जगदलपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद संभालने के बाद किरणमयी नायक शुक्रवार को 4 दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुंची. इस दौरे के दौरान किरणमयी नायक कांकेर, कोंडागांव, जगदलपुर और दंतेवाड़ा में महिलाओं से जुड़े मामले पर जन सुनवाई करेंगी. दौरे के पहले दिन जगदलपुर कलेक्ट्रेट के प्रेरणा सभागार में उन्होंने जन सुनवाई के दौरान 18 मामलों की सुनवाई की. इसके तहत उन्होंने 3 मामलों का मौके पर ही निराकरण किया. वहीं स्वास्थ्य विभाग के एक महिला कर्मचारी के मामले में आंतरिक परिवार समिति का भी गठन किया.
पुलिस को साइबर और सोशल मीडिया का सहारा लेने का आदेश
किरणमयी नायक ने जनसुनवाई के दौरान भानपुरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक महिला की गुमशुदगी के मामले में थाना प्रभारी तामेश्वर चौहान को फटकार भी लगाई. उन्होंने कहा कि भानपुरी पुलिस ने महिला की गुमशुदगी मामले को जिम्मेदारी से नहीं लिया जिस वजह से पीड़ित पक्ष ढाई साल से पुलिस के चक्कर काट रहा है. मामला भानपुरी क्षेत्र के लामकेर गांव का है जहां लक्ष्मण राम कश्यप की 30 वर्षीय बेटी आज से ढाई साल पहले ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर कहीं चली गयी, जिसकी शिकायत पिता ने थाने में की पर अब तक पुलिस द्वारा केवल गोलमोल जवाब दिया जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग की अध्यक्ष ने थानेदार को साइबर की मदद लेने और सोशल मीडिया का सहारा भी लेने का आदेश दिया.
'आदिवासियों का अशिक्षित होना प्रमुख कारण'
बस्तर से आदिवासी युवतियों के लगातार पलायन पर उन्होंने कहा कि यह केवल बस्तर ही नहीं सरगुजा जैसे क्षेत्रों की भी समस्या है. इसके पीछे आदिवासियों का अशिक्षित होना प्रमुख कारण है, जिससे उन्हें आसानी से बरगला कर अन्य राज्य ले जाया जाता है. कई मामलों में परिजनों द्वारा शिकायत भी नहीं की जाती जिससे उचित समय पर कार्रवाई नहीं हो पाती. इस समस्या पर काम किया जा रहा है और साथ ही साथ जागरूकता भी फैलाई जा रही है.
GOOD NEWS: छत्तीसगढ़ में आरक्षकों की भर्ती के लिए 4 जनवरी से फिजिकल टेस्ट, यहां पढ़ें सारी जानकारी
बस्तर जिले में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर किरणमयी नायक ने कहा कि मामला दर्ज होने के बाद पुलिस की कार्रवाई की जा रही है. ऐसे मामले में अगर पुलिस कार्रवाई करने से बचेगी तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ डीजीपी से शिकायत की जाएगी. किरणमयी नायक ने भी माना कि बस्तर संभाग के अधिकांश जिलों में महिला स्टाफ की कमी है. महिला थाने भी नहीं खोले गए हैं. इस मामले में उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखने की बात कही है.