बलौदाबाजार: अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर बलौदाबाजार महाविद्यालय में विधि विभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कानूनी सलाहकार दीपा सोनी, वरिष्ठ अधिवक्ता भूपेंद्र ठाकुर सहित कई लोगों ने अपने विचार छात्रों के सामने रखे. कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना और संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंडेककर को नमन कर किया गया. दीपा सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि मानवाधिकार का मतलब उन सभी अधिकारों से है जो हमे जीवन जीने की आजादी देता है, लेकिन हमें ये ध्यान रखना चाहिए की हमारी आजादी का असर दूसरों पर गलत तरीके से नहीं पड़े.
अपने अधिकारों के प्रति रहें जागरुक: कार्यक्रम में शिरकत कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया का भाव मन में लेकर हमें चलना चाहिए. ठाकुर ने कहा कि जितना हम अपनी चिंता करते हैं उनती ही चिंता हमें देश और दूसरे नागरिकों के अधिकारों को लेकर भी करना चाहिए. मानव अधिकारों को लेकर लोगों में ये गलत धारणा भी है कि जो हम सोचते हैं और करते वो सही है, ऐसा बिल्कुल नहीं है. मानव अधिकार हमें जहां दूसरों की रक्षा का संदेश देता है वहीं अपने अधिकारों के प्रति भी जागरुक करता है.
मानव अधिकार क्यों हैं जरुरी ?
- समाज निर्माण और देश के विकास के लिए जरूरी
- अपने अधिकारों के प्रति जागरुक बनाना मकसद
- अपना दावा और खुद का बचाव करने का मिलता है अधिकार
- भागीदारी और संघर्श से शांतिपूर्ण समाधान दिलाता है
- मानव अधिकार से शिक्षा, स्वास्थ्य, समावेश का विकास होता है