जगदलपुर: मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत लगातार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में लोगों की मलेरिया जांच कर रहे हैं. मानसून के मौसम के साथ ही अंदरूनी क्षेत्रों में मलेरिया का प्रकोप दिन-प्रति-दिन लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी- कर्मचारियों द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है.
अभियान के इस चौथे चरण में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के अलावा कर्मचारीगण ने मैदानी स्तर पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
बस्तर में पिछले 4 दिनों से हो रही तेज बारिश के बाबजूद, अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल कम नहीं हुआ है. बस्तर में बारिश के दिनों में नदी नालें उफान पर होते हैं. बावजूद इसके सभी कर्मचारी और गांव के मितानिन अपनी जान जोखिम में डालकर नदी नालों को पार कर अंदरूनी क्षेत्र के गांव में पहुंचकर मलेरिया जांच कर रहे हैं.
कोंडागांव: मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का तीसरा चरण शुरू, मलेरिया रथ किया गया रवाना
स्वास्थ विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मलेरिया मुक्त अभियान के तहत चार चरणों में काम किया जा रहा है. चौथे चरण में जिले के हर एक गांव में एक एक व्यक्ति का मलेरिया जांच किया जा रहा है. लक्ष्य के मुताबिक जिले के सात ब्लॉक में एक एक ग्रामीणों का मलेरिया जांच किया जाना है और लक्ष्य को पूरा करने उफनती नदी नालों को पार कर स्वास्थ विभाग की टीम अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रही है और मलेरिया जांच कर ग्रामीणों को नि:शुल्क दवाई भी बांटी जा रही है. साथ ही इससे बचाव के लिए आवश्यक सुझाव भी ग्रामीणों को दिए जा रहे हैं.
मलेरिया अधिकारी ने बताया कि बस्तर जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए चौथे चरण का अभियान 15 जून से शुरू किया गया है. जो 31 जुलाई तक चलेगा. बस्तर जिले में मलेरिया मुक्त अभियान के प्रथम चरण में 5 हजार 203, द्वितीय चरण में 4 हजार 909 एवं तृतीय चरण में 1818 मलेरिया के पाॅजिटिव मामले पाये गए हैं.
चौथे चरण के इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग की 162 टीम के द्वारा 1 लाख 46 हजार 677 जनसंख्या वाले 149 पहुंच विहीन अतिसंवेदनशील गांव के 1 लाख 19 हजार 218 लोगों की मलेरिया जांच की गई है. इसमें से 1333 लोग मलेरिया पाॅजिटिव पाए गए हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के दौरान जिले के 283 घरों में मच्छरों का लार्वा भी पाया गया. जिसे नष्ट करने की कार्रवाई भी की गई. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दवाई और मच्छरदानी के बांटने के अलावा आम लोगों को मलेरिया के उपायों के संबंध में भी जानकारी भी दी जा रही है.
बस्तर जिले में अब तक 3 लाख 75 हजार 240 नग मच्छरदानी बांटी जा चुकी है. इसके साथ ही 16 जून से लगातार सिंथेटिक पायरेथ्राईड एवं डीडीटी का छिड़काव किया जा रहा है. जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि पिछले 4 सालों की तुलना में इस वर्ष 2021 में मलेरिया पॉजिटिव मरीजों की संख्या में 40 प्रतिशत की कमी आई है.