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बलौदाबाजार के जुड़वा भाई शिवनाथ और शिवराम की कहानी, जिन पर शहर वासियों को था नाज

जिले के शिवनाथ और शिवराम जुड़वा भाई (Shivnath and Shivram Bhai) थे. अब उनकी कहानी पूरे जिले में गूंज रही है. दोनों भाइयों को लोग दैवीय अवतार (divine incarnation) मानते थे. दोनों जुड़वा भाई अपने परिवार के लिए मानों तकदीर के रूप में पैदा हुए लेकिन अब उनकी मौत से एक तरफ परिवार तो दूसरी ओर उनके चहेते काफी दुखी हैं. लोगों का मानना है कि दोनों भाइयों का जिस्म दो जरूर थे, लेकिन वह थे एक जान की तरह.

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Published : Oct 31, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Oct 31, 2021, 10:05 PM IST

death of twin brothers
बलौदाबाजार के जुड़वा भाई शिवनाथ और शिवराम की कहानी

बलौदा बाजारः जिले के शिवनाथ और शिवराम जुड़वा भाई थे. अब उनकी कहानी पूरे जिले में गूंज रही है. दोनों भाइयों को लोग दैवीय अवतार (divine incarnation) मानते थे. लेकिन उनकी मौत से अब लोग दुखी है. शिवनाथ और शिवराम साहू जुड़वा भाई थे.

death of twin brothers
दो जुड़वा भाइयों की मौत

उनके जिस्म अलग जरूर थे, लेकिन दोनों के बीच में प्रेम एक जान की तरह था. उनके दो पैर और चार हाथ थे. फेफड़े, हार्ट और ब्रेन अलग-अलग ही थे. इन्‍हें देखने दूर-दूर से लोग आते थे. दोनों आपस में पेट से जुड़े हुए थे. गांव के लोग इन्हें दैवीय अवतार (incarnation of goddess) मान कर पूजते थे. इस पर शिवनाथ और शिवराम के पिता और मां को अपने दोनों बेटों पर गर्व था. पिता राजकुमार मजदूरी करते हैं. घर में पांच बेटियां हैं.

पैदा होते ही चमक गई पूरे परिवार की तकदीर

बलौदा बाजार के दोनों जुड़वा भाई शिवनाथ और शिवराम अपने मां-बाप के लिए भी दैवीय अवतार बनकर उनकी जिंदगी में आए. उनके पैदा होने से पहले घर में काफी गरीबी थी. माता-पिता को आर्थिक झंझावतों से जूझना पड़ रहा था. एक ही जिस्म से जुड़े दोनों भाइयों का परवरिश भी आसान नहीं था. उनके जन्म के बाद से ही मानों घर की तकदीर बदलने लगी. गरीब परिवार के लिए दोनों भाई 'लक' बन कर और परिवार की माली हालत धीरे-धीरे सुधरने लगी.

आसपास के इलाकों समेत पूरे देश से हजारों लोग इनको देखने पहुंचते थे. पैसे भी देते थे. जिसके बाद से परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी. लोग उनकी न सिर्फ आर्थिक मदद करते थे बल्कि वह दोनों पब्लिक के बीच काफी लोकप्रिय और चहेते भी बन गए. दोनो सोशल मीडिया में आने के बाद अपनी लोकप्रियता की और अधिक सुर्खियां बटोरने लगे.

स्कूल के मेधावी छात्र थे दोनों भाई

शिवनाथ और शिवराम अपनी क्लास के मेधावी छात्र (merit student) थे. हर काम में दोनों भाई एक-दूसरा का पूरा ख्‍याल रखते थे. जब एक बैठता था तो दूसरे को लेटना पड़ता था, विकलांगों (handicapped) को मिलने वाली साइकिल चलाकर दोनों स्कूल जाते थे. पूरे स्कूल को इन पर नाज था.

death of twin brothers
दो जुड़वा भाइयों की मौत

दोनों भाइयों को अलग करना था मुश्किल-डॉक्टर

डॉक्टरों का कहना था कि इन दोनों को अलग नहीं किया जा सकता. क्योंकि उनकी जान खतरे में पड़ सकती थी. यही वजह है कि परिवार वालों ने इन दोनों भाइयों के ऑपरेशन (operation) के बारे में सोचना छोड़ दिया था.

मारपीट का वीडियो वायरल करने वालों की खैर नहीं, पुलिस IT एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

दो जिस्म, एक जान थे दोनों भाई

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के छोटे से गांव खैन्दा में पैदा हुए दोनों जुड़वा भाइयों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. परिजनों की मानें तो मामूली बुखार के चलते जुडवा भाइयों ने दम तोड़ा है. बचपन से शरीर से जुड़े दोनों भाइयों की मौत के बाद इलाके में शोक की लहर है. दोनो भाई इलाके और छत्तीसगढ़ में ही नहीं, देश भर में चर्चित थे. अनूठी शारीरिक बनावट की वजह से देश भर से है नहीं, विदेश से भी लोग उन्हें देखने के लिए आते थे. ये देश के ऐसे जुडवा थे, जिन्हें लोग एक जिस्म दो जान के नाम से जानते थे.

21 वर्षीय जुड़वा भाई शिवराम और शिव नाथ का जन्म सन 2000 में हुआ था. बताया जाता है कि इनके जैसे अनूठी शारीरिक बनावट के पूरे देश में कहीं जन्म नहीं हुआ. जिसके कारण लोग इन्हें देखने दूर-दूर से आते थे. शरीर की बनावट ऐसी थी कि इनके ऊपर डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनी थी. उनकी स्टोरी कई नेशनल और इंटरनेशनल टीवी शो में भी चली थी. दोनों जुड़वा शोशल मीडिया पर खूब एक्टिव थे. चाहे इंस्टाग्राम हो, फेसबुक हो या फिर टिक-टॉक, सभी प्लेटफार्म पर दोनों भाइयों के मिलियन वीवर्स थे. हाल ही में दोनों की पेट्रोल पंप पर स्कूटी में पेट्रोल भराते वीडियो वायरल हुआ था.


मौत का कारण संदेहास्पद
इधर, जुड़वा भाइयों की मौत के बाद इलाके में शोक की लहर है. घटना के बाद पुलिस मौके कई घंटों के इंतजार के बाद पहुंची. ग्रामीण आखिर मौत की वजह जानना चाहते थे. लेकिन इस संदेहास्पद मौत का राज अब राज ही बन कर रह जाएगा. मीडिया के दखल के बाद जैसे-तैसे चौकी प्रभारी बी.के. सोम शमशान घाट पहुंचे. जहां डेड बॉडी की शिनाख्त करने खुद पहुंचे और किसी चिकित्सक को बुलाना मुनासिब नहीं समझा. चौकी प्रभारी ने खुद ही नेचुरल डेथ करार दिया. लोगों का कहना था कि दोनों भाइयों के शव का पोस्टमार्टम होना चाहिए.


नशे के आदि थे दोनों
शिवनाथ और शिवराम में एक सामाजिक बुराई भी यह थी कि वह नशे के आदि थे. उनकी मौत को नशे से भी जोड़ कर देखा जा रहा है. शिवराम और शिवनाथ जुड़वा भाइयों की स्टोरी कई नेशनल और इंटरनेशनल टीवी शो में भी चली थी. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन भाइयों पर रिसर्च भी किया था. कई बार दोनों के शरीर को अलग करने की बात सामने आई थी, लेकिन शारीरिक बनावट के जटिलताओं की वजह से उन्हें अलग नहीं किया जा सका. विधि का विधान देखिए कि वह दोनों जन्मे एकसाथ और एकसाथ ही मौत भी हो गई.

बलौदा बाजारः जिले के शिवनाथ और शिवराम जुड़वा भाई थे. अब उनकी कहानी पूरे जिले में गूंज रही है. दोनों भाइयों को लोग दैवीय अवतार (divine incarnation) मानते थे. लेकिन उनकी मौत से अब लोग दुखी है. शिवनाथ और शिवराम साहू जुड़वा भाई थे.

death of twin brothers
दो जुड़वा भाइयों की मौत

उनके जिस्म अलग जरूर थे, लेकिन दोनों के बीच में प्रेम एक जान की तरह था. उनके दो पैर और चार हाथ थे. फेफड़े, हार्ट और ब्रेन अलग-अलग ही थे. इन्‍हें देखने दूर-दूर से लोग आते थे. दोनों आपस में पेट से जुड़े हुए थे. गांव के लोग इन्हें दैवीय अवतार (incarnation of goddess) मान कर पूजते थे. इस पर शिवनाथ और शिवराम के पिता और मां को अपने दोनों बेटों पर गर्व था. पिता राजकुमार मजदूरी करते हैं. घर में पांच बेटियां हैं.

पैदा होते ही चमक गई पूरे परिवार की तकदीर

बलौदा बाजार के दोनों जुड़वा भाई शिवनाथ और शिवराम अपने मां-बाप के लिए भी दैवीय अवतार बनकर उनकी जिंदगी में आए. उनके पैदा होने से पहले घर में काफी गरीबी थी. माता-पिता को आर्थिक झंझावतों से जूझना पड़ रहा था. एक ही जिस्म से जुड़े दोनों भाइयों का परवरिश भी आसान नहीं था. उनके जन्म के बाद से ही मानों घर की तकदीर बदलने लगी. गरीब परिवार के लिए दोनों भाई 'लक' बन कर और परिवार की माली हालत धीरे-धीरे सुधरने लगी.

आसपास के इलाकों समेत पूरे देश से हजारों लोग इनको देखने पहुंचते थे. पैसे भी देते थे. जिसके बाद से परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी. लोग उनकी न सिर्फ आर्थिक मदद करते थे बल्कि वह दोनों पब्लिक के बीच काफी लोकप्रिय और चहेते भी बन गए. दोनो सोशल मीडिया में आने के बाद अपनी लोकप्रियता की और अधिक सुर्खियां बटोरने लगे.

स्कूल के मेधावी छात्र थे दोनों भाई

शिवनाथ और शिवराम अपनी क्लास के मेधावी छात्र (merit student) थे. हर काम में दोनों भाई एक-दूसरा का पूरा ख्‍याल रखते थे. जब एक बैठता था तो दूसरे को लेटना पड़ता था, विकलांगों (handicapped) को मिलने वाली साइकिल चलाकर दोनों स्कूल जाते थे. पूरे स्कूल को इन पर नाज था.

death of twin brothers
दो जुड़वा भाइयों की मौत

दोनों भाइयों को अलग करना था मुश्किल-डॉक्टर

डॉक्टरों का कहना था कि इन दोनों को अलग नहीं किया जा सकता. क्योंकि उनकी जान खतरे में पड़ सकती थी. यही वजह है कि परिवार वालों ने इन दोनों भाइयों के ऑपरेशन (operation) के बारे में सोचना छोड़ दिया था.

मारपीट का वीडियो वायरल करने वालों की खैर नहीं, पुलिस IT एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

दो जिस्म, एक जान थे दोनों भाई

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के छोटे से गांव खैन्दा में पैदा हुए दोनों जुड़वा भाइयों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. परिजनों की मानें तो मामूली बुखार के चलते जुडवा भाइयों ने दम तोड़ा है. बचपन से शरीर से जुड़े दोनों भाइयों की मौत के बाद इलाके में शोक की लहर है. दोनो भाई इलाके और छत्तीसगढ़ में ही नहीं, देश भर में चर्चित थे. अनूठी शारीरिक बनावट की वजह से देश भर से है नहीं, विदेश से भी लोग उन्हें देखने के लिए आते थे. ये देश के ऐसे जुडवा थे, जिन्हें लोग एक जिस्म दो जान के नाम से जानते थे.

21 वर्षीय जुड़वा भाई शिवराम और शिव नाथ का जन्म सन 2000 में हुआ था. बताया जाता है कि इनके जैसे अनूठी शारीरिक बनावट के पूरे देश में कहीं जन्म नहीं हुआ. जिसके कारण लोग इन्हें देखने दूर-दूर से आते थे. शरीर की बनावट ऐसी थी कि इनके ऊपर डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनी थी. उनकी स्टोरी कई नेशनल और इंटरनेशनल टीवी शो में भी चली थी. दोनों जुड़वा शोशल मीडिया पर खूब एक्टिव थे. चाहे इंस्टाग्राम हो, फेसबुक हो या फिर टिक-टॉक, सभी प्लेटफार्म पर दोनों भाइयों के मिलियन वीवर्स थे. हाल ही में दोनों की पेट्रोल पंप पर स्कूटी में पेट्रोल भराते वीडियो वायरल हुआ था.


मौत का कारण संदेहास्पद
इधर, जुड़वा भाइयों की मौत के बाद इलाके में शोक की लहर है. घटना के बाद पुलिस मौके कई घंटों के इंतजार के बाद पहुंची. ग्रामीण आखिर मौत की वजह जानना चाहते थे. लेकिन इस संदेहास्पद मौत का राज अब राज ही बन कर रह जाएगा. मीडिया के दखल के बाद जैसे-तैसे चौकी प्रभारी बी.के. सोम शमशान घाट पहुंचे. जहां डेड बॉडी की शिनाख्त करने खुद पहुंचे और किसी चिकित्सक को बुलाना मुनासिब नहीं समझा. चौकी प्रभारी ने खुद ही नेचुरल डेथ करार दिया. लोगों का कहना था कि दोनों भाइयों के शव का पोस्टमार्टम होना चाहिए.


नशे के आदि थे दोनों
शिवनाथ और शिवराम में एक सामाजिक बुराई भी यह थी कि वह नशे के आदि थे. उनकी मौत को नशे से भी जोड़ कर देखा जा रहा है. शिवराम और शिवनाथ जुड़वा भाइयों की स्टोरी कई नेशनल और इंटरनेशनल टीवी शो में भी चली थी. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन भाइयों पर रिसर्च भी किया था. कई बार दोनों के शरीर को अलग करने की बात सामने आई थी, लेकिन शारीरिक बनावट के जटिलताओं की वजह से उन्हें अलग नहीं किया जा सका. विधि का विधान देखिए कि वह दोनों जन्मे एकसाथ और एकसाथ ही मौत भी हो गई.

Last Updated : Oct 31, 2021, 10:05 PM IST
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