बलौदाबाजार/भाटापारा: सिनोधा गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. युवक एक दिन पहले ही कानपुर से लौटा था. जहां गांव के ही स्कूल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में उसे क्वॉरेंटीन किया गया था. युवक सिनेाधा गांव का रहने वाला था. फिलहाल खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल पाया है.
भाटापारा से करीब 7 किलोमीटर दूर सिमगा ब्लॉक का सिनोधा गांव की ये घटना है. यहां एक प्राथमिक शाला को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. जिसमें बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को क्वॉरेंटीन किया जा रहा है. इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में महिला, पुरुष और बच्चे को मिलाकर करीब 13 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया था. शुक्रवार शाम को क्वॉरेंटाइन सेंटर में निगरानी में रखे गए श्रमिक समारू निषाद ने स्कूल के कमरे में रोशन दान के लोहे की छड़ से कपड़ा बांधकर फांसी लगा ली. जिससे उसकी मौत हो गई.
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इलाके में हड़कंप
क्वॉरेंटाइन सेंटर में युवक की पत्नी और दो बच्चों को भी क्वॉरेंटाइन किया गया था. मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक महकमें और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई. घटना की सूचना मिलने पर भाटापारा पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को फांसी से उतारा.
ट्रेन से कूदने का किया था प्रयास
मृतक की पत्नि ने बताया कि वे लोग उत्तर प्रदेश के कानपुर से अपने गांव सिनोधा आए हैं. मृतक कानपुर से आते समय भी बार-बार ट्रेन से कूदने का प्रयास कर रहा था. उसकी पत्नी ने बताया कि मृतक मानसिक रूप से सही नहीं था. भाटापारा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जिसके बाद परिजनों को शव सौंप दिया गया है. भाटापारा में क्वॉरेंटाइन सेंटर में मौत की ये दूसरी घटना है. इससे पहले बीमारी के चलते सुहेला थाना क्षेत्र के मल्दी गांव में भी ऐसी घटना घट चुकी है.