियों ने अपने ही 6 साथियों को मौत के घाट उतार दिया है. इसमें एक लाख का इनामी नक्सली पोडियम विज्जा भी शामिल है. वहीं पिछले 60 दिनों में 10 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर दी है. इसके अलावा वन विभाग के अधिकारी और एक सरपंच की भी जान नक्सली ले चुके हैं. नक्सलियों के खूनी तांडव पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी चिंता जाहिर करते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिखा है. राज्यपाल ने नक्सली घटनाओं को लेकर एक समीक्षा बैठक भी बुलाई है.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इस बात की पुष्टि की है कि नक्सलियों ने आपसी रंजिश के चलते अपने ही संगठन के 6 साथियों की जान ले ली है. इसमें एक लाख का इनामी नक्सली पोडियम विज्जा भी शामिल है. 5 और नक्सली कमलु, पूनम, संदीप , संतोष हेमला , दशमी मंडावी की भी हत्या कर दी गई है. बौखलाहट इतनी है कि एक के बाद एक संघम सदस्यों के साथ स्थानीय नक्सली और निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं. हालांकि नक्सल संगठन स्थानीय और बाहरी को लेकर फूट की खबरें पहले भी सामने आती रही हैं.
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नक्सलियों के आत्मसमर्पण से परेशान संगठन !
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में लगातार नक्सलियों का जनाधार कम होता जा रहा है और संगठन से जुड़े स्थानीय कैडर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं, जिससे नक्सली परेशान हैं. आईजी ने कहा कि जो नक्सली ग्रामीणों के हित की बात कर रहे हैं, उस पर संगठन को आत्मसमर्पण करने का शक हो रहा है. ऐसे नक्लियों को खुद संगठन मौत की नींद सुला रहा है.
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आईजी ने किया दावा
आईजी का दावा है कि स्थानीय लोग नक्सलियों की सच्चाई जान गए हैं और उनका साथ देने से बच रहे हैं. ऐसे में नक्सली गांववालों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे. साथ ही जो नक्सली ग्रामीणों के हित की बात करेगा, उसे भी संगठन मौत की सजा देगा. आईजी का दावा है कि इससे विवाद और बढ़ेगा. ऐसे में या तो नक्सली सरेंडर करेंगे या फिर अपने ही संगठन के हाथों मारे जाएंगे.
'दो दशकों में 17 सौ ग्रामीणों की हत्या'
बस्तर आईजी ने यह भी बताया कि पिछले दो दशकों में बस्तर में नक्सलियों ने 1700 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों पर मुखबिर का आरोप लगाते हुए उनकी हत्या कर दी है.
1 जनवरी 2020 से 30 सितंबर 2020 तक के आंकड़े-
- बस्तर पुलिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक 1 जनवरी 2020 से 30 सितंबर तक नक्सलियों ने 38 निर्दोष ग्रामीणों की हत्या की है.
- पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में बस्तर पुलिस ने 21 नक्सलियों को मार गिराया है.
- इसके अलावा 32 जवानों की शहादत हुई है.
- 40 से अधिक नक्सलियों ने सरकार के सामने हथियार डाल दिए हैं.
- इसके अलावा 100 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है.
- जवानों ने 30 आईडी बम बरामद किए गए हैं. वहीं नक्सलियों से 25 हथियार भी पुलिस ने बरामद किए गए हैं.
- हालांकि बस्तर पुलिस दावा कर रही है कि पिछले कुछ महीनों में नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस को लगातार सफलता मिली है और नक्सलियों के खिलाफ पुलिस आक्रामक हो रही है. इसके अलावा नए पुलिस कैंप भी इस वर्ष खोले गए हैं.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया है कि बस्तर में नक्सली राज्य सरकार की बोली का जवाब गोली से दे रहे हैं और कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद प्रदेश में नक्सली घटनाओं में इजाफा हुआ है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार इन नक्सली वारदातों को रोक पाने में व नक्सलियों के खिलाफ कोई कठोर फैसला लेने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है.
राज्यपाल ने जताई चिंता
प्रदेश में नक्सल हिंसा में तेजी आने पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने चिंता जाहिर की है. राजभवन के सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिखकर चिंता जताई है, इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में होने वाली नक्सली घटनाओं को लेकर एक समीक्षा बैठक भी बुलाई है. इस बैठक में गृह विभाग के उच्चाधिकारी भी शामिल होंगे. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह सहित कुछ अन्य लोगों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बढ़ती नक्सल घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी.