जगदलपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर शिकंजा कसती जा रही है. जिसकी वजह से नक्सली बैकफुट पर हैं. पुलिस लगातार अभियान चलाकर नक्सलियों के नेटर्वक को तोड़ने में लगी है. बस्तर पुलिस अब नक्सलियों को मदद पहुंचाने वाले अर्बन नक्सलियों की पतासाजी में जुट गई है. लगातार पुलिस की कार्रवाई में नक्सलियों के कई शहरी नेटवर्क का खुलासा हुआ है.
पुलिस ने जून महीने में संभाग से कुल 21 नक़्सली मददगारों को धर दबोचा है और इनके पास से नक्सलियों को सप्लाई करने वाला सामान बरामद किया है. पुलिस इन नक़्सल मददगारों को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है. पुलिस के आला अधिकारियों का दावा है कि गिरफ्तार नक़्सल सहयोगियों के जरिए पुलिस नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को तोड़ने में कामयाब होगी.
- जून महीने में पुलिस ने नक्सलियों के 21 मददगारों को धर दबोचा
- 13 नक्सल सहयोगी कांकेर जिले से अरेस्ट किए गए
- 6 नक्सल मददगार सुकमा जिले से पकड़े गए
- 2 नक्सल सहयोगी दंतेवाड़ा से हुए गिरफ्तार
नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर पुलिस का शिकंजा
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर में नक्सलियों की पैठ मजबूत करने के पीछे शहरी नेटवर्क का बड़ा हाथ है. नक्सली हथियारों से लेकर रसद और दैनिक उपयोग के सामान, दवाइयां तक पाने के लिए शहरी नेटवर्क पर निर्भर रहते हैं. पुलिस समय-समय पर ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों के इन मददगारों पर शिकंजा कसने की कार्रवाई करती रहती है.
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कई लोगों को किया गया गिरफ्तार
आईजी ने बताया कि सुकमा जिले से नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में एएसआई और एक हेड कांस्टेबल को पुलिस ने कारतूस सप्लाई करने के जुर्म में गिरफ्तार किया है. दोनों पर नौकरी से बर्खास्त करने के साथ ही धारा 351 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं कांकेर जिले में बिलासपुर के नामी ठेकेदारों को भी गिरफ्तार किया गया है, हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी वैभव जैन अभी भी फरार है जिसकी पतासाजी की जा रही है और उस पर इनाम भी घोषित किया गया है.
पुलिस जुटा रही अहम जानकारी
उन्होंने बताया कि इस महीने गिरफ्तार 21 लोगों से पूछताछ के दौरान पुलिस को और भी कई अहम जानकारी मिली है जिसके तहत पुलिस लगातार इस मामले की छानबीन में जुटी है और हाल ही में इस मामले को लेकर संभाग के सभी एसपी के साथ बैठक भी की गई है. आईजी ने दावा किया है कि पुलिस नक्सलियों के शहरी और ग्रामीण नेटवर्क को तोड़ने में पूरी तरह से जुटी हुई है और नक्सलियों के चैन को तोड़ने में कामयाब भी होगी.
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इसके अलावा आईजी ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन जारी है और शहरी नेटवर्क का भी भंडाफोड़ करने के लिए विशेष टीम का गठन कर इस मामले की तफ्तीश की जा रही है. मई तक पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था और 14 मई को करोड़ों का कारोबारी निशांत जैन भी पुलिस के हत्थे चढ़ा था. पुलिस को उम्मीद है इन 21 नक्सल सहयोगी से उन्हें नक्सल मोर्चे पर जंग में काफी मदद मिल सकती है. जिससे नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन और मजबूत हो सकेगा.
पहले भी आ चुके हैं मामले
पहले भी कई मामले सामने आए हैं. जिसे विभागीय स्तर पर दबा दिया गया. जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में नक्सली संगठन से पुलिस में शामिल हुए आरक्षक द्वारा नक्सलियों को हथियार और कारतूस सप्लाई करते पकड़ा गया था. इसके बाद वर्ष 2016 में डीआरजी के कुछ जवानों पर भी नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने का आरोप लगा था.
इस मामले में एसआईटी गठित की गई है. जांच टीम को अहम सुराग हाथ लगे हैं. कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है. नक्सलियों के सप्लाई चेन में शामिल और भी लोगों के नामों का खुलासा जल्द किया जाएगा.