ETV Bharat / state

गोंचा पर्व की तैयारी: कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहने भक्तों को दर्शन देंगे भगवान

author img

By

Published : Jun 20, 2020, 1:29 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

23 तारीख से शुरू होने वाले रथयात्रा की तैयारी बस्तर में जोर-शोर से चल रही है. कोरोना काल में भी नियमों का पालन करते हुए गोंचा समिति परंपरागत तरीके से 611 साल पुराने गोंचा महापर्व मनाने की तैयारी में जुटी हुई हैं.

goncha-festival-in-bastar
goncha-festival-in-bastar

जगदलपुर: बस्तर में हर साल मनाए जाने वाले गोंचा पर्व की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा उत्सव को बस्तर में गोंचा कहते हैं. ये पर्व यहांं 611 साल से मनाया जा रहा है. इसमें बस्तर राजपरिवार के सदस्यों से लेकर ग्रामीण अंचलों में रहने वाले आदिवासी और आरण्यक ब्राह्मण समाज के 360 लोग शामिल होते हैं.

23 जून से नेत्रोत्सव रस्म के साथ शुरू होगा महापर्व

गोंचा पर्व की तैयारी

23 जून से नेत्रोत्सव रस्म के साथ ही पूरे सप्ताह भर चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत हो जाएगी. हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन ने गोंचा पर्व समिति को नियमों के पालन करने के सख्त निर्देश भी दिए हैं. कलेक्टर ने कुछ शर्तों के तहत गोंचा पर्व के दौरान रथ परिक्रमा की अनुमति दी है.

रायपुर: नहीं दिखेगी रथयात्रा की रौनक, मंदिर में नहीं लगेगा श्रद्धालुओं का तांता

611 सालों से बस्तर में मनाया जा रहा है गोंचा महापर्व

बस्तर में 611 वर्षों से लगातार मनाए जाने वाले गोंचा महापर्व की शुरुआत चंदन जात्रा रस्म के साथ ही हो गई थी. पर्व के शुरुआत होने के साथ ही 4 पहियों के नए रथ निर्माण का काम भी शहर के सिरहसार भवन में चल रहा है. इस महापर्व की जानकारी देते हुए आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष विवेक पांडे ने बताया कि बस्तर में 611 साल पहले राजा पुरषोत्तम देव अपने साथ भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के विग्रह लेकर आए थे. उसके बाद पुरी के राजा ने उन्हें रथपति की उपाधि दी थी, जिसके बाद से बस्तर में गोंचा पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है और रथ यात्रा निकाली जा रही है. इस पर्व के रस्मों में राज परिवार की सक्रिय भागीदारी रहती है.

जगन्नाथ धाम : जानिए 'शारदा बाली' की पवित्र बालू का रहस्य

23 जून को स्वस्थ होकर लौटेंगे भगवान

गोंचा पर्व समिति के अध्यक्ष हेमंत पांडे ने बताया कि बस्तर में मनाए जाने वाले गोंचा महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. इस समय भगवान जगन्नाथ चंदन जात्रा में हैं. 23 जून को नेत्र उत्सव रस्म के साथ ही भगवान स्वस्थ होकर लौटेंगे और श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे. अध्यक्ष ने बताया कि शहर के सिरहसार भवन को जनकपुरी बनाया गया है, जहां 23 जून से 1 जुलाई तक भगवान के 22 विग्रहों को विराजित किया जाएगा और इस दौरान श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे.

बालोद: भक्तों को ऑनलाइन करना होगा मां गंगा का दर्शन, अभी नहीं खुलेंगे मंदिर के पट

गोंचा पर्व पर कोरोना का असर

preparation of goncha mahaparv
गोंचा पर्व की तैयारी

हालंकि कोरोना का असर गोंचा पर्व पर भी पड़ा है. देश में फैली कोरोना महामारी की वजह से इस साल सप्ताह भर चलने वाले इस पर्व में सभी रस्मों को स्थगित कर दिया गया है. लेकिन 23 जून को होने वाले नेत्र उत्सव के साथ ही सभी श्रद्धालु प्रशासन के द्वारा दिए गए नियमों का पालन कर भगवान के दर्शन कर सकेंगे. इस दौरान 60 साल के बुजुर्ग और 10 साल से छोटे बच्चों को मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा. मंदिर में जाने से पहले सभी श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर, हैंड वॉश और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.

हर वर्ष इस महापर्व को देखने दूर दराज व अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में जगदलपुर पहुंचते रहे हैं लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पिछले सालों की तुलना में इस वर्ष काफी कम लोग पर्व के दौरान मौजूद रहेंगे. इस महापर्व को धूमधाम से मनाया जा सके इसके लिए गोंचा पर्व समिति और आरण्यक समाज के लोग दिन-रात पूरी तैयारियों में जुटे हुए है.

preparation of goncha mahaparv
गोंचा पर्व की तैयारी

जगदलपुर: बस्तर में हर साल मनाए जाने वाले गोंचा पर्व की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा उत्सव को बस्तर में गोंचा कहते हैं. ये पर्व यहांं 611 साल से मनाया जा रहा है. इसमें बस्तर राजपरिवार के सदस्यों से लेकर ग्रामीण अंचलों में रहने वाले आदिवासी और आरण्यक ब्राह्मण समाज के 360 लोग शामिल होते हैं.

23 जून से नेत्रोत्सव रस्म के साथ शुरू होगा महापर्व

गोंचा पर्व की तैयारी

23 जून से नेत्रोत्सव रस्म के साथ ही पूरे सप्ताह भर चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत हो जाएगी. हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन ने गोंचा पर्व समिति को नियमों के पालन करने के सख्त निर्देश भी दिए हैं. कलेक्टर ने कुछ शर्तों के तहत गोंचा पर्व के दौरान रथ परिक्रमा की अनुमति दी है.

रायपुर: नहीं दिखेगी रथयात्रा की रौनक, मंदिर में नहीं लगेगा श्रद्धालुओं का तांता

611 सालों से बस्तर में मनाया जा रहा है गोंचा महापर्व

बस्तर में 611 वर्षों से लगातार मनाए जाने वाले गोंचा महापर्व की शुरुआत चंदन जात्रा रस्म के साथ ही हो गई थी. पर्व के शुरुआत होने के साथ ही 4 पहियों के नए रथ निर्माण का काम भी शहर के सिरहसार भवन में चल रहा है. इस महापर्व की जानकारी देते हुए आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष विवेक पांडे ने बताया कि बस्तर में 611 साल पहले राजा पुरषोत्तम देव अपने साथ भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के विग्रह लेकर आए थे. उसके बाद पुरी के राजा ने उन्हें रथपति की उपाधि दी थी, जिसके बाद से बस्तर में गोंचा पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है और रथ यात्रा निकाली जा रही है. इस पर्व के रस्मों में राज परिवार की सक्रिय भागीदारी रहती है.

जगन्नाथ धाम : जानिए 'शारदा बाली' की पवित्र बालू का रहस्य

23 जून को स्वस्थ होकर लौटेंगे भगवान

गोंचा पर्व समिति के अध्यक्ष हेमंत पांडे ने बताया कि बस्तर में मनाए जाने वाले गोंचा महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. इस समय भगवान जगन्नाथ चंदन जात्रा में हैं. 23 जून को नेत्र उत्सव रस्म के साथ ही भगवान स्वस्थ होकर लौटेंगे और श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे. अध्यक्ष ने बताया कि शहर के सिरहसार भवन को जनकपुरी बनाया गया है, जहां 23 जून से 1 जुलाई तक भगवान के 22 विग्रहों को विराजित किया जाएगा और इस दौरान श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे.

बालोद: भक्तों को ऑनलाइन करना होगा मां गंगा का दर्शन, अभी नहीं खुलेंगे मंदिर के पट

गोंचा पर्व पर कोरोना का असर

preparation of goncha mahaparv
गोंचा पर्व की तैयारी

हालंकि कोरोना का असर गोंचा पर्व पर भी पड़ा है. देश में फैली कोरोना महामारी की वजह से इस साल सप्ताह भर चलने वाले इस पर्व में सभी रस्मों को स्थगित कर दिया गया है. लेकिन 23 जून को होने वाले नेत्र उत्सव के साथ ही सभी श्रद्धालु प्रशासन के द्वारा दिए गए नियमों का पालन कर भगवान के दर्शन कर सकेंगे. इस दौरान 60 साल के बुजुर्ग और 10 साल से छोटे बच्चों को मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा. मंदिर में जाने से पहले सभी श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर, हैंड वॉश और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.

हर वर्ष इस महापर्व को देखने दूर दराज व अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में जगदलपुर पहुंचते रहे हैं लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पिछले सालों की तुलना में इस वर्ष काफी कम लोग पर्व के दौरान मौजूद रहेंगे. इस महापर्व को धूमधाम से मनाया जा सके इसके लिए गोंचा पर्व समिति और आरण्यक समाज के लोग दिन-रात पूरी तैयारियों में जुटे हुए है.

preparation of goncha mahaparv
गोंचा पर्व की तैयारी
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.