जगदलपुर: 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व (Bastar Dussehra festival) की रस्में शुरू हो चुकी है. 7 अक्टूबर से लेकर 19 अक्टूबर तक सभी रस्मों को पूरे विधि विधान के साथ संपन्न किया जाएगा. वहीं कोविड नियमों को देखते हुए जिला प्रशासन और बस्तर दशहरा कमेटी ( Bastar Dussehra Committee) ने निर्णय लिया है कि इस बार भी बस्तर दशहरा में कोरोना से बचाव के लिए नियम बनाए गए. नियम त्योहार के दौरान लागू रहेंगे और भीड़भाड़ से बचने के लिए लोगों से अपील भी जिला प्रशासन के द्वारा की जाएगी. बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष सह सांसद दीपक बैज ( MP Deepak BAIJ ) ने बताया कि पर्व संपन्न करने के दौरान कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी कोविड नियमों का पालन किया जाएगा. हर रस्मों में प्रमुख लोग ही इस बार शामिल हो सकेंगे.
बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत हो चुकी है. इस पर्व में निभाए जाने वाले रस्मों को भी विधि विधान के साथ निभाया जा रहा है. आगामी 6 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक बस्तर दशहरा के दौरान अद्भुत व महत्वपूर्ण रस्में निभाई जाएगी. हालांकि कोविड को ध्यान में रखते हुए इस बार भी जिला प्रशासन और बस्तर दशहरा कमेटी ने कोरोना से बचाव के लिए कई नियमों को लागू किया है. जिसमें श्रद्धालु बीते वर्षो की तुलना में इन महत्वपूर्ण रस्मों को नहीं देख पाएंगे और इसके लिए जिला प्रशासन सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म के माध्यम से घर बैठे ही लोगों को इन महत्वपूर्ण रस्मों को दिखा सकेगा.
आमलोगों पर प्रतिबंध
दशहरा समिति के अध्यक्ष सह सांसद दीपक बैज ने बताया कि बस्तर दशहरा में निभाई जाने वाले रस्मों के दौरान हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है. पिछले 2 साल से कोरोना महामारी फैलने के डर से इस महत्वपूर्ण रस्मों के दौरान आम लोगों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि पर्व के दौरान भीड़ भाड़ ना हो सके इसके लिए जिला प्रशासन ने गाइडलाइन भी जारी कर दिया है. वही बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी पर्व में शामिल नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, सभी रस्मों को विधि विधान के साथ संपन्न किया जाएगा. इन समितियों के माध्यम से इस पर्व में किसी तरह की कोई बाधा ना आए और संसाधनों की कमी ना हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री से की गई 75 लाख की मांग
सांसद दीपक बैज ने बताया कि पिछले वर्ष इस पर्व को संपन्न कराने के लिए राज्य शासन से 50 लाख रुपये की मांग की गई थी, जिसमें शासन की ओर से 35 लाख रुपये प्राप्त हुए थे. इस बार बढ़ती महंगाई को देखते हुए और इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए बस्तर दशहरा समिति ने 50 लाख रुपये से राशि बढ़ाकर 75 लाख रुपये की मांग मुख्यमंत्री से की है. मुख्यमंत्री ने भी समिति को आश्वस्त किया है कि, इस पर्व में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी.
एनएमडीसी से सहयोग की अपेक्षा
बस्तर दशहरा समिति ने मुख्यमंत्री को इस पर्व की महत्वपूर्ण रस्म मुरिया दरबार में भी शामिल होने का न्योता दिया है. इस न्यौता को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री 17 अक्टूबर को मुरिया दरबार में शामिल हो सकते हैं. इधर पर्व में किसी तरह से भी राशि की कमी ना हो इसके लिए जिला प्रशासन और बस्तर दशहरा समिति ने एनएमडीसी से भी पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए सहयोग की उम्मीद की है.