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मनरेगा ने दिया हाथ को काम, अब पलायन को मजबूर नहीं होंगे मजदूर

पूरी दुनिया आज मजदूर दिवस मना रही है. ऐसे में हम बात करेंगे उन मजदूरों की, जिन्हें अब काम की तलाश के लिए अब पलायन नहीं करना पड़ता है.

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Published : May 1, 2019, 6:29 PM IST

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बिलाईगढ़: बिलाईगढ़ ब्लॉक में रहने वाले मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिल रहा है. इसकी वजह से अब यहां के लोगों का पलायन कम हो गया है.

मजदूरों को मिल रहा काम


मनरेगा के तहत काम की मिली स्वीकृति
जनपद से मिली जानकारी के अनुसार 2018 में मनरेगा से 45 करोड़ 73 लाख 55 हजार के काम की स्वीकृति मिली है. इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों में काम चल रहा है और मजदूरों को जीवन यापन करने के लिए बाहर पलायन नहीं करना पड़ेगा

बिलाईगढ़: बिलाईगढ़ ब्लॉक में रहने वाले मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिल रहा है. इसकी वजह से अब यहां के लोगों का पलायन कम हो गया है.

मजदूरों को मिल रहा काम


मनरेगा के तहत काम की मिली स्वीकृति
जनपद से मिली जानकारी के अनुसार 2018 में मनरेगा से 45 करोड़ 73 लाख 55 हजार के काम की स्वीकृति मिली है. इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों में काम चल रहा है और मजदूरों को जीवन यापन करने के लिए बाहर पलायन नहीं करना पड़ेगा

Intro:01/05/2019

रिपोर्ट - करन साहू

लोकेशन - बिलाईगढ़

स्लग - श्रमिक दिवस स्पेशल - बिलाईगढ़ में श्रमिको को मिल रहा है मनरेगा में काम..

एंकर :- ओ कहते है ना की अगर इस जहाँ में मजदूर का न नामों निशाँ होता, फिर न होता हवामहल और न ही ताजमहल होता. आज अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस में बिलाईगढ़ ब्लाक में मजदूरो को मनरेगा का काम मिलने से पलायन नहीं करना पड़ रहा है.


वीओ :- हमारे समाज में मजदूर वर्ग को हमेशा गरीब इन्सान समझा जाता है, धुप में मजदूरी करने वालों को ही हम मजदूर समझते है. इसके विपरीत मजदूर समाज का वह अभिन्न अंग है,जो समाज को मजबूत व् परिपक्व बनाता है, समाज को सफलता की ओर ले जाता है. मजदूर वर्ग में वे सभी लोग आते है, जो किसी संस्था या निजी तौर पर किसी के लिए काम करते है और बदले में मेहनतामा लेते है. शारीरिक व् मानसिक रूप से मेहनत करने वाला हर इन्सान मजदूर है, फिर चाहे वह ईट सीमेंट से सना इन्सान हो या एसी ऑफिस में फाइल के बोझ तले बैठा एक कर्मचारी. इन्ही सब मजदूर, श्रमिक को सम्मान देने के लिए मजदूर दिवस मनाया जाता है. बात करे बिलाईगढ़ ब्लाक की तो यहा मजदूरो का अब कम ही रूप से पलायन करना पड़ता है. जनपद से मिली जानकारी के अनुसार 2018 में मनरेगा से 45 करोड़ 73लाख 55 हजार की स्वीकृति मिली है जिसमे सभी ग्राम पंचायतो में काम चल रहा है. और मजदूरो को अपनी जीवन यापन करने के लिए बाहर पलायन नही करना पड़ रहा है.

बाईट :- जाम बाई - मजदूर(बैगनी साड़ी)

बाईट :- फूलबाई - मजदूर (लाल साड़ी)


मजदूर का मतलब हमेशा गरीब से नहीं होता हैं, मजदूर वह ईकाई हैं, जो हर सफलता का अभिन्न अंग हैं, फिर चाहे वो ईंट गारे में सना इन्सान हो या ऑफिस की फाइल्स के बोझ तले दबा एक कर्मचारी. हर वो इन्सान जो किसी संस्था के लिए काम करता हैं और बदले में पैसे लेता हैं, वो मजदूर हैं.

बाईट - धनसाय साहू - सरपंच भण्डोरा( काला टी शर्ट)

बाईट - विजय सिंह - मजदूर(लाल टी शर्ट)

बाईट - भूपाल सिंह - मजदूर (पीला शर्ट )Body:01/05/2019

रिपोर्ट - करन साहू

लोकेशन - बिलाईगढ़

स्लग - श्रमिक दिवस स्पेशल - बिलाईगढ़ में श्रमिको को मिल रहा है मनरेगा में काम..

एंकर :- ओ कहते है ना की अगर इस जहाँ में मजदूर का न नामों निशाँ होता, फिर न होता हवामहल और न ही ताजमहल होता. आज अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस में बिलाईगढ़ ब्लाक में मजदूरो को मनरेगा का काम मिलने से पलायन नहीं करना पड़ रहा है.


वीओ :- हमारे समाज में मजदूर वर्ग को हमेशा गरीब इन्सान समझा जाता है, धुप में मजदूरी करने वालों को ही हम मजदूर समझते है. इसके विपरीत मजदूर समाज का वह अभिन्न अंग है,जो समाज को मजबूत व् परिपक्व बनाता है, समाज को सफलता की ओर ले जाता है. मजदूर वर्ग में वे सभी लोग आते है, जो किसी संस्था या निजी तौर पर किसी के लिए काम करते है और बदले में मेहनतामा लेते है. शारीरिक व् मानसिक रूप से मेहनत करने वाला हर इन्सान मजदूर है, फिर चाहे वह ईट सीमेंट से सना इन्सान हो या एसी ऑफिस में फाइल के बोझ तले बैठा एक कर्मचारी. इन्ही सब मजदूर, श्रमिक को सम्मान देने के लिए मजदूर दिवस मनाया जाता है. बात करे बिलाईगढ़ ब्लाक की तो यहा मजदूरो का अब कम ही रूप से पलायन करना पड़ता है. जनपद से मिली जानकारी के अनुसार 2018 में मनरेगा से 45 करोड़ 73लाख 55 हजार की स्वीकृति मिली है जिसमे सभी ग्राम पंचायतो में काम चल रहा है. और मजदूरो को अपनी जीवन यापन करने के लिए बाहर पलायन नही करना पड़ रहा है.

बाईट :- जाम बाई - मजदूर(बैगनी साड़ी)

बाईट :- फूलबाई - मजदूर (लाल साड़ी)


मजदूर का मतलब हमेशा गरीब से नहीं होता हैं, मजदूर वह ईकाई हैं, जो हर सफलता का अभिन्न अंग हैं, फिर चाहे वो ईंट गारे में सना इन्सान हो या ऑफिस की फाइल्स के बोझ तले दबा एक कर्मचारी. हर वो इन्सान जो किसी संस्था के लिए काम करता हैं और बदले में पैसे लेता हैं, वो मजदूर हैं.

बाईट - धनसाय साहू - सरपंच भण्डोरा( काला टी शर्ट)

बाईट - विजय सिंह - मजदूर(लाल टी शर्ट)

बाईट - भूपाल सिंह - मजदूर (पीला शर्ट )Conclusion:
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