जगदलपुर : नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी (Central Committee of Naxalite Organization) के मेंबर अक्की राजू उर्फ हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण की बीते 14 अक्टूबर को अज्ञात बीमारी से ग्रसित होने के चलते मौत हो गई. खुद नक्सली संगठन ने आज प्रेस बयान जारी कर हरगोपाल की मौत होने की पुष्टि की है. इसके बाद बस्तर के आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundarraj P) ने भी प्रेस नोट जारी कर सेंट्रल कमेटी मेंबर हरगोपाल के दक्षिण बस्तर एरिया में मौत होने की पुष्टि की है. बस्तर आईजी ने कहा कि पुलिस को भी तस्दीक के दौरान जानकारी मिली कि लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित होने के चलते हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण की मौत हो गई है. आईजी ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन (Government of Chhattisgarh) ने हरगोपाल पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. वह लंबे समय से माओवादी संगठन में आंध्र प्रदेश ओड़िशा बॉर्डर का सचिव था. हरगोपाल की मौत से नक्सल संगठन को काफी बड़ा नुकसान पहुंचाया है और अब धीरे-धीरे बस्तर में नक्सलियों की सप्लाई चेन भी टूटती नजर आ रही है.
2 वर्ष में नक्सली संगठन में तीन सेंट्रल कमेटी के मेंबर की अब तक मौत
इस मामले में बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि बीते 2 वर्षों में नक्सली संगठन में तीन सेंट्रल कमेटी के मेंबर की अब तक मौत हो चुकी है. इनमें हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण, सीसी मेंबर रमन्ना और हरी भूषण राव शामिल हैं, जिनकी मौत बस्तर के इलाके में ही हुई है. इसके अलावा DKSZC मेंबर सोबराय, विनोद, गंगा और DVC मेम्बर की भी मौत हाल ही में हुई है. बड़े नक्सली लीडरों की अलग-अलग कारणों से मौत के साथ ही लगातार बस्तर में नक्सली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं. कई नक्सलियों की गिरफ्तारी भी पुलिस कर रही है. ऐसे में लगातार नक्सली संगठन बस्तर में कमजोर पड़ता जा रहा है.
दो साल में 35 से भी नये पुलिस कैंप खुले, सभी नक्सल प्रभावित इलाकों में
वहीं आईजी ने बताया कि बीते 2 वर्षों में बस्तर पुलिस ने 35 से भी अधिक नये पुलिस कैंप खोले हैं और ये सभी कैंप घोर नक्सल प्रभावित इलाके में खोले गए हैं, जहां पुलिस के जवान ग्रामीणों का विश्वास जीत रहे हैं. यही वजह है कि अब बस्तर के अंदरूनी इलाकों में धीरे-धीरे नक्सलियों की पैठ खत्म होती जा रही है. नक्सलमुक्त बस्तर बनाने में भी ग्रामीण बढ़-चढ़कर पुलिस का सहयोग कर रहे हैं.
अब बेहद कमजोर होगा नक्सलियों का सप्लाई चेन
बस्तर आईजी ने कहा कि आने वाले दिनों में आंध्रा, ओड़िशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा होगा. वहीं माओवादी संगठन में सबसे प्रमुख माने जाने वाले हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण, हरीभूषण राव और रमन्ना की मौत के बाद नक्सलियों का सप्लाई चेन भी अब काफी कमजोर होगा. इसका फायदा बस्तर पुलिस उठाएगी और बस्तर को जल्द ही नक्सलवाद मुक्त करने में सफल होगी.