सुकमा: बस्तर संभाग के सुकमा जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम अंदरूनी इलाकों में पहुंची रही है. यह मेडिकल टीम ग्रामीणों का समय समय पर इलाज कर रही है. स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध न होने से यहां ग्रामीणों की मौत हो जाती है. यही वजह है कि यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच कर ग्रामीणों का इलाज कर रही है.
ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी: सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र पेंटापाड़ में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची. इस टीम ने ग्रामीणों का हेल्थ चेकअप किया. गांव के लोगों से बीमारियों को लेकर चर्चा की गई. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इमली पेड़ के नीचे स्वास्थ्य शिविर लगाया. मेडिकल टीम ने सभी ग्रामीणों का इलाज किया और दवाईयां दी.
उपसरपंच ने किया स्वास्थ्य विभाग से संपर्क: गांव के उपसरपंच ने बताया कि गांव की समस्याओं को देखते हुए हमने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया था. स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में बुलवाया था. जिसके बाद मेडिकल टीम पहुंची. घंटों ग्रामीणों का इलाज किया गया. साथ ही यह भी बताया कि कुछ ग्रामीण महुआ बीनने के लिए खेतों की ओर गए हुए थे. जो धीरे-धीरे शिविर में पहुंचे. आसपास के गांव से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण शिविर में पहुंचे. जिन्होंने अपना इलाज करवाया.
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अंदरूनी क्षेत्रों में नहीं है मूलभूत सुविधाएं: सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक में जैसे-जैसे सड़कों का जाल बिछ रहा है. वैसे ही अंदरूनी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं व मूलभूत सुविधाएं अब आदिवासी ग्रामीणों को मिलने लगी है. मुख्यालय से सटे दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां तक शिक्षकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को चुनौती पूर्ण सफर करना पड़ता था. आज सुकमा जिले के घोर नक्सलप्रभावित क्षेत्र पेंटापाड में सचिव सरपंच के सहयोग से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. जिसमे पेंटापाड़ ग्रामपंचायत के 9 गांवों के ग्रामीणों ने पहुंचकर वर्षों पुरानी बिमारी का उपचार कराया.
इलाज के अभाव में लोगों की हो रही मौत: पेंटापाड़ क्षेत्र में किसी ग्रामीण को इमरजेंसी सुविधा नहीं मिल पाती थी. जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हो गई थी. साथ ही उपचार ले लिए ग्रामीणों को पैदल ही मुख्यालय पहुंचना पड़ता था.