जगदलपुर: इस लॉकडाउन की मार अगर कोई सबसे ज्यादा झेल रहा है, तो वो हैं दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूर. रोजी-रोटी कमाने के लिए दूसरे राज्यों में गए मजदूर अब अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. इसके लिए वे अपने गृह राज्यों के लिए पैदल ही निकल जा रहे हैं, जबकि श्रमिकों के लिए सरकार ट्रेनें चला रही है. केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों और देशभर में फंसे लोगों की घर वापसी की अनुमति दे दी है, लेकिन कई मजदूर इससे अंजान हैं.
जगदलुपर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां आंध्रप्रदेश से झारखंड के लिए पैदल निकले मजदूर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बॉर्डर पर फंस गए हैं. ओडिशा सरकार ने इन मजदूरों को छ्त्तीसगढ़ की सीमा पर लाकर छोड़ दिया है. वहीं छत्तीसगढ़ की सीमा पर जानकारी देने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं है.
विशाखापट्टनम से शुरू की है यात्रा
ऐसे में अब लगभग 30 की संख्या में सीमा पर फंसे ये मजदूर 24 घंटे से अधिक समय से भूखे और परेशान हैं. मजदूरों ने बताया कि उन्हें छत्तीसगढ़ बॉर्डर पार करने नहीं दिया जा रहा है और वापस लौटने को कहा जा रहा है, जिससे वे बेहद परेशान हैं. ये मजदूर विशाखापट्टनम से लगभग 350 किलोमीटर की दूरी तय कर छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंचे हैं और अब उनकी किसी तरह की मदद नहीं की जा रही है.
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छत्तीसगढ़ सरकार से लगाई मदद की गुहार
मजदूरों ने छत्तीसगढ़ सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मजदूरों का कहना है कि उनके पैसे भी खत्म हो गए हैं और वह अपने घर जाना चाहते हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार उनकी मदद करे, ताकि वे अपने घर तक पहुंच सकें.
12 मई से शुरू हुई यात्री ट्रेनें
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण अचानक देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया था. फिलहाल लॉकडाउन चल रहा है, लेकिन 12 मई से सरकार ने यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है. हालांकि लॉकडाउन फेज 3 से ही मजदूरों की घर वापसी के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. आज से 15 यात्री ट्रेनें शुरू हो चुकी हैं.