बस्तर: बस्तर में कालाबाजारी का यह स्टिंग ऑपरेशन जगदलपुर के संतोषी वार्ड स्थित राशन दुकान का है. जहां सरकारी राधन चावल को प्लास्टिक के बोरी में भरकर ऑटो से कालाबाजारी की जाती है. जब ईटीवी की टीम संतोषी वार्ड में पहुंची, तब आसपास के वार्डवासियों ने जानकारी दिया कि राशन दुकान से प्रतिदिन ऐसे ही ऑटो में भरकर चावल की कालाबाजारी की जाती है. जिसके बाद सच्चाई जानने के लिए हमनें स्टिंग ऑपरेशन किया.
चावल की कालाबाजारी को किया उजागर: ईटीवी की टीम ने अपने कैमरे में चावल तस्करी की तस्वीर को कैद किया. जैसे चावल भरकर ऑटो निकला, हमारी टीम ने ऑटो का पीछा किया. जिसके बाद राशन दुकान से चावल भरकर 300 मीटर दूर खपाने के लिए सानू राइस मिलर्स में पहुंचाया गया. जिसके बाद हमारी टीम ने सरकारी चावल के कालाबाजारी को उजागर किया है.
राइस मिलर ने किया खुलासा: स्टिंग ऑपरेशन के दौरान राइस मिलर सानू ने बताया कि "उसे यह चावल पीडीएस के दुकान से मिलता है. हालांकि उसने रकम नहीं बताई, लेकिन यह जरूर बताया कि पीडीएस की दुकान के संचालक उन्हें हर महीने 10 हजार किलो चावल बेचता है." दुकान के विक्रेता ने खुद स्वीकार कि शहर में ऐसे 4-5 जगह हैं, जहां पर चावल की बिक्री की जाती है. हालांकि उसने यह बताया कि राशन दुकान में हितग्राहियों से चावल की खरीदी करके उसे आगे अधिक दामों में बेचा जाता है.
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क्या कहते हैं अधिकारी: बस्तर खाद्य अधिकारी घनश्याम राठौर का कहना है कि "पीडीएस की दुकानों में गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को दी जाने वाली चावल में किसी तरह की हेराफेरी नहीं की जा सकती. यदि कोई दुकान संचालक इस तरह चावल दूसरे राज्यों में या फिर मिलर्स को भेजता है, तो इसके लिए उस पर कार्रवाई का प्रावधान है.
मामले में कड़ी कार्रवाई कीव बात कही: बस्तर खाद्य अधिकारी घनश्याम राठौर ने आगे कहा कि "ऐसी शिकायत उन्हें भी कई बार मिली है और पिछले 7 से 8 महीने में जिले में पांच से छह राशन दुकान संचालक को पर कार्रवाई की गई है. जिसमें राशन दुकान संचालक के ऊपर थाना में शिकायत दर्ज करवाया गया है." उन्होंने कहा कि "इस शिकायत के बाद इसकी जांच की जाएगी और सरकारी चावल की कालाबाजारी के मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.