बलौदाबाजार: कलेक्टर सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने जिला हॉस्पिटल बलौदाबाजार में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया गया. स्वास्थ्य विभाग के अंर्तगत राष्ट्रीय मानसिक कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्सालय में कनेक्ट सम वन टू लाई पर आधारित विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया गया है. इस अवसर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसमें जिला चिकित्सालय के सभी अधिकारी और कमर्चारियों सहित हॉस्पिटल में आए मरीज भी हस्ताक्षर कर सहमती जाहिर की.
इस कार्यक्रम दौरान सभी ने शपथ भी ली. सभी लोगों ने अपने जीवन को समाप्त करने के लिए स्वयं प्रयास नहीं करूंगा और मेरे आस पास के लोग जो इस तरह के विचार रखते हैं, उनका हर संभव मदद करूंगा. इस तरह के शपथ लेकर हस्ताक्षर किया.
समस्याओं को घर परिवार मित्रों के साथ हमेशा साझा करें
इस अवसर पर जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (CMHO) डॉ खेमराज सोनवानी, मुख्य सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डाॅ. अभय सिंह परिहार ने हस्ताक्षर कर इस अभियान की शुरूआत की. उन्होंने इस समय लोगों को जागरूक रहने और वैश्विक महामारी के बीच अपने मन का ख्याल रखने की बात कही. इसके साथ ही लोगों से अपील की है कि अपनी समस्याओं को घर परिवार मित्रों के साथ हमेशा साझा करें.
डाॅक्टर के सलाह की जरूरत
इस कार्यक्रम के अवसर पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ. राकेश कुमार प्रेमी ने भी सहमति पूर्वक हस्ताक्षर कर सभी को बताया कि आत्महत्या एक वैश्विक समस्या है. इस गंभीर समय कोविड 19 वैश्विक महामारी के गंभीर समय में लोगों को चिंता घबराहट डर हो सकती है. इन परिस्थितियों में हमें डाॅक्टर के सलाह की जरूरत है. ज्यादा चिंता करने और डरने के बजाय अपनी उचित देख भाल करनी चाहिए.
आत्महत्या को रोका जा सकता है
डाॅ. प्रेमी ने कहा कि जब भी घर से बाहर निकलें, तो चहरे पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और किसी भी प्रकार के कोविड 19 के लक्षण दिखाई देने पर अस्पताल जाकर कोविड की जांच कराएं. डाॅ. प्रेमी ने बताया कि आत्महत्या का विचार रखने वाले व्यक्ति के मन में व्यवहार में सोचने, समझने और निर्णय लेने में बदलाव रहते है. इसे पहचान कर आत्महत्या को रोका जा सकता है. जैसे एक आत्महत्या करने वाला व्यक्ति हमेशा अपने साथ गलत होने की बात करते हैं. वे कहते हैं कि अब मुझे जीना नहीं चाहिए मेरा जीवन बोझ है.
मन में आते हैं आत्महत्या करने के ख्याल
ऐसे व्यक्ति बहुत ज्यादा समस्याओं में फंसे हुए होते हैं. ऐसे व्यक्ति हमेशा किसी भी प्रकार के निर्णय लेने से डरते रहते हैं. ऐसे व्यक्ति लोगों से कटे कटे रहते हैं और सोचते रहते हैं कि जीवन को कैसे समाप्त करें. कौन-कौन से तरीकों से जीवन को समाप्त किया जा सकता है, ऐसे प्रश्न करते रहते हैं. इस तरह के लक्षण को पहचान कर हम ऐसे व्यक्तियों कि मदद कर सकते हैं. इन व्यक्तियों को मदद की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. हमेशा इन व्यक्तियों की मदद के लिए उचित सलाह देते हुए जिला चिकित्सालय के स्पर्श क्लीनिक कमरा नंबर 11 मनोरोग विभाग भेज कर सहायता कर सकते हैं.
अस्पताल में मौजूद हैं डॉक्टर्स
डाॅ. प्रेमी ने बताया कि हमारे जिला चिकित्सालय में इस प्रकार के समस्याओं का निवारण और उपचार के लिए गेट कीपर आत्महात्या रोकथाम पर प्रशिक्षण प्राप्त क्लीनिकल साइकोलाॅजिस्ट मोहिन्दर घृतलहरे, साइकेट्रिक सोशल वर्कर रोशन लाल साइकेट्रिक, नर्स शिवकुमारी गोस्वामी और कम्यूनिटी नर्स भारती यादव सेवाएं दे रहे हैं.